सोमवार, 17 फ़रवरी 2014

हवाई सुरक्षा पर गंभीर हुआ डीजीसीए!

सुरक्षा क्षमताओं में गिरी है भारत की साख
ओ.पी. पाल.

अमेरिकी संघीय विमानन प्राधिकार द्वारा भारतीय विमानन सुरक्षा क्षमताओं की श्रेणी पर उठाए गये सवालों के बाद भारत सरकार इस मामले में गंभीर हो गई है और डीजीसीए से सभी भारतीय विमानन कंपनियों से हवाई सुरक्षा मानकों का अनुपालन करने की हिदायत दे दी है।
नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि पिछले दिनों ही अमेरिकी संघीय विमानन प्राधिकार यानि ने भारत की विमानन सुरक्षा क्षमताओं को श्रेणी-एक से घटाकर श्रेणी-दो कर दिया था। इस घटती साख के बाद भारतीय कंपनियों के विमानों की जांच करने की प्रक्रिया को इतना बढ़ाने की नौबत आई कि सिंगापुर समेत अनेक देशों ने भारतीय कंपनियों के विमानों की अतिरिक्त जांच करने की बात कह दी। शनिवार को डीजीसीए ने सभी भारतीय विमानन कंपनियों के अधिकारियों को हिदायत दी है कि वे नियमानुसार हवाई सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें। डीजीसीए ने विमानन  कंपनियों से यह भी आग्रह किया है कि यदि सुरक्षा मानकों में कोई विसंगतियां सामने आए तो उसे तत्काल सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए। सूत्रों के अनुसार नागर विमानन महानिदेशक डा. प्रभात कुमार ने विमानन कंपनियों से सुरक्षा नियमों के लिये तय मानकों का कड़ाई से पालन करने को सुनिश्चित करने को कहा है। चूंकि अमेरिकी संघीय विमानन प्राधिकार द्वारा उठाए गये सवालों के बाद सरकार तथा डीजीसीए के अलावा एफएए की शर्तों को पूरा करने के लिए अनेक कदम उठाने जा रही है।
रद्द हो सकता है उड़ान का लाइसेंस
सूत्रों के अनुसार भातरीय विमानन कंपनियों के लिए सुरक्षा मानको को सख्ती से लागू कराने की हिदायत डीजीसीए द्वारा इसलिए दी गई कि भारतीय विमानन सुरक्षा फिर से सुरक्षा क्षमताओं में पहला स्थान हासिल कर सके। सूत्रों ने यह भी बताया है कि यदि इस आग्रह के बाद भी भारतीय विमानन कंपनियां सुरक्षा मानकों को सख्ती से पालन करने में नाकाम होती हैं तो जांच के बाद डीजीसीए को संबन्धित विमानन कंपनी का उड़ाने भरने का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार होगा। सूत्रों ने कहा कि लाइसेंस रद्द करने या निलम्बित करने की वैधानिकता को देखने के बाद डीजीसीए अपना निर्णय देने में सक्षम है। इसलिए डीजीसीए को सुरक्षा मानकों के लिए पूरी तरह से संतुष्ट करना जरूरी है।
आसमान से नीचे आई थी किंगफिशर
दो साल पहले भारतीय निजी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस सुरक्षा मानकों के पालन न करने पर आकाश से जमीन पर आ गई थी। विजय माल्या की किंगफिशर अपना हवाई उड़ानों का लाइसेंस गंवाने के बाद फिर काफी प्रयास के बाद संभल नहीं सकी थी। हालांकि किंगफिशर ने फिर से हवाई उड़ाने भरने के प्रयास किये थे, लेकिन वह सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतर सकी। गौरतलब है कि उस समय नागर विमानन मंत्रालय ने किंगफिशर एयरलाइंस सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करने को कहा था, लेकिन उसके द्वारा डीजीसीए को संतुष्ट नहीं किया जा सका, जिसका खामियाजा किंगफिशर को भुगतना पड़ा है।
16Feb-2014

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