शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

खुशनुमा माहौल में संपन्न हुआ लोकसभा का हंगामी सत्र


 सदन में अंतिम दिन भावुक हो गए माननीय
ओ.पी.पाल
आगामी लोकसभा गठन की तैयारी में डूबे सभी राजनीतिक दलों का 15वीं लोकसभा में शुक्रवार को संसद सत्र में अंतिम दिन था। संसद के इतिहास में सबसे हंगामी साबित हुई इस लोकसभा से विदाई लेते हुए सभी राजनीतिक दलों के माननीय खुशनुमा माहौल में नजर आए। सभी ने एक-दूसरे को आने वाले चुनाव की शुभकामनाएं देने के लिए साथ यह साबित करने का प्रयास किया कि राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं। संसद के इतिहास में वैसे आंकड़ों पर गौर करें तो 15वीं लोकसभा का कार्यकाल आजादी के बाद पिछली तमाम लोकसभाओं के कार्यकाल के मुकाबले सबसे कम काम हुआ और हंगामे और अप्रत्याशित घटनाओं का रिकार्ड बनाने में अव्वल रहा, जिसमें संसदीय गरिमा को गिराने में माननीय कहीं तक भी नहीं हिचके।
संसद में शुक्रवार को दोनों सदनों में छुटमुट आरोप प्रत्यारोपों को छोड़कर सद्भावपूर्ण माहौल में कार्यवाही चली और सुचारू रूप से कामकाज हुआ। इसके बाद सभी राजनीतिक दलों को 16वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव में जाना है, लेकिन 15वीं लोकसभा के कार्यकाल को हंगामें और संसद की गरिमा गिराने वाली घटनाओं के इतिहास के रूप में याद रखा जाएगा। इसका कारण साफ है कि सांसदों का रवैया, जिसने देश की सबसे बड़ी पंचायत को हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के अड्डे में तब्दील कर दिया। सरकार और विपक्ष इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सत्र के दौरान तेलंगाना के मुद्दे पर दोनों सदनों में खासा हंगामा हुआ और विरोध यहां तक पहुंचा कि लोकसभा में एक सांसद ने काली मिर्च का स्प्रे तक कर दिया। भारी विरोध और शोर-शराबे के बीच ही अंतरिम रेल बजट और अंतरिम वित्त बजट भी पेश हुआ। इतना ही नहीं गुरुवार को जब राज्यसभा में प्रधानमंत्री बोलने के लिए खड़े हुए, तो तेलंगाना का विरोध कर रहे सांसदों ने उन पर कागज फाड़ कर फेंके। मगर आज पक्ष और विपक्ष दोनों ने एकदूसरे के लिए कसीदे पढ़े। राज्यसभा में महासचिव से अभद्र व्यवहार करने वाले सांसद राजगोपाल ने खेद जताया।
व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल पास
संसद सत्र के आखिरी दिन केंद्र सरकार को उस समय बड़ी सफलता हासिल हुई जब उसने लंबे समय से लटका व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल (लोक प्रहरी सुरक्षा विधेयक) राज्यसभा में पास करा लिया। ये बिल 2011 में लोकसभा में पास हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में इसका पास होना बाकी था। ये एक ऐसा विधेयक है जिसे सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम के रूप में पेश करना चाहती है। इस बिल से भ्रष्टाचार का खुलासा करने वालों को सुरक्षा मिलेगी। 18 दिसंबर को संसद में लोकपाल विधेयक पास होने के वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि भ्रष्टाचार पर पूरी तरह काबू पाने के लिए न्यायिक जवाबदेही बिल 2010 लोकप्रहरी सुरक्षा बिल 2011 और सिटिजन चार्टर बिल 2011 समेत छह बिलों को भी पास कराना होगा।इसके बाद सरकार ने इसे मौजूदा संसद सत्र का खास एजेंडा बना लिया था।
हिमालय से भी ऊंचा हो संसद का यश
संसद के इतिहास में लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष मीरा कुमार ने अपनी आखिरी बैठक में कामना की है कि संसद की कीर्ति एवं उपलव्धियां हिमालय से ऊंची और भावनायें एवं संवेदनाएं हिन्द महासागर से गहरी हों। अपने विदाई भाषण में मीरा कुमार ने अपने पांच सालों के अनुभव को सदस्यों के साथ साझा किया और कहा कि इस दौरान कई बार मिठास भरी वसंत ऋतु और अनेक बार बिन बुलाये घनघोर संकट का अनुभव हुआ, लेकिन उन्होंने हर स्थिति में महसूस किया कि इस सदन में अथाह आंतरिक शक्ति है। इस पर कितने ही आघात कयों ना हो इसे वह आंतरिक शक्ति बचाये रखती है।
आडवाणी के झलके आंसू
लोकसभा के वरिष्ठतम सदस्य और भाजपा के नेता लाल कृष्ण आडवाणी 15वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन कई बार ऐसे भावुक हुए कि उनकी आंखे तक भर आई। सदन में अन्य दलों के सदस्यों ने अपने संबोधन के दौरान सदन में योगदान के लिए आडवाणी की जमकर तारीफ की। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आडवाणी से मिले दिशानिदेर्शों ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने में मदद मिली, तो भी आडवाणी के आंसू झलके। सदन में विभिन्न दलों के कई सदस्यों ने अपने भाषण में आडवाणी की तारीफ की।15वीं लोकसभा में आडवाणी सबसे सीनियर सदस्य थे। वह 1971 में पहली बार संसद बने थे। माकपा के सांसद बासुदेव आचार्य ने उन्हें प्यार से ‘फादर ऑफ द हाउस’ यानी सदन का पिता बताया।
विजयी भव नहीं, यशस्वी भव
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने विजयी भव: के बजाय यशस्वी भव: की शुभकामना देते हुए अपने संबोधन में कहा कि हम सब आने वाला चुनाव लड़ेंगे और हमें जनता जो भूमिका देगी उसे हम सौहार्दपूर्ण तरीके से निभायेंगे। विभिन्न राजनीतिक दलों को आपसी सदभाव कायम रखने का सुझाव देते हुये कहा कि भारतीय लोकतंत्र का मूल भाव यह है कि विभिन्न राजनीतिक दल एक दूसरे के विरोधी हैं लेकिन शत्रु नहीं हैं। सुषमा ने कहा कि सदन के नेता सुशील कुमार शिंदे की शराफत, संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ की शरारत, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मध्यस्थता, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की शालीनता और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की न्यायप्रियता की लोकसभा की जमकर तारीफ की।
कन्नड अभिनेत्री राम्या को मौका
कन्नड फिल्मों की अभिनेत्री कुमारी राम्या दिव्या स्पंदना ने लोकसभा में शुक्रवार को अपना पहला भाषण देने का मौका मिला। पंद्रहवीं लोकसभा का आज अंतिम दिन था। कर्नाटक के मांडया से कांग्रेस के टिकट पर पिछले साल उपचुनाव में जीत कर आयी राम्या ने शून्यकाल के दौरान अपने पहले भाषण में एथनाल जैसे ग्रीन ईंधन की उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों को एथनाल की व्यावहारिकता के बारे में बताया जाना चाहिए। 27 वर्षीय राम्या ने कहा कि ब्राजील में 44 फीसदी सार्वजनिक परिवहन ईंधन के रूप में एथनाल का इस्तेमाल कर रहे हैं और अगर भारत बड़े पैमाने पर एथनाल का उत्पादन करे तो देश के ईंधन के आयात पर होने वाले खर्च में अच्छी खासी कमी आयेगी। पिछले साल उपचुनाव में जीत कर लोकसभा पहुंची राम्या ने अपने भाषण में अन्य सदस्यों की सराहना करते हुए सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
मिसेज पीएम ने भी देखी कार्यवाही
पंद्रहवीं लोकसभा की बैठक के अंतिम दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की धर्मपत्नी गुरशरण कौर सदन की कार्यवाही देखने पहुंचीं। कौर के साथ दो अन्य मेहमान थे। वह शून्यकाल के दौरान आयीं और स्पीकर गैलरी में बैठीं। उन्होंने 30 मिनट से अधिक समय तक कार्यवाही देखी हालांकि प्रधानमंत्री उस समय सदन में मौजूद नहीं थे। दिलचस्प बात यह है कि वह ऐसे दिन आयीं जब तीन सप्ताह के विस्तारित शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार सदन में सामान्य कामकाज हुआ।
22Feb-2014

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