मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

काम से ज्यादा हंगामें में व्यस्त रहे माननीय!

हरियाणा, छग व मप्र खर्च नहीं हुई 1.90 अरब की सांसद निधि
ओ.पी.पाल

15वीं लोकसभा में काम कम-हंगामा ज्यादा होने के बावजूद सांसदों ने निधि बढ़वाने में भी कोई हिचक नहीं की, लेकिन उसे अपने संसदीय क्षेत्र में खर्च करने में पिछड़ने में भी कोई परहेज नहीं समझा। मसलन लोकसभा में हंगामे में ज्यादा व्यस्त रहे माननीयों ने काम में खास रूचि नहीं ली। हरियाणा,छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सांसदों को इन पांच सालों में जारी हुई सांसद निधियों में से करीब 1.90 अरब की धनराशि को खर्च ही नहीं किया गया।
लोकसभा में 545 सदस्यों को साल दर साल अपने संसदीय क्षेत्र में विकास संबन्धी मदों के लिए प्रति वर्ष पांच करोड़ रुपये की धनराशि सांसद निधि के रूप में आवंटित करने का प्रावधान है। दिलचस्प बात यह है कि इस निधि को बढ़वाने के लिए तो सांसद तत्पर नजर आए, लेकिन खर्च करने के नाम पर उदासीनता नजर आई। 15वीं लोकसभा में संसद सत्र के अंतिम दिन की तारीख तक की बात करें तो लोकसभा के 545 सांसदों जारी की जा चुकी सांसद निधि में करीब 26.59 अरब रुपये की धनराशि ऐसी बची हुई है, जिसके खर्च होने का इंतजार है। इसके अलावा इस दिन तक राज्यसभा के सांसदों की भी 15.50 अरब की धनराशि का माननीय इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। जब कि मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र दो ही महीने शेष हैं, जिस अवधि में इतनी बड़ी रकम को खर्च करना आसान काम नहीं है। अब यदि हरियाणा, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश राज्यों में पचास सांसदों की बात की जाए तो इनकी सांसद
निधि में जारी की गई धनराशि में अभी भी करीब 1.90 अरब रुपये की रकम खर्च नहीं की जा सकी है।
निधि खर्च करने में जितेन्द्र मलिक अव्वल
हरियाणा राज्य की दस संसदीय सीटों के लिए 15वीं लोकसभा की अवधि के लिए प्रत्येक सांसद को 19-19 करोड़ की धनराशि सांसद निधि में देना तय हुआ था। राज्य में पानीपत के कांग्रेस सांसद जितेन्द्र मलिक ने सांसद निधि का 88.12 प्रतिशत खर्च करके बाजी मारी है, जिनका 2.31 करोड़ रुपया ही खर्च हुए बिना बचा हुआ है। जबकि सांसद निधि का सबसे कम खर्च करने में अंबाला की सांसद कुमारी सैलजा फिसड्डी रही जिन्होंने सांसद निधि का मात्र 63.58 प्रतिशत ही खर्च किया है, फिलहाल 6.34 करोड़ रुपया खर्च होने की बाट जो रहा है। सांसद निधि खर्च करने के मामले में दूसरे नंबर पर फरीदाबाद के सांसद अवतार सिंह भड़ाना है जिन्होंने 83.26 प्रतिशत खर्च किया और अब केवल 3.46 करोड़ रुपये ही बचा हुआ है। इसके अलावा भिवानी संसदीय क्षेत्र में श्रुति चौधरी का 4.40 करोड़, हिसार के कुलदीप विश्नोई का 4.92 करोड़, करनाल के अरविंद शर्मा का 4.47 करोड़, कुरूक्षेत्र के नवीन जिंदल का 4.93 करोड़, गुडगांव के इंद्रजीत राव का 4.74 करोड़, रोहतक के दीपेन्द्र हुड्डा का 4.06 करोड़ और सिरसा के अशोक तंवर का 4.95 करोड़ रुपये समेत राज्य में कुल 44.58 करोड़ की सांसद निधि खर्च होने का इंतजार कर रही है।
छग में सांसद रमेश बैस अव्वल
छत्तीसगढ़ की 11 संसदीय क्षेत्र के लिए मौजूदा लोकसभा सदस्यों के खाते में 212.45 करोड़ रुपये की सांसद निधि मिली। इसमें अभी तक 46.85 करोड़ रुपये की धनराशि को खर्च करने की जहमत ही नहीं उठाई गई। रायपुर के सांसद रमेश बैस ने सर्वाधिक 94.57 प्रतिश धनराशि खर्च करके बाजी मारी है,जिनके खाते में केवल 1.53 करोड़ की धनराशि ही खर्च करने को शेष बची है। सांसद निधि को खर्च करने में सबसे फिसड्डी दुर्ग की सांसद सरोज पांडे रही जिनके खाते की 6.85 करोड़ की राशि खर्च होने की बाट जोह रही है, जिन्होंने सांसद निधि में मिली राशि का 62.20 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च किया है। दूसरे स्थान पर खर्च करने के मामले में दिवंगत हो चुके बिलासपुर के सांसद दिलीप जूदेव थे, जिन्होंने 88.36 प्रतिशत खर्च कर दिया था। इसके बस्तर के दिनेश कश्यप के खाते में 2.47 करोड़, जंजगीरचंपा की सांसद कमलादेवी पटेल की 3.95 करोड़, कांकेर के सांसद सोहन पोटई की 4.97 करोड़,महासंमंद के सांसद चंदूलाल साहू की 5.33 करोड़, रायगढ़ के सांसद विष्णुदेव सहाय की 5.63 करोड़, राजनंदगांव के सांसद मधुसूदन यादव की 2.66 करोड़, कोरबा के सांसद डा. चरणदास मंहत की 5.66 करोड़ तथा सरगुजा के सांसद मुरारीलाल सिंह की सांसद निधि में 5.35 करोड़ की धनराशि शेष है,जिसे खर्च ही नहीं किया जा सका।
यशोधरा सिंधिया लक्ष्य पर खरी उतरी
मध्य प्रदेश की 29 संसदीय सीटों से सभी सांसदों की सांसद निधि में 558.11 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई, लेकिन 83.36 प्रतिशत ही खर्च की गई और अभी राज्य में 97.86 करोड़ की सांसद निधि ऐसी है जिसे खर्च होने का इंतजार है। राज्य में ग्वालियर की सांसद यशोधरा सिंधिया एक मात्र ऐसी है जो जनता पर खरी उतरी, जिन्होंने मिली सांसद निधि से 13 लाख रुपये की राशि खर्च की है। इनके बाद जबलपुर के सांसद राकेश सिंह व बालघाट के सांसद केडी देशमुख ऐसे रहे जिन्होंने जारी सांसद निधि से एक-एक लाख रुपये की धनराशि खर्च की है। अन्य शेष 27 सांसद अपनी सांसद निधि का पूरा लक्ष्य हासिल नहीं कर सके। सबसे कम खर्च करने वाले सांसदों की फेहरिस्त में होसंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह हैं जिन्होंने मात्र 59.21 प्रतिशत की राशि खर्च की और उनके खाते में अभी सर्वाधिक 6.99 करोड़ रुपये की रकम बची हुई है।
25Feb-2014

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