रविवार, 23 जून 2019

नमामि गंगे मिशन को तेजी से आगे बढ़ाएगी केंद्र सरकार


पश्चिम बंगाल में उतारी 592 करोड़ की परियोजनाएं
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के घर-घर बिजली पहुंचाने के बाद अब हर घर पहुंचेगा पानी के वादे को पूरा करने और नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कमर कस ली है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के रूप में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया के साथ एक्शन मोड़ में आने के बाद नमामि गंगे मिशन के तहत पश्चिम बंगाल में 592 करोड़ परियोजनाओं को पटरी पर उतारने के लिए औपचारिकताएं पूरी की।
राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता मिशन द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को यहां एक पंच सितारा होटल में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वर्ष 2014 में शुरू हुए नमामि गंगा कार्यक्रम में पिछले पांच साल में अपनी प्रतिबद्धता के साथ केंद्र सरकार ने बहुत कुछ हासिल कर लिया है, जिसे आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय तेजी के साथ परियोजनाओं पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ सद्भाव में रहते हुए उसके विभिन्न तत्वों का संरक्षण करना भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है, ताकि पर्यावरण का संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके। नमामि गंगे के तहत जल संरक्षण और नदी के कायाकल्प का जिक्र करते हुए शेखावत ने कहा कि यह देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी भी है। समारोह में जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने नमामि गंगे कार्यो का अवलोकन करते हुए मिशन हुई प्रगति के लिये इस अभियान के तहत स्वच्छाग्रह में योगदान देने के लिए मौजूद विभिन्न हितधारकों की सराहना की और इस मिशन को अंजाम तक ले जाने की उम्मीद जताई। समारोह में मंत्रालय के सचिव यू.पी. सिंह और एनएमसीजी के महानिदेशकराजीव रंजन मिश्रा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
पश्चिम बंगाल में लगेंगे नए एसटीपी
इस समारोह के दौरान मंत्रालय के दोनों मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने नमामि गंगे मिशन में हाइब्रिड वार्षिकी आधारित पीपीपी मोड के तहत पश्चिम बंगाल के लिए हावड़ा, बल्ली और बारानगर और कमरहटी एसटीपी परियोजनाओं हेतु किए गये एक रियायत समझौते को अंतिम रूप देते हुए 592 करोड़ की परियोजनाओं को हरी झंडी दी। पश्चिम बंगाल राज्य में हाइब्रिड वार्षिकी आधारित पीपीपी मोड के माध्यम से वन सिटी वन ऑपरेटर की अवधारणा के तहत इन परियोजनाओं में कुल 165 एमएलडी क्षमता के तीन नए एसटीपी का विकास, हावड़ा में 65 एमएलडी, बल्ली में 40 एमएलडी और बारानगर और कमरहटी में 60 एमएलडी, बल्ली में मौजूदा 22 एमएलडी एसटीपी का पुनर्वास, 16 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क का पुनर्वास, पुनर्वास मौजूदा पंपिंग स्टेशन और संबंधित बुनियादी ढांचा और 15 साल की अवधि के लिए पूरी संपत्ति का संचालन और रखरखाव शामिल है।
हर घर पहुंचेगा पीने का पानी
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सरंक्षण मंत्रालय को एकीकृत कर 'जल शक्ति मंत्रालय' के गठन करने का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में घर-घर बिजली पहुंचाने के बाद अब तक हर घर को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए वर्ष 2024 का लक्ष्य तय किया गया है। पीने के पानी के साथ ही मंत्रालय देश में सिंचाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए भी कार्य करेगा, वहीं देश में नदियों को आपस में जोड़ने की योजना को भी आगे बढ़ाने के लिए वे प्रयास करेंगे।
गंगा क्वीज के विजेता पुरस्कृत
समारोह के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत व राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने गंगा नदी के बारे में एनएमसीजी द्वारा वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ट्री क्रेज फाउंडेशन, जीआईजेड और वीए टेक के साथ मिलकर जागरूकता और ज्ञान प्रसार के लिए आयोजित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी यानि गंगा क्वीज-2019 के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किये। जिसमें सीबीएससी बोर्ड, नवोदय विद्यालय और अन्य स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के देशभर से 36,500 विद्यार्थियों ने हिस्सेदारी की, जिनमें चार श्रेणियों के विजेताओं को सम्मानित किया गया। 
06June-2019

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