रविवार, 20 जुलाई 2014

राज्‍यसभा-आधे सांसदों ने पढ़े संसदीय पाठ!


 
पचास फीसदी नए सांसदों ने दिखाई दिलचस्पी
राज्यसभा के नए सांसदों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
राज्यसभा में पहली बार निर्वाचित होकर आए नए सांसदों को संसदीय प्रणाली और नियमों की जानकारी हासिल करने में शायद सांसदों की ज्यादा रूचि नहीं है। मसलन नए सांसदों के लिए शुरू हुए दो दिन के प्रबोधन कार्यक्रम में केवल 50 फीसदी सांसदों ने ही हिस्सा लिया। जबकि उच्च सदन में ऐसे 60 सदस्य हैं जिनके प्रशिक्षण के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
संसद के दोनों सदनों में पहली बार निर्वाचित होकर आने वाले सांसदों को संसद के कामकाज के तौर तरीकों और संसदीय परिपाटी में नियमों तथा विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने के लिए संसद के ब्यूरो आॅफ पार्लियामेंट्री स्टडीज एवं टेनिंग डिपार्टमेंट के जरिए इस तरह के प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। राज्यसभा सचिवालय की ओर से आयोजित इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम के लिए राज्यसभा में नव निर्वाचित 60 सदस्यों को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन कार्यक्रम के पहले दिन केवल 30 यानि 50 प्रतिशत नए सांसदों ने ही हिस्सा लेकर संसदीय पाठ पढ़ा। सांसदों की इस पाठशाला से आधे सदस्य इस कार्यक्रम में शामिल ही नहीं हो सके। शनिवार को शुरू हुए इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन उप राष्टÑपति हामिद अंसारी ने राज्यसभा के सभापति के रूप में किया। इस कार्यक्रम में विजय गोयल, केटीएस तुलसी, रीताबर्ता बनर्जी, रोनाल्ड तलाव, डा. कुपेन्द्र रेड्डी, विजिला सत्यनाथ, शशिकला पुष्पा, सरोजनी हेमब्राम, सत्यनारायण जटिया, केआर अर्जुनन, रामनाथ ठाकुर, केहकेशा प्रवीण, भूपेन्द्र सिंह, कल्पतरू दास आदि समेत कुल 30 नए सांसदों ने हिस्सा लिया। नए सांसदों को संसदीय प्रणाली और नियमों की जानकारी के लिए इस कार्यक्रम में उनके योगदान, कर्तव्य और दायित्व के अलावा संसदीय परिपाटी व प्रक्रिया के अलावा शिष्टाचार, आचार संहिता और विशेषाधिकार आदि नियमों की जानकारी दी जा रही है। वहीं एक सांसद की भूमिका और भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के लिए योगदान, सदस्य की सुविधाएं, संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, कानून बनाने की प्रक्रिया, समिति प्रणाली, राजनीति में आचार संहिता जैसे विषयों के बारे में भी जानकारी दी जानी है। रविवार को दूसरे दिन नए सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्रों में विकास योजनाओं के बारे में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रो. टीसीए अनंत, राज्यसभा में नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका के बारे में वरिष्ठ सांसद डा. ईएम सुदर्शन नाच्चियप्पन तथा कानूनी प्रक्रिया से विधि एवं न्याय मंत्रालय के पूर्व सचिव डा. रघुबीर सिंह, समितियों की प्रणाली के बारे में सीताराम येचुरी, राजनीति में एथिस के बारे में आॅस्कर फर्नांडीस नए सांसदों की पाठशाला में पाठ पढ़ाएंगे।
ऐसे पढ़ाया पहला संसदीय पाठ
प्रबोधन कार्यक्रम में नए सांसदों को संबोधित करते हुए राज्यसभा के सभापति मोहम्म हामिद अंसारी ने कहा कि सदन में एक सदस्य के लिए जनहित के मुद्दों पर कानून बनाने, कार्यकारी जवाबदेही और चर्चा और बहस जैसे बुनियादी कार्यो पर एक आदर्श जनप्रतिनिधि होने का प्रमाण देना जरूरी है। उन्होंने सदन में सवालों, वाद-विवाद और कानून बनाने वाले मुद्दों पर सदन की गरिमा बनाने के लिए भी नए सांसदों को ज्ञान दिया। राज्यसभा की प पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए अंसारी ने कहा कि सदन में एक सांसद की भूमिका देश के विकास में महत्वपूर्ण होती है, जिसके कर्तव्य के निर्वहन करने के लिए एक सांसद के लिए संसदीय परिपाटी और नियमों के दायरे में रहकर अपना आदर्श प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने नए सदस्यों से यह भी आग्रह किया कि सदन में कामकाज की गुणवत्ता बनाने में सहयोग देकर एक सदस्य लोकतांत्रिक मॉडल पेश करके अन्य देशों के सामने भी आदर्शन प्रस्तुत करने में सक्षम होता है। अंसारी ने सदस्यों को सदन में हंगामे और शोर शराबे की प्रथा से बचने की सलाह देते हुए कहा कि सदन में एक सदस्य का आचरण संसदीय नियमों के दायरे में होना चाहिए, भले ही वह किसी मुद्दे के विरोध में ही क्यों न हो। उन्होंने प्रश्नकाल को सदन के कार्यो में अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उसकी पवित्रता बनाने पर जोर रहना चाहिए, जिसमें देश और देश की जनताओं की अपेक्षाएं नीहित होती हैं। इनके अलावा कार्यक्रम में उपसभापति प्रो. पीजे कुरियन व राज्यसभा महासचिव के. शमशेर शरीफ ने भी उच्च सदन के नियमों और कार्यो की जानकारी दी। वहीं नए सदस्यों को जन महत्व के मुद्दों और प्रश्नकाल तथा विभाग संबन्धित समितियों के बारे में वरिष्ठ सांसद पी. राजीव, संसदीय प्रणाली और परिपाटी के बारे में बलबीर पुंज, भारतीय राजनीति में एक सांसद की भूमिका और कर्तव्यों के बरीे में मणिशंकर अय्यर ने ज्ञान दिया। जबकि राज्यसभा की अतिरिक्त सचिव श्रीमती वंदना गर्ग ने नए सदस्यों के सवालों और उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए जवाब दिये।
20July-2014

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