रविवार, 23 जून 2019

हरियाणा: ग्रीन कॉरिडोर 152डी परियोजना का रास्ता साफ


किसानों को मिलेगा अधिग्रहित भूमि का ज्यादा मुआवजा
सीएम के हस्तक्षेप से केंद्र ने लिया भूमि के अवार्ड में संशोधन करने का निर्णय                                                          
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली
हरियाणा की 152डी आर्थिक ग्रीन कॉरिडोर परियोजना में अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को लेकर किसानों के आंदोलन की बाधा बुधवार को यहां त्रिपक्षीय वार्ता में मुआवजे के लिए अवार्ड में संशोधन करने पर बनी सहमति के बाद दूर होती नजर आई। केंद्र सरकार के इस निर्णय से किसानों को अधिग्रहित भूमि का ज्यादा मुआवजा मिल सकेगा।
दरअसल हरियाणा सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने नारनौल से गंगहेड़ी (पिहोवा) तक करीब 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित 227 किलोमीटर लंबे इकोनॉमिक ग्रीन कॉरिडोर 152डी परियोजना को मंजूरी दी थी। इसके निर्माण के लिए किसानों की अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को लेकर पेंच फंसा हुआ था। भूमि के मुआवजे को वाणिज्यिक दर पर देने की मांग को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं, जिसके कारण इस राजमार्ग परियोजना का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। इस परियोजना में किसानों के आंदोलन की इस अड़चन को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने हस्तक्षेप कर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता का न्यौता दिया। यहां नई दिल्ली स्थित परिवहन भवन में इस मुद्दे पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि किसानों के हित में मुआवजे की प्रक्रिया को कानूनी तौर पर अवार्ड घोषित करने के लिए परिवर्तन किया जाए। बैठक में आम सहमति बनाई गई कि आर्थिक ग्रीन कॉरिडोर के रूप में राष्ट्रिय राजमार्ग 152डी के निर्माण अधिग्रहित की भूमि के लिए किसानों के हित में मुआवजे पर अवार्ड में सुधार किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरियाणा राज्य सरकार को कहा कि यह राज्य सरकार का मामला है, इसलिए राज्य सरकार को अवार्ड की घोषणा से पहले प्रक्रिया में कानून का पालन करते हुए अवार्ड में सुधार कर उसमें परिवर्तन कर केंद्रीय मंत्रालय को भेजे, ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।
किसानों के हित में सरकार: मनोहर लाल
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में इस्माइलबाद से कोटपुतली तक बनने वाले 152 डी ग्रीन कॉरिडोर के लिए करीब चार हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी है। करीब 25 गावों के भू-मालिक किसान भूमि अधिग्रहण मूल्य दरों से संतुष्ट नही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। उनका कहना है कि जब अधिग्रहित भूमि के लिए अवार्ड किया गया तो उस समय हरियाणा में भूमि के कलेक्टर रेट कम थे, जिसके बाद सरकार ने कलेक्टर रेट में काफी वृद्धि की है। इसलिए अब अवार्ड को बढ़ी दरों के आधार पर परिवर्तित किया जाएगा, ताकि किसानों को उचित मूल्य दर पर मुआवजा मिल सके।
बैठक में ये रहे शामिल
यहां परिवहन भवन में बुधवार दोपहर को करीब एक घंटा चली इस उच्च स्तरीय बैठक में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति रमेश दलाल के नेतृत्व में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच विस्तार से चर्चा हुई। वहीं बैठक में हरियाणा लोक निर्माण मंत्रीराव नरबीर सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त स्थानीय आयुक्त चंद्रशेखर खरे, हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
किसानों का आंदोलन स्थगित
राष्ट्रिय राजमार्ग 152डी के निर्माण के हेतु अधिग्रहण की गई भूमि के उचित मुआवज़े की मांग को लेकर भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले लंबे समय से चले आ रहे किसानों के आंदोलन को बुधवार को नई दिल्ली के परिवहन भवन में किसानों के प्रतिनिधियों के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच हुई बैठक में मुआवजे के लिए अवार्ड में परिवर्तन करने पर सहमति बनी। केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने मीडिया को बताया कि आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने बैठक के बाद मीडिया को यह देश भर के किसानों की बड़ी जीत हुई है, क्योंकि इस उच्च स्तरीय बैठक पहली बार किसानो के हित में अवार्ड परिवर्तित करने का फैसला हुआ है, जिसमें अब किसानों को प्रर्याप्त और उचित मुआवजा मिल सकेगा। सरकार के इस फैसले के बाद दलाल ने रेल व दिल्ली-गुरुग्राम नहर रोकने और हरियाणा बंद करने के आंदोलन को स्थगित करने का भी ऐलान किया है। वहीं यह भी चेतावनी दी कि यदि समय रहते सरकार ने इस बैठक में बनी सहमति के अनुसार मुआवजा अवार्ड में संशोधन नहीं किया तो स्थगित किये गये आंदोलन को फिर से उग्ररूप में शुरू कर दिया जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस में शैक्षिक योग्यता में मिलेगी एक साल की छूट
हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ नितिन गडकरी के साथ चर्चा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्रीय मोटर वाहन कानून में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए केंद्र सरकार नियमों में परिवर्तन करेगी, जिसके तहत डीएल के लिए आठवीं कक्षा उतीर्ण की शैक्षणिक योग्यता में एक वर्ष की समयावधि के लिए छूट मिल सकेगी।
नई दिल्ली स्थित परिवहन भवन में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच हुई मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया है। इस बैठक में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रार्थीयों की निर्धारित की गई आठवीं कक्षा उतीर्ण होने की शैक्षणिक योग्यता में छूट देने की दिशा में नियमों में छूट देने पर चर्चा हुई। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन कानून के तहत नियमों में परिवर्तन किया जाएगा। बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्रीय मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत ड्राइविंग लाइसेंस के लिए निर्धारित की गई आठवीं कक्षा उतीर्ण होने की शैक्षणिक योग्यता में एक वर्ष की समयावधि के लिए छूट की दिशा में नियमों में परिवर्तन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा उतीर्ण की शैक्षिक योग्यता में छूट दिए जाने के कारण हरियाणा विशेषकर मेवात क्षेत्र के लगभग 20 हजार वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंसों का नवीनीकरण हो सकेगा और नए प्रार्थी भी अपने नए ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के उपरांत केंद्रीय मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत किए हुए शैक्षणिक योग्यता के प्रावधान के संदर्भ में संशोधन करवाया जाएगा या कोई और समाधान का प्रयास किया जाएगा। इस बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जरनल वीके सिंह, हरियाणा लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर आदि भी मौजूद थे।
13June-2019

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