राज्यों
के जल व सिंचाई मंत्रियों की बैठक में जल संपदा के सरंक्षण पर हुआ मंथन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र की
मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के बाद अब
देशभर में वर्ष 2024 हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है, जिसके
लिए जल संबन्धी विभागों को एकीकृत कर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय का गठन करके
राज्यों के साथ समन्वय बनाकर केंद्र सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।
केंद्रीय
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा मंगलवार को यहां नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय
जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में राज्यों के राज्यों के जल संसाधन,
पेयजल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्रियों और सचिवों की बैठक आयोजित की गई। बैठक
के बाद केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि
वर्ष 2024 तक देश में 14 करोड़ घरों में रह रहे परिवारों के लिए शुद्ध पेयजल
मुहैया कराने के लिए जलशक्ति मंत्रालय ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जल
राज्य का विषय है इसलिए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों के साथ समन्वय
बनाकर योजना को अंजाम देना होगा। इसके लिए सभी राज्यों के संबन्धित मंत्रियों और
सचिवों तथा राज्य प्रतिनिधियों की बैठक में उनके सुझावों और इस कार्य के लिए कैसे
आगे बढ़ा जाए जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पेयजल संबन्धी आंकड़ो
को देखा जाए तो सिक्किम को छोड़कर देश के किसी भी राज्य में पेयजल की स्थिति
संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में पेयजल कवरेज मात्र 18 फीसदी ही रह गया
है, जबकि पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे
राज्यों में तो स्वच्छ पेयजल का कवरेज पूरा पांच फीसदी भी नहीं है। उन्होंने कहा
कि वर्षा के जल संचय और अन्य तौरतरीकों से पानी की बूंद-बूंद को संरक्षित करने के
लिए राज्यों के मंत्रियों और सचिवों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं और केंद्र
सरकार के इस लक्ष्य को राज्यों ने पूर्ण समर्थन के साथ समन्वय के साथ कार्य करने
का भरोसा दिया है, जिसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को पूर्ण सहायता मुहैया कराएगी।
बिहार में पहले से तय लक्ष्य
केंद्रीय
मंत्री शेखावत ने जानकारी दी कि बिहार राज्य सरकार ने इसी तरह हर घर को पीने का पानी
मुहैया कराने के लिए पहले से ही ‘हर घर नल का जल’ के तहत योजना चला रखी है, जिसमें
बिहार सरकार की योजना को पूरा करने का लक्ष्य 2020 तय किया गया है। इस योजना को
ग्राम पंचायतों की मदद से पूरा करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यहां
बैठक में बिहार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने जानकारी दी
है कि इसके लिए सरकार ने पीने के पानी को सभी परिवारों के घरों में पाईप जलापूर्ति
योजनाओं द्वारा टैप के जरिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
भूजल संकट की चुनौती
केंद्रीय
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि देश में कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जिसका काई न कोई
क्षेत्र डार्क जोन में शामिल न हो। ऐसी समस्या लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण
पैदा हो रही है, जिससे निपटना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि
मंगलवार की बैठक में जल संकट और उससे जुड़ी चुनौतियों तथा अन्य मुद्दों को शामिल
नहीं किया गया है, जिनके लिए मंत्रालय राज्यों से अलग से बैठक बुलाकर चर्चा करेगा।
इस बैठक में केवल हर घर तक पानी पहुंचाने की योजना को लेकर मंथन किया गया है।
नदियों को आपस में जोड़ने और देश के विभिन्न राज्यों के बीच चल रहे नदियों के जल
विवादों के मुद्दों पर भी सरकार समय समय पर राज्यों के साथ बैठक करके साझा योजनाएं
बनाएगी।
ममता ने किया बहिष्कार
केंद्र
सरकार की जल के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार के किसी मंत्री या सचिव या प्रतिनिधि
ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया है। यह जानकारी केद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत
ने संवाददाता सम्मेलन में देते हुए कि सभी पश्चिम बंगाल छोड़कर सभी राज्यों के
प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार की इस योजना का समर्थन करते हुए साथ मिलकर काम करने
का भरोसा दिया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार से तल्खी बरत रही ममता सरकार ने इससे
पहले भी केंद्र सरकार की कई बैठकों का बहिष्कार किया है।
12June-2019
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