रविवार, 23 जून 2019

केंद्र की योजनाओं पर कोई शंका नहीं, बेशर्ते वह राज्यों की बिना भेदभाव मदद करे


जलशक्ति मंत्रालय की बैठक में हिस्सा लेने के बाद बोले छग के जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने जल संपदा को संरक्षित करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा घर-घर पानी मुहैया कराने की योजना को लेकर राज्यों के साथ मिलकर काम करने की रणनीति का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं पर कोई शंका या संदेह नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार को चाहिए कि वह योजनाओं को लागू करने के लिए राज्यों की बिना किसी भेदभाव के मदद करे।
यहां नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित राज्यों के जल संसाधन, पेयजल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्रियों और सचिवों की बैठक में हिस्सा लेने के बाद छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने हरिभूमि संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि देश में निरंतर गहराते जल संकट में जल संपदा के संरक्षण करना समय की मांग है और इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को आपसी समन्वय से युद्धस्तर पर काम करने की जरूरत है, जिसमें जनसहभागिता भी बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार की हर घर को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लक्ष्य के साथ शुरू की जा रही योजना का समर्थन करते हुए चौबे ने कहा कि इस विषय को लेकर जलशक्ति मंत्रालय द्वारा राज्यों के साथ मंथन करने के साथ देश के हरेक राज्यों को बिना किसी भेदभाव के मदद करने की सकारात्मक रणनीति की जरूरत होगी। चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जल कंजर्वेशन के लिए अत्यंत संभावनाएं हैं और वह केंद्र सरकार के साथ मिलकर जल संपदा के संरक्षण की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं पर इसलिए संदेश नहीं किया जा सकता, कि पिछले पांच साल में देश के गांव-गांव में करोड़ों की संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है, लेकिन बिना पानी के इन शौचालयों के निर्माण का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए सरकार से उम्मीद है कि वह घर-घर पानी पहुंचाने की योजना में लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों के साथ समन्वय और मदद के साथ काम करेगी।
नदी जल विवाद हल करने की अपेक्षा
इससे पहले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में राज्यों के जल संसाधन, पेयजल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्रियों की बैठक में बोलते हुए छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच महानदी जल विवाद का मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि केन्द्र सरकार को विभिन्न राज्यों के बीच आपसी सहमति से नदी जल विवादों के शीघ्र निपटारे के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, क्योंकि नदी जल विवादों के कारण ही अनेक राज्यों में अनेक सिंचाई परियोजनाएं लंबित पड़ी है और मौजूदा जलसंपदा का उपयोग तक नहीं हो पा रहा है। उन्होंने अपेक्षा की है कि ट्रिब्यूनल में लंबित ऐसे मामलों के निपटारे में विलंब होने से सालों तक जल संपदा का ह्रास हो रहा है।
छग में ऐसे हो रहा है जल संरक्षण
बैठक में बोलते हुए चौबे ने छत्तीसगढ़ की बहुआयामी और महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा ,घुरवा, बाड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में नरवा विकास के माध्यम से छोटी-छोटी नदियों, नालों आदि के पानी को रोककर गांव के स्तर पर ही जलसंरक्षण की व्यवस्था की जा रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने अपने बजट से ही लगभग दो लाख हैक्टर क्षेत्र में सिंचाई के लिए योजनाएं बनाई हैं और यदि केन्द्र और राज्य परस्पर सहयोग से कार्य करेंगे तो जल संरक्षण की योजनाओं पर जनहित में बेहतर ढंग से काम किया जा सकेगा।
गरीबों अमृतधारा योजना
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की इस बैठक में छग के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने हिस्सा लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने मिनिमाता अमृतधारा योजना के तहत राज्य के हर गरीबी रेखा के नीचे बसर करने वाले परिवारों को निःशुल्क पेयजल कनेक्शन देने का निर्णय लिया हैं और इस योजना पर तेजी से कार्य चल रहा हैं। उन्होंने कहा कि हर घर को पानी देने वाली केन्द्र सरकार की भी ऐसी ही योजना हैं और यदि छत्तीसगढ़ सरकार को केन्द्र सरकार से भी अपेक्षित सहयोग मिला तो राज्य के सभी परिवारों को पेयजल कनेक्शन देने का लक्ष्य नियत समय में पूरा किया जा सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई ग्रामों में फलोराइड और लौह युक्त जल की शिकायतों को जिक्र करते हुए कहा कि इस समस्या के निराकरण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं ताकि प्रभावित ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। 
12June-2019

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