सोमवार, 24 फ़रवरी 2014

आखिर फिर बढ़ने लगा राजग का कुनबा?

भाजपा, लोजपा और रालोसपा गठबंधन तय!
ओ.पी.पाल

लोकसभा चुनाव के लिए परवान चढ़ती राजनीतिक सरगर्मियों के बीच आ रहे सर्वो में मोदी मौजिक को देखते हुए अन्य राजनीतिक दलों की नजरें राजग की ओर मुड़ने लगी हैं। ऐसी संभावनाओं को देखते हुए लोकसभा चुनाव तक राजग का कुनबा मजबूती पकड़ता नजर आ रहा है। अभी तक भाजपा को कोसते आ रहे दल भी लोकसभा चुनाव के लिए राजग के कुनबे में शामिल होने के लिए आतुर होने लगे हैं। यही कारण है कि जब कांग्रेस, राजद और लोजपा गठबंधन अंतिम क्षणों में ले जाने के बावजूद लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान और जदयू से नाता तोड़ चुके रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाह की भाजपा के साथ खिचड़ी पकाने में जुट गये हैं।
राजनीति में वैसे सब कुछ भी संभव है इसलिए चौंकाने वाली बात भी नहीं है। लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती के चलते जहां कुछ चौंकाने वाले गठजोड़ सामने आ सकते हैं, वहीं यूपीए गठबंधन की डोर कमजोर करके ऐसे दल भी राजग कुनबे को बढ़ाने में जुट गये हैं जो अभी तक यूपीए का गुणगान करके भाजपा को कोसते ही रहे हैं। हालांकि अटल सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य रहे लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के लिए यह राजनीतिक खेल नया नहीं है, कि वह भाजपा के साथ गठजोड़ करने के लिए बातचीत के दौर में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार यह तय हो चुका है कि लोजपा और रालोसपा यह तय कर चुकी है कि उसे भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में जाना है। जबकि इससे पहले कुछ हफ्तों तक लोजपा प्रमुख पासवान कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन के काफी नजदीक पहुंच चुके थे, लेकिन लगातार सर्वे ने इन तीनों दलों को अलग-अलग करने की सोच दे डाली। इसलिए नरेन्द्र मोदी के चौतरफा चलते जादू से प्रभावित लोजपा औ रालोसपा ने राजग के नजदीक जाने में ही भलाई समझ रहे हैँ। हालांकि अभी राजग के कुनबे में यह खिचड़ी पूरी तरह पकी नहीं है, लेकिन सीटों के बंटवारें पर बातचीत के बाद राजग का कुनबा फल-फूलता ही नजर आने वाला है। पासवान के भाजपा के पाले में आ जाने के बाद सवर्ण, अतिपिछड़ा और दलित वोट बैंक का एकतरफा ध्रुवीकरण होना तय है।
सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच
सूत्रों के अनुसार लोजपा व रालोसपा का मामला भी सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा है, लेकिन अंदर ही अंदर भाजपा, लोजपा और रालोसपा के बीच पक रही राजनीतिक खिचड़ी से गठबंधन पटरी पर आने की संभावना है, इससे राजग को मजबूती मिलेगी और खासकर बिहार में यह गठजोड़ राजद के लालू और जदयू के नीतीश के खिलाफ दम भरकर उनकी मुश्किलें बढ़ा सकेंगे। इस गठबंधन का साथ राज्य के कुछ ऐसे कद्दावर नेता भी देंगे, जो विभिन्न दल छोड़ कर लोकसभा के चुनावी जंग में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे हैं।. अब देखना यह है कि जदयू से नाता तोड़कर अलग रालोसपा बनाने वाले उपेन्द्र कुशवाह और लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान की सीटों के बंटवारें को लेकर आने वाली बातचीत किस मुकाम तक पहुंचती है और माना भी जा रहा है कि भाजपा ऐन-केन सीटों के बंटवारें पर सहमति बनाकर विरोधियों को चित्त करने का प्लेटफार्म तैयार करने में पीछे नहीं हटेगी।
दिल्ली में डाला डेरा
सू़त्रों के अनुसार लोजपा के साथ गठबंधन की राजनीति को अंजाम देने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव दिल्ली में हैं, जहां नये समीकरण को मजबूती देने पहले से ही भाजपा के केन्द्रीय नेता शाहनवाज हुसैन और रविशंकर प्रसाद इसकी राह आसान कर चुके हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ घंटों में भाजपा, लोजपा और रालोसपा तीनों के गठबंधन की घोषणा हो जाएगी। उधर लोजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। पिछले दिनों शाहनवाज की पासवान से मुलाकात हुई।
उदित राज थामेंगे भाजपा का दामन
दलित नेता उदित राज जो जस्टिस पार्टी बनाकर राजनीति करते आ रहे हैं, ने भी मोदी मौजिक को समझ लिया है। यही कारण है कि उदित राज अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ सोमवार को भाजपा मुख्यालय में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामकर अपनी पार्टी का विलय करने का ऐलान करेंगे।
24Feb-2014

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