रविवार, 23 जून 2019

ग्रामीण अर्थव्यवस्था दुरस्त होने से होगा देश का विकास: बघेल

नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में बोले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
पीएम मोदी से छग के आदिवासियों व गरीबों की समस्याओं का निराकरण करने का अनुरोध
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के विकास के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, स्थानीय संसाधनों को विकसित करने और व्यापक तौर पर पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार ने कार्यक्रमों की शुरूआत कर दी है। इसमें किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के तहत राज्य में हाल में शुरू की गई ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’ जैसी अत्यंत महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं।
बघेल शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में बोल रहे थे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में इस बात पर बल दिया कि देश के विकास के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की ठोस पहल करने की आवश्यकता हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है। राज्य में हाल में आरंभ की गई ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी’ योजनाओं का जिक्र करते हुए हुए बघेल ने कहा कि ये योजनाएं कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, स्थानीय संसाधनों को विकसित करने और व्यापक तौर पर पर्यावरण संरक्षण करने में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, गिरता भू-जल स्तर, पशुधन संवर्धन, जैविक खेती जैसे मुद्दे आज वैश्विक चिंता का कारण है और राज्य में उनकी सरकार ने विभिन्न समस्याओं के एक समाधान के रूप में नवाचार किया हैं। बैठक में बघेल ने कहा कि राज्य में शुरू की गई इन योजनाओं के तहत हम भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए नाले में बहते पानी को रोकने के साथ गाय तथा गौवंशीय पशुधन को बचा सकेंगे। वहीं गोबर तथा अन्य जैविक ग्रामीण अपशिष्ट पदार्थो से कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं बाड़ी अर्थात हर किसान तथा ग्रामीण के यहां छोटे बगीचों का विकास करेंगे।
आकांक्षी जिलों के विकास में मांगा शतप्रतिशत अनुदान
मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य में आकांक्षी जिला कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ मे 44 प्रतिशत वन है, जिसमें मुख्य रूप से 10 आकांक्षी जिलों के 8 जिलों में वनों का प्रतिशत बहुत अधिक है, जिनमें बिजली, पानी, सड़क और सिचाई आदिवासियों तक पहुंचाने के लिए ऐसे क्षेत्रों में सोलर बिजली के जरिए पानी के पम्प की व्यवस्था, बिगड़े वन क्षेत्रों में वाणिज्यिक रूप से सोलर बिजली उत्पादन की अनुमति, वन भूमि पर लघुवनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना करने के साथ सोलर पम्पों के जरिए छोटी सिंचाई योजनाओं की स्थापना में वन भूमि में छूट, आदिवासी बेरोजगार युवकों को लघुवनोपज एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु अनुदान के लिए केन्द्र सरकार से शत प्रतिशत वित्त पोषण एवं अनुदान मुहैया कराने की मांग की है। 
नक्सलवाद के खिलाफ बने समन्वित नीति 
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि देश में माओवादी उग्रवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति तथा समन्वित नीति बने। ताकि प्रभावित राज्य सरकारें ऐसी हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर समन्वित कार्यवाही में अपनी समुचित भूमिका निभा सके। उन्होंने माओवादियों की ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास’ की नीति का भी पुनराविलोकन करने की भी मांग करते हुए कहा कि केन्द्रीय कमेटी स्तर कई बड़े नक्सली 25-35 सालों तक हिंसक गतिविधियों में लिप्त होते हुए तभी आत्मसमर्पण करते है जब वे बीमारियों से ग्रसित या उम्रदराज हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि माओवाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में समुचित विकास कार्यों व रोजगार की आवश्यकता अनुरूप पर्याप्त आर्थिक सहायता देने से ही स्थानीय बेरोजगार युवाओं को भ्रमित होने से बचाया जा सकता है, जिसके लिए केंद्र सरकार को सकारात्मक नीति बनाने पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने माओवाद हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण की प्रगति, ऑप्टिकल फाइवर कनेक्टिविटी, सुरक्षा बलों के लिए टेक्टिकल मिनी यूएव्ही, बस्तर में रेल लाइन के विकास कार्य में तेजी लाने, वंचित संस्थाओं को खाद्यान्न आवंटन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार लाने, फूड सब्सिडी, महात्मा गांधी नरेगा में आवटंन की समस्या, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), गोबर-धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्टैंड-अप इंडिया योजना, सूखे की स्थिति एवं राहत के उपाय तथा कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता पर भी बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी से भी मिले बघेल
नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक में शामिल होने से पहले शनिवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और राज्य में कुछ ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें आदिवासियों एवं गरीबों से जुड़ी समस्याएं भी शामिल रही। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बघेल ने कहा कि उन्होंने मुलाकात के दौरान जहां पीएम मोदी को नई सरकार के गठन के लिए बधाई दी, वहीं छत्तीसगढ़ के 70 लाख आदिवासियों और 58 लाख गरीब परिवारों से जुड़े लंबित विषयों के जल्द से जल्द निराकरण कराने का अनुरोध किया। इस मुलाकात के बाद उन्होंने उम्मीद जताई कि देश एवं प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार राज्य की हरसंभवन मदद करती रहेगी।
16June-2019

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