रविवार, 23 जून 2019

ड्राइविंग लाइसेंस में जरूरी नहीं होगी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता


हरियाणा सरकार के सुझाव पर एक्शन में केंद्र सरकार
केंद्र सरकार मोटर वाहन नियमावली में संशोधन प्रक्रिया शुरू
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता को हटाने मोटर वाहन कानून में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। यह सुझाव केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पिछले सप्ताह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दिया था। वहीं हल्के वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर परिवहन वाहनों के चालकों को राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी आदेश जारी कर चुका है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ने वाहनों को चलाने के लिए चालक के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को हटाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 8 के तहत वाहन चालक के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्ता 8वीं पास जरूरी जरुरी है। मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले सप्ताह केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच हुई एक बैठक के दौरान हरियाणा सरकार ने मेवात क्षेत्र के आर्थिक रूप से पिछड़े चालकों के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त को हटाने का अनुरोध किया था। हरियाणा सरकार ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया था कि मेवात में लोगों की आजीविका वाहन चलाने समेत कम आय वाले साधनों पर निर्भर करती है, और इस क्षेत्र के अधिकांश लोगों के पास आवश्यक कौशल तो है लेकिन आवश्यक शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए ऐसे क्षेत्र इन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिलना मुश्किल हो रहा है। हरियाणा सरकार के इस सुझाव पर विचार करते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने महसूस किया कि शैक्षणिक योग्यता की तुलना में वाहन चलाने की कौशलता अधिक महत्वपूर्ण है। वहीं इस अनिवार्यता को हटाने से बड़ी संख्या में बेरोजगार व्यक्तियों, विशेषकर युवाओं के लिए देश में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इसलिए मंत्रालय ने बेरोजगार युवाओं के लिए वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस में एक बड़ी बाधा बनी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त को हटाने का निर्णय लिया है। इसक लिए केन्‍द्रीय मोटर वाहन 1989 के नियम 8 में संशोधन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है और जिसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि सरकार के इस निर्णय से ट्रांसपोर्ट परिवहन और माल ढुलाई क्षेत्र में लगभग 22 लाख चालकों की कमी को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
प्रशिक्षण व कौशल पर बल
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने चालकों के लिए न्‍यूनतम शैक्षिक योग्‍यता की आवश्‍यकता हटाते हुए उनके प्रशिक्षण और कौशल की परीक्षा पर जोर दिया है, ताकि सड़क सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता न हो सके। मसलन ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्‍यक्ति के लिए कड़ी कौशल परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार इस बात पर बल दिया है कि किसी स्‍कूल या प्रतिष्‍ठान द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि चालक संकेतों को पढ़ने, लॉजिस्टिक ड्यूटी जैसे कि ड्राइवर लॉग्स का रखरखाव करने, ट्रकों और ट्रेलरों का निरीक्षण करने, प्री-ट्रिप और पोस्ट-ट्रिप रिकॉर्ड प्रस्तुत करने, कागजी कार्रवाइयों की विसंगतियों का निर्धारण करने, सुरक्षा संबंधी खतरों को रिपोर्ट करने के लिए कुशल संचार कल पाने में सक्षम हो। इतना ही नहीं, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल सुविधाएं प्रदान करने वाले स्कूल और प्रतिष्ठान राज्यों के नियामक नियंत्रण के अधीन हैं।
क्या हैं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
मंत्रालय के अनुसार उच्चतम न्‍यायालय ने दीवानी अपील संख्‍या 2011 की 5826- मुकुंद देवगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य में 3 जुलाई 2017 को सुनाए अपने फैसले में हल्के मोटर वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले में निर्देश दिये थे, कि हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) श्रेणी का लाइसेंस होने की स्‍थि‍ति में ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। उसी आधार पर संसद में लंबित मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक में शैक्षिक योग्‍यता की आवश्‍यकता हटाने का प्रस्‍ताव मंत्रालय पहले ही कर चुका है।
19June-2019

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