बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

आखिर पका ली गई तीसरे मोर्चा की हांडी!

साझा घोषणा पत्र पर होगी लोकसभा चुनाव की सियासी जंग
ओ.पी.पाल

आखिर गैर कांग्रेस और गैर भाजपाई 11 राजनीतिक दलों ने तेज आंच देकर तीसरे मोर्चे की सियासी हांडी को पका ही लिया, जो एक साझा घोषणापत्र और रणनीति के साथ लोकसभा चुनाव में तीसरा विकल्प के रूप में सामने आएगा। तीसरे मोर्चा का मकसद लोकसभा चुनाव में तेजी से चल रहे नरेन्द्र मोदी के सियासी रथ को रोकना है।
लोकसभा चुनाव से पहले चल रही तीसरे विकल्प की कवायद में गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई दलों ने एकजुटता के साथ हाथ मिलाना शुरू किया था,उसे मंगलवार को नई दिल्ली में अंतिम रूप देकर तीसरा मोर्चा खड़ा कर ही लिया। मसलन लोकसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा के बैनर तले लोकसभा चुनाव की ताल ठोक दी है। इस मोर्चा का प्रमुख मकसद भाजपा की ओर से घोषित पीएम उम्मीदवार के बढ़ते मौजिक यानि मोदी रथ को सियासत के मैदाना में रोकना है, माकपा नेता प्रकाश कारात ने साफ कहा कि नरेंद्र मोदी को किसी भी कीमत पर सत्ता में आने से रोकना होगा और इससे पहले भी मोर्चा में शामिल दलों के नेता ऐसे बयान देते आ रहे हैं। प्रकाश करात ने इस बात की भी पुष्टि कर दी है सभी दलों की सहमति से लोकसभा चुनाव के लिए एक साझा घोषणा पत्र भी जारी कर दिया गया है, वहीं अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक परिस्थितियों से इस मोर्चा में शामिल दल इसी घोषणा पत्र के मुताबिक अपनी अलग-अलग रणनीतियों के साथ चुनाव लड़ने के लिए भी स्वतंत्र रहेंगी। मंगलवार को यहां हुई इन दलों की लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने के लिए हुई बैठक में माकपा महासचिव प्रकाश करात, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाकपा के एबी बर्धन, जद-एस प्रमुख एचडी देवगौड़ा आदि भी मौजूद रहे। जबकि असम गण परिषद और बीजद के अध्यक्ष कुछ वजहों से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उनके तीसरे मोर्चे के साथ होने का दावा किया गया है। करात ने कहा कि एक ऐसा विकल्प तैयार किया है जो गैरकांग्रेस, गैर-भाजपा होने के साथ सेकुलर, जनपक्षीय होगा, सामाजिक न्याय, किसान, अल्पसंख्यक और महिला अधिकारों के पक्ष में काम करेगा और असल संघीय व्यवस्था की स्थापना पर बल देगा।
थर्ड नहीं फर्स्ट फ्रंट
जदयू प्रमुख शरद यादव ने कहा कि 'यह थर्ड नहीं बल्कि फर्स्ट फ्रंट है। यादव ने कहा कि इस मोर्चा में कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ, पहले भी तीसरे मोर्चा ने तीन-तीन बार प्रधानमंत्री का चुनाव बाद में ही किया है। मसलन मोर्चा के अन्य नेताओं का भी यही कहना है कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला चुनाव के बाद ही होगा।
कैप्टन बिना लोकसभा इलेवनमोर्चा में शामिल राजनीतिक दलों में चार वामदल, जदयू, समाजवादी पार्टी, जद-एस, बीजद, अन्नाद्रमुक, असम गण परिषद, विकास पार्टी के अलावा पंजाब में मनप्रीत बादल की अगुवाई वाली पंजाब पीपुल्स पार्टी भी समेत 11 दल शामिल हैं, जो लोकसभा चुनाव का फाइनल मैच खेलेंगे। इस लोकसभा इलेवन का कप्तान कौन होगा, इसके लिए मोर्चा नेताओं का कहना है कि तीसरे विकल्प में पीएम पद के लिए कोई विवाद नहीं है।
26 Feb-2014

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