रविवार, 23 जून 2019

गरीबों, किसानों और जवानों के लिए समर्पित होगा मोदी का दूसरा कार्यकाल


राष्ट्रपति कोविंद ने अभिभाषण में दिखा सरकार के भावी विजन का खाका
आंतकवाद के खिलाफ उठाए गये साहसिक कदम, आंतरिक सुरक्षा भी होगी मजबूत  
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जहां मोदी सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियों से बदली देश की व्यवस्था का जिक्र किया। वहीं उन्होंने मोदी सरकार के अगले पांच साल के विजन का खाका खींचते हुए उन सभी मुद्दो को छुआ जिसमें ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ के साथ गरीबों, पीड़ितों, दलितों और वंचितों के विकास के जरिए ‘नए भारत नर्माण’ का संकल्प पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
सत्रहवीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के केंद्रीय कक्ष में संयुक्त सदनों की बैठक में अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक, हलाला जैसी कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए सांसदों के सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि मोदी सरकार जाति-धर्म से मुक्त होकर काम करेगी, जिसमें सरकार पहले दिन से ही सभी देशवासियों का जीवन सुधारने, कुशासन से पैदा हुई उनकी मुसीबतें दूर करने और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सभी जरुरी सुविधाएं पहुंचाने के लक्ष्य के प्रति समर्पित है। देशवासियों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करते हुए अब सरकार उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप एक सशक्त, सुरक्षित, समृद्ध और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना इसी लक्ष्य से प्रेरित है। सरकार ने पिछले पांच सालों में 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ को देश के प्रत्येक किसान के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ समय की मांग
मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक ताकत बढ़ाने के लिए ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की व्यवस्था को समय की मांग करार देते हुए कि इससे देश का तेजी से विाकस होगा और सभी राजनीतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास तथा जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का ज्यादा बेहतर तरीके से उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए उन्होंने सभी सांसदो का आव्हान किया कि इस विकासोन्मुख प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करें। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने एक दिन पहले ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर विचार विमर्श किया है।
देश की सुरक्षा होगी मजबूत
राष्ट्रपति कोविंद ने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि आज आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया भारत के साथ खड़ी है और मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में अनेक साहसिक कदम उठाए हैं, जसमें सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक करके भारत ने अपने इरादों और क्षमताओं का जगजाहिर कर दिया है। इस दिशा में सरकार भविष्य में भी अपनी सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार, सेना और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के काम को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। वहीं कोविंद ने कहा कि अवैध तरीके से भारत में दाखिल हो रहे विदेशी आतंरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। इसलिए सरकार ने घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे क्षेत्रों में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर अमल में लाने का निर्णय लिया है।
जल संकट गंभीर समस्या
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में जल संरक्षण की परंपरागत और प्रभावी तालाबों और झीलों जैसी व्यवस्थाएं लुप्त होती जा रही है, जिसके कारण पानी का संकट बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभावों के कारण आने वाले समय में जलसंकट के और गहराने की आशंका है। इसलिए आज समय की मांग है कि जिस तरह देश ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को लेकर गंभीरता दिखाई है, वैसी ही गंभीरता ‘जल संरक्षण एवं प्रबंधन’के लिए दिखाने की जरूरत है। सरकार के गठित नए ‘जलशक्ति मंत्रालय’ इस दिशा में जल संरक्षण एवं प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक निर्णायक कदम उठा रहा है, जिसमें जनभागीदारी जरूरी है।
महिला सशक्तीकरण और आर्थिक मदद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार का महिला सशक्तीकरण करना भी सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसमें नारी का सबल होना तथा समाज और अर्थ-व्यवस्था में उनकी प्रभावी भागीदारी, एक विकसित समाज की कसौटी होती है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के दंड अधिक सख्त बनाए गए हैं और नए दंड प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘उज्ज्वला योजना’ द्वारा धुएं से मुक्ति, ‘मिशन इंद्रधनुष’ के माध्यम से टीकाकरण, सौभाग्य’ योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन, इन सभी का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है। 'राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ग्रामीण अंचलों की 3 करोड़ महिलाओं को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वहीं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत स्वरोजगार के लिए लगभग 19 करोड़ ऋण दिए गए हैं। इस योजना का विस्तार करते हुए अब 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। अब उद्यमियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के ऋण की योजना भी लाई जाएगी। सरकार का यह भी लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक देश में 50 हजार स्टार्ट-अप स्थापित हों। बीते पांच सालों में युवाओं के कौशल विकास से लेकर उन्हें स्टार्ट-अप एवं स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद देने और उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त सीटें उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।
तेजी से बढ़ी अर्थव्यवस्था
उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अब भारत, जीडीपी की दृष्टि से दुनिया की पंचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। जीएसटी के लागू होने से ‘एक देश, एक टैक्स, एक बाजार’ की सोच  साकार हुई है। जीएसटी को और सरल बनाने के प्रयास जारी रहेंगे। काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। पिछले दो सालों में चार लाख 25 हजार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और तीन लाख 50 हजार संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।- इनसॉलवेंसी एंड बैंकरप्टसी कोड को देश के सबसे बड़े और प्रभावी आर्थिक सुधारों में से एक बताते हुए कोविंद ने कहा कि इस कोड के अमल में आने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निपटारा हुआ है। आर्थिक अपराध करके भाग जाने वालों पर नियंत्रण करने में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम' उपयोगी सिद्ध हो रहा है। वहीं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की वजह से अब तक एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। सरकार आधुनिक भारत के लिए देश के गांवों से लेकर शहरों तक विश्व-स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सतत प्रयासरत है।
नमामि गंगे कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि सरकार ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत गंगा नदी में गिरने वाले गंदे नालों को बंद करने के अभियान में और तेजी लाएगी। सरकार का प्रयास रहेगा कि गंगा की तरह ही कावेरी, पेरियार, नर्मदा, यमुना, महानदी और गोदावरी जैसी अन्य नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त किया जाए। सरकार गंगा की धारा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए समर्पित भाव से जुटी हुई है। 
अंतरिक्ष मिशन
उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक ‘चंद्रयान-2’ के लॉन्च  की तैयारी में लगे हुए हैं। चंद्रमा पर पहुंचने वाला यह भारत का पहला अंतरिक्ष यान होगा। साल 2022 तक भारत के अपने ‘गगन-यान’ में पहले भारतीय को स्पेस में भेजने के लक्ष्य की तरफ भी तेजी से काम चल रहा है। 'मिशन शक्ति’ के सफल परीक्षण से भारत की अंतरिक्ष तकनीक की क्षमता और देश की सुरक्षा-तैयारियों में नया आयाम जुड़ा है।
परिवहन व्यवस्था में परिवर्तन
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि पिछले पांच साल में सरकार हाईवे के साथ-साथ रेलवे, एयरवे और जलमार्ग के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर काम कर रही है। ‘उड़ान योजना’ के तहत, देश के छोटे शहरों को, हवाई यातायात से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। देश की परिवहन व्यवस्था को दुरस्त बनाने की दिशा में बुनियादी ढांचे के साथ सरकार तेजी से काम कर रही है।
विजन-2022
संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश के पास स्वतंत्रता के 75वें साल में नए भारत के निर्माण के लिए 2022 तक सरकार जिस संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है उसमें 2022 तक किसानों की आय दोगुना होगी, वहीं हर गरीब के सिर पर पक्की छत, स्वच्छ ईंधन की सुविधा, बिजली का कनेक्शन, खुले में शौच की मजबूरी से मुक्ति, स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी। वहीं देश का हर गांव सड़क संपर्क से जुड़ा होगा और गंगा की धारा अविरल और निर्मल होगी। उन्होंने कहा कि राज्यों के सहयोग से हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनने के लक्ष्य के निकट होंगे यानि भारत विश्व की तीन सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल होने की तरफ अग्रसर होगा और हम एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ विश्व के विकास को नेतृत्व देने के लिए कदम बढ़ाएंगे।
राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ शुरू हुआ राज्यसभा का सत्र                
कानून बनाने के लिए सदन के पटल पर रखे गये दस अध्यादेश
दो नए सदस्यों को शपथ ग्रहण कराई गई
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ ही राज्यसभा के 249वें सत्र की शुरूआत हो गई है। उच्च सदन की पहले दिन की शुरूआत असम से नवनिर्वाचित दो सदस्यों के शपथ ग्रहण की। वहीं सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण की प्रतियां और तीन तलाक समेत उन 10 अध्यादेशों को सदन के पटल पर रखा गया, जिन्हें सरकार कानून का रूप देना चाहती है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नए मंत्रिमंडल के सदस्यों का परिचय भी कराया।
राज्यसभा के सत्र की शुरूआत में सभापति एम. वेंकैया नायडू ने असम से नवनिर्वाचित भाजपा के कामाख्या प्रसाद तासा और असमगण परिषद के वीरेन्द्र प्रसाद वैश्य को सदन की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ दिलाई। गौरतलब है कि कामाख्या तासा को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राज्यसभा के सदस्य के रुप में कार्यकाल पूरा होने के बाद रिक्त सीट होने के बाद चुना गया है। तासा असम भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष भी है। इससे पहले वह 16 वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। जबकि वैश्य वर्ष 2008 में राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। वह इस सदन में दूसरी बार चुने गये हैं। इसके बाद राज्यसभा महासचिव देश दीक वर्मा ने 248वें सत्र के दौरान संसद में दोनों सभाओं द्वारा पारित होने के बाद राष्ट्रपति से मंजूर हुए विधेयकों को दर्शाने वाला एक विवरण सदन के पटल पर रखा। इससे पहले वर्मा ने संयुक्त सदन की बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिये गये अभिभाषण की प्रतियां सदन के पटल पर रखी।
पीएम ने कराया मंत्रिमंडल का परिचय
सदन की कार्यवाही के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नए मंत्रिमंडल के सदस्यों का परिचय कराया, जिनका सदन ने मेजे थपथपाकर स्वागत किया। सदन में केंद्रीय विदेश एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलधरन ने तीन तलाक समेत उन दस अध्यादेशों को सदन के पटल पर रखा जिन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा फरवरी और मार्च माह में किया गया था। इन अध्यादेशों में मुस्लिम महिला (विवाह संरक्षण अधिकार) अध्यादेश, कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, आधार और अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश, नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अध्यादेश, होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश और केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण)अध्यादेश, अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अध्यादेश तथा जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश शामिल है। इन अध्यादेशों को सरकार विधेयक में बदलना चाहती है।
गहलोत ने संभाला सदन नेता का पद
संसदीय कार्यमंत्री प्रहृलाद जोशी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर राज्यसभा में अरुण जेटली के स्थान पर उच्च सदन के नेता बनाए गये केंद्रीय मंत्री थांवर चंद गहलोत की जानकारी दी, जिन्होंने उच्च सदन में अपना पद ग्रहण किया। इस मौके पर सदन में जेटली के सदन नेता के कार्यकाल के दौरान उनकी कार्यशैली की सराहना की गई और इसके लिए जेटली के सदन के संचालन में मिले महत्वपूर्ण सहयोग के लिए समूचे सदन ने मेजे थपथपाई और नए सदन नेता का स्वागत किया।
21June-2019



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