छग
में 17, मप्र में 40 व हरियाणा में दस परियोजनाएं लंबित
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश
में रेलवे परिवहन को दुरस्त करने की दिशा में शुरू की गई परियोजनाओं को शुरू करने
के लिए आ रही अड़चनों के मद्देनजर लंबित पड़ी 491 परियोजनाओं को पूरा करना भारतीय
रेलवे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इन लंबित परियोजनाओं में सबसे ज्यादा 78
परियोजनाएं उत्तर प्रदेश में पूरा करने की दरकार है। जबकि छत्तीसगढ़ में 17, मध्य
प्रदेश में 40 और हरियाणा में 10 परियोजनाएं लंबित है।
रेल
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में भारतीय रेलवे के कायाकल्प
करने की दिशा में कई महत्वकांक्षी परियोजनाओं को पूरा किया है, जिसमें रेलवे संरक्षा
और सुरक्षा की प्राथमिकता के साथ देश के दुर्गम और दूरस्त क्षेत्रों में भी रेल
सेवाएं शुरू करना शामिल है। इसके बावजूद नई रेलवे लाइन बिछाना, आमान परिवर्तन,
दोहरीकरण जैसी परियोजनाओं में रेलवे के सामने राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रालयों के
विभिन्न विभागों से भूमि अधिग्रहण के लिए स्वीकृतियां, वन एवं वन्य जीवन संबंधी सैद्धांतिक
स्वीकृतियां, जनोपयोगी सुविधाओं का अंतरण आदि जैसी स्वीकृतियां न मिलने के कारण
देश में फिलहाल 491 परियोजनाएं लंबित है, जिन्हें शुरू करने के लिए रेलवे नियमित रूप से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संबंधित
विभागों के साथ संरेखण, भूमि अधिग्रहण, वन एवं वन्य जीव स्वीकृतियों, कानून एवं व्यवस्था
संबंधी समस्याओं, जनोपयोगी सुविधाओं के अंतरण से जुड़े विभिन्न मुद्दों के संबंध में
नियमित बैठकें भी आयोजित करता आ रहा है। इस दिशा में रेलवे ने महत्वतपूर्ण परियोजनाओं,
क्षमता संवर्धन से जुड़ी कुछ परियोजनाओं तथा रेल संपर्क सेवा आदि के लिए मैसर्स भारतीय
जीवन बीमा निगम लिमिटेड से 1.5 लाख करोड़ रुपये के ऋण द्वारा संस्थागत वित्तपोषण की
व्यवस्था की है, ताकि अत्यंत आवश्यक परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध निधि व्यवस्था से
रेलवे की क्षमता में वृद्धि की जा सके। रेलवे के अनुसार इन्हीं बाधाओं के कारण परियोजनाओं
के पूरे होने के लिए कोई निश्चित समय सीमा या लक्ष्य निर्धारित करना संभव नहीं है।
राज्यों को इन परियोजनाओं का
इंतजार
भारतीय
रेलवे के अनुसार देश में विशेष रूप से नई रेलवे लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण जैसी
लंबित 491 परियोजनाओं में सर्वाधिक 78 परियोजनाएं उत्तर प्रदेश की हैं। इसके अलावा
असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में लंबित 20 परियोजनाओं को पूरा करने का प्रयास किया
जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ में 17, मध्य प्रदेश व गुजरात में 40-40, हरियाणा में
दस, दिल्ली में 06, पंजाब में 14, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में 04-04, राजस्थान
में 30, जम्मू एवं कश्मीर में 03, बिहार में 55, झारखंड व आंध्र प्रदेश में 31-31,
कर्नाटक में 35, केरल में 09, महाराष्ट्र में
37, ओडिशा में 35, तेलंगाना में 13, तमिलनाडु
में 22 तथा पश्चिम बंगाल में 54 रेलवे परियोजनाएं लंबित हैं। रेलवे मंत्रालय के
अनुसार इनमें कुछ परियोजनाएं ऐसी हैं जो एक से अधिक राज्यों में पड़ती हैं।
सीसीटीवी कैमरे बनेंगे ट्रेनों में अपराध नियंत्रण का सबब
शताब्दी
ट्रेन में चोरी के खुलासे के बाद पकड़े गये अपराधी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय
रेलवे की सुरक्षा एवं संरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रेलगाड़ियों खासकर एक्सप्रेस
ट्रेनों के कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की शुरू की गई योजना रेलगाड़ियों में
अपराधों पर लगाम लगाने में सक्षम होगी, जिसका भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार नतीजा
आने का रेलवे ने दावा किया है। मसलन शताब्दी एक्सप्रेस के कोच में लगे कैमरे की
बदौलत रेलवे सुरक्षा बल ने 48 घंटे के भीतर एक यात्री के चोरी हुए सामान की गुत्थी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मदद से सुलझा
ली है।
उत्तर
रेलवे में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी अजय माइकल ने यह जानकारी
देते हुए बताया कि पिछले साल नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय रेलवे सुरक्षा सम्मेलन
में रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक ने भारतीय रेलवे की एक परियोजना के तहत सभी
शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की
योजना शुरू करने का ऐलान किया था, ताकि ट्रेनों में चोरी या अन्य आपराधिक मामलों
को सुलझाने में मदद मिल सके। इस योजना का नतीजा सामने आने लगा है। माइकल ने बताया
कि रेल यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा के इसी क्रम में भविष्य के दृष्टिकोण पर
दिल्ली मंडल की रेलवे सुरक्षा बल के विशेष दल ने
48 घंटे के भीतर दो अपराधियों की गिरफ्तार करके पहला मामला सुलझाया है।
उन्होंने बताया कि गत 19 जून को कालका शताब्दी के ट्रेन एस्कॉर्ट दल ने मंडल रेल प्रबंधक
कार्यालय को जानकारी दी है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर ट्रेन
के सी-4 कोच से एक महिला यात्री का मोबाइल चोरी हो गया था। इस मामले को कालका
शताब्दी ट्रेन के कोच सी-4 में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का गहन विश्लेषण विशेष
किया गया। विश्वसनीय जानकारी के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने को दो लोगों
को गिरफ्तार किया गया, जिससे चोरी किया गये 59 हजार रुपये की कीमत वाले मोबाइल फोन व अन्य छह महंगे मोबाइल फोन समेत उनके कब्जे से
दो लाख रुपये का सामान बरामद किया गया है। दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक एससी जैन ने
आरपीएफ के दल को इस मामले को सुलझाने पर कहा कि इससे यात्रियों का भारतीय रेलवे पर
विश्वास बढ़ेगा। वहीं उत्तर रेलवे रेलवे सुरक्षा बल के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त
संजय सांकृत्यायन ने कहा कि रेल गाड़ियों में आधुनिक तकनीक की मदद से अपराध की
रोकथाम करना संभव होगा।
23June-2019
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