शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

तीन मार्च को हो सकता है लोकसभा चुनाव का ऐलान!

चुनाव आयोग की तैयारियां पूर्ण, अंतिम मतदाता सूची जारी
ओ.पी.पाल

संसद के सत्र की संपन्न होने के एक सप्ताह बाद यानि तीन मार्च को आगामी अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो सकता है। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और बुधवार को आयोग ने लैंगिक आधार पर भारतीय मतदाताओं की संशोधित मतदाता सूची को भी जारी कर दिया है।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जहां सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को गति देने में लगे हैं, वहीं चुनाव आयोग भी आम चुनाव के मद्देनजर अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए है। इसमें चुनाव आयोग चुनाव सुधारों खासकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर आधारित दिशानिर्देशों को भी अंतिमत रूप दे चुका है। वहीं आयोग प्रत्याशियों के चुनाव खर्च को 40 लाख से बढ़ाकर 70 लाख रुपये करने की सिफारिश कानून मंत्रालय को कर चुका है जिसकी मंजूरी संसद सत्र स्थगित होने के बाद मंजूरी मिलना तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के साथ दिल्ली, आंध्र प्रदेश,ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव कराए जाने की भी घोषणा भी कर सकता है। सूत्रों की माने तो अप्रैल और मई में छह चरणों में लोकसभा चुनाव होने की संभावना व्यक्त की जा रही है, जिसके लिए समय कम बचा हुआ है। चुनाव आयोग संसद सत्र संपन्न होने के बाद एक सप्ताह का समय निश्चित रूप से लेगा, ताकि संसद में मंजूरी विधायी कार्यो को राष्टÑपति की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जा सके। सूत्रों के अनुसार मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। चुनावों की घोषणा 3 मार्च तक होने की संभवना है। चुनाव आयोग के सूत्रों की माने तो चुनावों की घोषणा 7 से 10 मार्च के बीच भी हो सकती है। चुनाव कार्यक्रम के ऐलान संबन्धी संबन्धी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और कार्यक्रम घोषित होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। गौरतलब है कि इस बार चुनावों के दौरान करीब एक लाख 20 हजार जवानों को सुरक्षा में लगाया जाएगा. चुनावों में कुल 81 करोड़ 40 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, जो 2009 में हुए पिछले चुनावों से 9 करोड़ 70 लाख ज्यादा हैआगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे चुनाव आयोग ने कई ठोस कदम उठाए हैं।
देश में 47.6 प्रतिशत महिला मतदाता
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग की ओर से लैंगिक आधार पर भारतीय मतदाताओं की संरचना तैयार कर ली गई है और संशोधित मतदाता सूची 2014 के अंतिम मतदाता आंकड़ों के अनुसार देश में पुरूष मतदाता 52.4 प्रतिशत, महिला मतदाता 47.6 प्रतिशत और अन्य 0.0035 प्रतिशत मतदाता हैं। हालांकि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा संशोधित मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी 2014 को हो चुका था, जिसे बुधवार को जारी किया गया है। इस मतदाता विवरण के आंकड़ों के अुनसार देश में कुल 814,591,184 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से पुरुष मतदाता 52.4 प्रतिशत, महिला मतदाता 47.6 प्रतिशत और अन्य श्रेणी के मतदाता 0.0035 प्रतिशत हैं। 28 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में महिला मतदाताओं का अनुपात 47.6 प्रतिशत के राष्ट्रीय अनुपात से अधिक है। आठ राज्य व केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। पुड्डुचेरी में महिला मतदाताओं का अनुपात 52.01 प्रतिशत है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद केरल में महिला मतदाताओं का अनुपात 51.90 प्रतिशत है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में महिला मतदाताओं का अनुपात सबसे कम 44.57 प्रतिशत है। इसके बाद उत्तर प्रदेश है, जहां महिला मतदाताओं का अनुपात 45.20 प्रतिशत है। 17 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अन्य श्रेणी के मतदाता हैं। कर्नाटक में इस श्रेणी के सबसे ज्यादा मतदाता हैं और उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है।
20Feb-2014

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