बुधवार, 5 फ़रवरी 2014

राजनीतिक अंगीठी पर चढ़ी तीसरे मोर्चा की पतीली!

कांग्रेस और भाजपा के लिए बड़ी चुनौती
गैर कांग्रेसी-भाजपा विकल्प  भी मुश्किलें बढ़ाने का तैयार!
संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा चरण कल से
ओ.पी.पाल

लोकसभा चुनाव से पहले गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाकर तीसरे मोर्चे की हांडी पकाने की कवायद भी संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम चरण मे सरकार के सामने मुश्किलें पैदा कर सकती है। मसलन कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर यह तीसरा विकल्प सरकार पर अपना दबदबा बनाने का प्रयास करेगा। के उभरने पर चर्चा के जोर पकड़ने के बीच सरकार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के नये दबाव समूह का सामना करना पड़ सकता है।
बुधवार से आरंभ हो रहे संसद के शीतकालीन विस्तारित सत्र में जहां सरकार कांग्रेस राजनीतिक हित साधने के इरादे से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्राथमिकता वाले विधेयकों को तरजीह देने का इरादा करके संसद में आने का मन बना चुकी है। हालांकि इस सत्र के एजेंडे को सरकार द्वारा सोमवार को बुलाई गई विपक्षी दलों ने साफ तौर से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल का एजेंडा करार देकर उस पर ऐतराज जता दिया है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा समेत ज्यादातर दलों ने इस सत्र की अवधि कम करके केवल लेखानुदान मांगे पारित करने की मांग की है। माना जा रहा है कि तेलंगाना मुद्दे पर संसद में सत्र के दौरान आंध्र प्रदेश के तेलंगाना समर्थक कांग्रेस सांसद भी पिछले सत्र की तरह चुप बैठने वाले नहीं है। वहीं यदि सरकार ने अपनी मंशाओं को प्राथमिकता देने का प्रयास किया तो विपक्षी दल सरकार को घेरने का काम करेगा। सरकार के लिए मुश्किलें इसलिए ज्यादा बढ़ने की संभावना हो गई है कि जद-यू की गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दलों का विकल्प तैयार करने की कवायद में इस चुनावी मौसम में वामदलों, सपा, जदयू, जदएस, अन्नाद्रमुक,बीजद, अगप और जेवीएम(पी) राजनीतिक चूल्हें पर तीसरे मोर्च की हांडी चढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं, जिनकी सत्र के पहले ही दिन इन दलों के संसदीय पार्टी के नेताओं की संसद भवन के समिति कक्ष में बैठक होगी। इस बैठक में संसद और संसद से बाहर सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की एक साझा रणनीति तैयार की जाएगी।
रणनीति का खाका तैयार
तीसरे विकल्प खड़ा करने के लिए इस रणनीति के खाका तो माकपा नेता सीताराम येचुरी, सपा नेता रामगोपाल यादव और जदयू महासचिव केसी त्यागी दिल्ली में 27 जनवरी को ही एक बैठक करके तैयार कर चुके थे। लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस रणनीति के लिए ये सभी दल बेहद गंभीर हैं। जदयू के महासचिव केसी त्यागी की माने तो हाल ही में चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ कर चुके हैं कि देश कांग्रेस के विरोध में खड़ा हुआ है। त्यागी मानते हैं कि कांग्रेस हर मोर्चे पर विफल रही है तो ऐसे में इस गठजोड़ का मकसद भाजपा के चुनावी रथ को रोकना होगा। इसलिए भविष्य की राजनीति में संसद और संसद के बाहर की रणनीतियों को मजबूत बनाना होगा।
04Feb-2014

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें