रविवार, 23 जून 2019

संसद सत्र:महत्वपूर्ण बिलों को नए सिरे से पेश करेगी सरकार

एजेंडे में शामिल 10 अध्यादेशों को कानून में बदलने की चुनौती 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली। 
सत्रहवीं लोकसभा के पहले संसद सत्र की कल सोमवार से शुरूआत होने जा रही है, जिसमें मोदी-2 सरकार 16वीं लोकसभा के दौरान संसद में पारित न होने के कारण अपना अस्तित्व खो चुके 46 विधेयकों में से महत्वपूर्ण विधेयकों को इस संसद सत्र में नए सिरे से पेश करेगी। नई लोकसभा के पहले सत्र में सरकार ने दस अध्यादेशों को भी कानून में बदलने के लिए अपने एजेंडे में शामिल किया है।
नई लोकसभा के गठन के बाद कल सोमवार से आरंभ हो रहे पहले संसद सत्र में मोदी-2 सरकार के सामने उन 46 विधेयकों को नए स्वरूप में पेश करके पारित कराने की चुनौती होगी, जिनका 16लोकसभा भंग होने साथ ही अस्तित्व समाप्त हो गया है। हालांकि इनमें से राष्ट्रहित में महत्वपूर्ण विधेयकों को केंद्र सरकार ने इस संसद सत्र में नए सिरे से पेश करने के लिए अपने एजेंडे में शामिल किया है। इसके इस सत्र के लिए सरकार के एजेंडे में ऐसे दस अध्यादेश भी शामिल किये गये हैं, जिनकी 6 माह की मियाद एक अगस्त 2019 को समाप्त हो रही है, इसलिए इन अध्यादेशों को कानूनी रूप देने के लिए विधेयक में बदलने का सरकार का प्रयास होगा, जो किसी चुनौती से कम नहीं है। इन अध्यादेशों में तीन तलाक से जुड़े मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक के अलवा कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, आधार और अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश, नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अध्यादेश, होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश और केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण)अध्यादेश तथा जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश प्रमुख रूप से शामिल हैं।
पांच जुलाई को पेश होगा बजट
संसद सत्र के 17 जून से 19 जून यानि पहले तीन दिन लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों द्वारा शपथ ग्रहण की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इसके बाद 20 जून से राष्ट्रपति अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरूआत होगी। सत्र के दौरान लोकसभा में पांच जुलाई को 11 बजे केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2019-20 पेश करेंगी। इससे पहले चार जुलाई को संसद में भारत का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। वहीं 16वीं लोकसभा में अस्तित्व खो चुके 46 विधेयकों में से कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को फिर से संसद के पटल पर रखने का सरकार ने निर्णय लिया है।
भारी कामकाज के साथ आएगी सरकार
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार संसद के बजट सत्र के तहत नई लोकसभा का पहला सत्र कल 17 जून सोमवार तथा राज्यसभा का 249वां सत्र 20 जून से आरंभ होगा। संसद का यह सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। 20 जुलाई को केंद्रीय कक्ष में संयुक्त सदन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा। संसद सत्र के लिए सरकार के एजेंडे के अनुसार इस दौरान लोकसभा में 30 और राज्यसभा में 27 बैठकें होंगी। संसद सत्र में मुख्य रूप से लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव, केन्द्रीय बजट 2019-20 से संबंधित वित्तीय कामकाज के अलावा आवश्यक विधायी और गैर-विधायी कार्यों शामिल है। इस दौरान भारतीय संविधान की धारा 356 के अर्न्तगत राष्ट्रपति द्वारा जम्मू व कश्मीर के संबंध में 19 दिसंबर 2018 को जारी रखने के लिए उद्घोषणा के विस्तार 2019 तक मंजूर किया जाना आवश्यक है।
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पीएम मोदी ने संसद में राष्ट्रहित के मुद्दों पर विपक्ष से मांगा सहयोग                            
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने का दिया भरोसा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के कल सोमवार से आरंभ हो रहे बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों में कार्यवाही को सुचारू रुप से चलाने और राष्ट्रहित में महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्षी दलों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग का आव्हान किया है।
सत्रहवीं लोकसभा के सोमवार से शुरू हो रहे सत्र से पहले रविवार को केंद्र सरकार द्वारा संसद में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद को सुचारू रूप से संचालित करने तथा देश व जनहित के कल्याण के मुद्दों पर सभी दलों से एक साथ मिलकर काम करने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की है। मोदी ने बैठक में नव-निर्वाचित संसद-सदस्यों का स्वागत करते हुए आशा जताई कि संसद के कामकाज में उत्साह और ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने सभी नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें आत्म-निरीक्षण करना चाहिए कि क्या संसद सदस्य जन प्रतिनिधि के रूप में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हैं? उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही को बाधित करके हम जनप्रतिनिधि देश लोगों का दिल नहीं जीत सकते। इसलिए सभी दलों को राजनीतिक मतभेदों को अलग रखकर राष्ट्र की प्रगति के लिए अथक परिश्रम करना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने सभी दलों के नेताओं को सरकार के साथ सहयोग करने, 2022 तक नया भारत बनाने तथा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सही अर्थ को हासिल करने का भी आग्रह किया। मोदी ने यह भी आश्वासन दिया कि संसद में सभी राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से विचार कियाजाएगा और दोनों सदनों में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सरकार चर्चा कराने को भी तैयार रहेगी।
पीएम सदस्यों से करेंगे खुली बातचीत
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रहृलाद जोशी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी दलों को सरकार की दो नई पहलों की जानकारी देते हुए प्रस्ताव रखा है। इसमें मोदी ने 19 जून को संसद में प्रतिनिधित्व देने वाले सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया है तथा 20 जून को सभी संसद-सदस्यों को आमंत्रित किया है। इन बैठकों में शामिल होने वाले नेता सरकार के साथ खुली बातचीत कर सकेंगे और विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इस नई शुरुआत से सभी संसद-सदस्यों में टीम भावना का विकास होगा और इससे संसद की सुचारु कार्यवाही सुनिश्चित होगी। इन प्रस्तावों पर रचनात्मक चर्चा के जरिए गतिरोध समाप्त करने वाली पहल पर सभी दलों ने सहमति जताई है।
विपक्ष ने की बेरोजागारी, कृषि व सूखे पर चर्चा की मांग
केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने कृषि व किसानों की समस्या, बेरोजगारी और सूखे जैसे ज्वलंत मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने पर बल दिया,जिसके लिए सरकार ने विपक्षी दलों को भरोसा दिया है। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं को बताया कि विपक्षी दल राष्ट्र व जनहित के किसी भी मुद्दो का सदन में विरोध नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने रोजगार जैसे मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा कराने की मांग की है। आजाद ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को हटाकर वहां जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी सरकार के समक्ष मांग की है।
बैठक में शामिल हुए ये नेता
संसद भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा सरकार की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, संसदीय कार्य मंत्री प्रहृलाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा वी मुरलीधरन प्रमुख रूप से शामिल हुए। जबकि विपक्षी दलों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन और सुदीप बंदोपाध्याय, राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा व अधिरंजन चौधरी, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, सपा के रामगोपाल यादव, माकपा के डी राजा, आप के संजय सिंह, द्रमुक के टीआर बालू के अलावा जयदेव गल्ला, सीएम नरेश, राम मोहन नायडू, एनके प्रेमचंद्रन, के सुरेश, वी विजयसाई रेड्डी जैसे नेता प्रमुख रुप से शामिल हुए।
17June-2019

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