खूब याद किये गये अटल बिहारी वाजपेयी!
सड़क परियोजना संबन्धी अनुदान मांगों पर हुई चर्चा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में बुनियादी ढांचों की मजबूती सड़कों के निर्माण से ही महसूस की जाती रही है। गांवों तक को सडक संपर्क मार्गो से जोड़ने या फिर नेशनल हाइवे के विकास को नया अमलीजामा पहनाने की योजना को कार्यान्वित करने की बात आएगी, तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद तो आएगी ही। मसलन लोकसभा में सत्ता पक्ष हो या विपक्ष के सांसद ज्यादातर ने देश में नेशनल हाइवे और स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना की शुरूआत करने वाली पूर्ववर्ती राजग सरकार के प्रधानमंत्री को कहीं न कहीं नाम लेकर याद किया।
दरअसल बुधवार को भोजनावकाश के बाद लोकसभा में आम बजट के प्रक्रम में वर्ष 2014-15 के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा शुरू हुई तो स्वयं सड़क परिवहन परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से लेकर बहस के हिस्सेदार रहे अधिकांश सांसदों ने किसी न किसी रूप में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम देकर देश में दिखाई दे रहे सड़कों के जाल का श्रेय दिया। चर्चा के दौरान वेसेंट एच. पाला ने इस पर चर्चा की शुरूआत करते हुए अटल सरकार द्वारा दिये गये कंसैप्ट को देश के विकास में जरूरी बताया, तो तृणमूल कांग्रेस के सुल्तान अहमद ने तो यहां तक कहा कि वह अटल बिहारी वाजपेयी को सलाम करते हैं, जिन्होंने नेशनल हाइवे का ऐसा कंसैप्ट यानि प्लान दिया कि आज हर किसी का सफर छोटा हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि यूपीए सरकार अटल सरकार की परियोजनाओं पर तेजी से काम करती तो शायद मोदी सरकार को इसे आगे बढ़ाने के लिए नए सिरे से परियोजनाओं का खाका न बनाना पड़ता। सुल्तान अहमद ने तो यूपीए सरकार की सभी योजनाओं को कागजी करार देते हुए कहा कि उसने लाइफ लाइन देने का प्रयास नहीं किया, लेकिन मोदी सरकार से उम्मीदें हैं कि वे सड़कों पर निरंतर बढ़ रही दुर्घटनाओं को कम करके लाइफ लाइन देने की रणनीति को सख्ती से चलाएं। शिवसेना के श्रीरंग आप्पा बारणें ने तो अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेते हुए कहा कि उनकी स्वर्ण चतुष्कोणीय सड़क परियोजना के कारण देश, प्रदेश और शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क बना हुआ है यानि गांवों को मुख्य मार्गो से संपर्क मार्ग के निर्माण की देश वाजपेयी के नाम ही है। इसी प्रकार रबिन्द्र कुमार जेना, भाजपा के आरके सिंह, जी हरि व अन्य सांसदों ने भी इस चर्चा के दौरान कई-कई बार अटल बिहारी वाजपेयी को याद किय। जिन सांसदों ने अपने लिखित भाषण सदन के पटल पर रखे हैं उनमें भी सड़क परियोजनाओं में अटल सरकार को श्रेय दिया है। कुछ सांसद तो यहां तक बोले की अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसी बुनियादी ढांचे के विकास से देश का नाम बढ़ाया, लेकिन पिछले दस सालों में दूसरी सरकार ने इसे दिशा देने का प्रयास ही नहीं किया।
मनमोहन भी दे चुके हैं श्रेय
इससे पहले यूपीए की सरकार में भी सड़क परियोजनाओं में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना, स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना और नेशनल हाइवे के विस्तार पर स्वयं प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह संसद में ही पूर्ववर्ती राजग सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रेय देने में पीछे नहीं रहे। संसद में मनमोहन सिंह के भाषणों में वाजपेयी सरकार की सड़क परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की बात होती रही है, लेकिन यूपीए सरकार सड़क परियोजनाओं में लगातार पिछड़ती नजर आई है, जिसे स्वयं यूपीए सरकार भी स्वीकार कर चुकी थी।
सड़क परियोजना संबन्धी अनुदान मांगों पर हुई चर्चा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में बुनियादी ढांचों की मजबूती सड़कों के निर्माण से ही महसूस की जाती रही है। गांवों तक को सडक संपर्क मार्गो से जोड़ने या फिर नेशनल हाइवे के विकास को नया अमलीजामा पहनाने की योजना को कार्यान्वित करने की बात आएगी, तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद तो आएगी ही। मसलन लोकसभा में सत्ता पक्ष हो या विपक्ष के सांसद ज्यादातर ने देश में नेशनल हाइवे और स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना की शुरूआत करने वाली पूर्ववर्ती राजग सरकार के प्रधानमंत्री को कहीं न कहीं नाम लेकर याद किया।
दरअसल बुधवार को भोजनावकाश के बाद लोकसभा में आम बजट के प्रक्रम में वर्ष 2014-15 के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा शुरू हुई तो स्वयं सड़क परिवहन परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से लेकर बहस के हिस्सेदार रहे अधिकांश सांसदों ने किसी न किसी रूप में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम देकर देश में दिखाई दे रहे सड़कों के जाल का श्रेय दिया। चर्चा के दौरान वेसेंट एच. पाला ने इस पर चर्चा की शुरूआत करते हुए अटल सरकार द्वारा दिये गये कंसैप्ट को देश के विकास में जरूरी बताया, तो तृणमूल कांग्रेस के सुल्तान अहमद ने तो यहां तक कहा कि वह अटल बिहारी वाजपेयी को सलाम करते हैं, जिन्होंने नेशनल हाइवे का ऐसा कंसैप्ट यानि प्लान दिया कि आज हर किसी का सफर छोटा हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि यूपीए सरकार अटल सरकार की परियोजनाओं पर तेजी से काम करती तो शायद मोदी सरकार को इसे आगे बढ़ाने के लिए नए सिरे से परियोजनाओं का खाका न बनाना पड़ता। सुल्तान अहमद ने तो यूपीए सरकार की सभी योजनाओं को कागजी करार देते हुए कहा कि उसने लाइफ लाइन देने का प्रयास नहीं किया, लेकिन मोदी सरकार से उम्मीदें हैं कि वे सड़कों पर निरंतर बढ़ रही दुर्घटनाओं को कम करके लाइफ लाइन देने की रणनीति को सख्ती से चलाएं। शिवसेना के श्रीरंग आप्पा बारणें ने तो अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लेते हुए कहा कि उनकी स्वर्ण चतुष्कोणीय सड़क परियोजना के कारण देश, प्रदेश और शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क बना हुआ है यानि गांवों को मुख्य मार्गो से संपर्क मार्ग के निर्माण की देश वाजपेयी के नाम ही है। इसी प्रकार रबिन्द्र कुमार जेना, भाजपा के आरके सिंह, जी हरि व अन्य सांसदों ने भी इस चर्चा के दौरान कई-कई बार अटल बिहारी वाजपेयी को याद किय। जिन सांसदों ने अपने लिखित भाषण सदन के पटल पर रखे हैं उनमें भी सड़क परियोजनाओं में अटल सरकार को श्रेय दिया है। कुछ सांसद तो यहां तक बोले की अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसी बुनियादी ढांचे के विकास से देश का नाम बढ़ाया, लेकिन पिछले दस सालों में दूसरी सरकार ने इसे दिशा देने का प्रयास ही नहीं किया।
मनमोहन भी दे चुके हैं श्रेय
इससे पहले यूपीए की सरकार में भी सड़क परियोजनाओं में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना, स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना और नेशनल हाइवे के विस्तार पर स्वयं प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह संसद में ही पूर्ववर्ती राजग सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रेय देने में पीछे नहीं रहे। संसद में मनमोहन सिंह के भाषणों में वाजपेयी सरकार की सड़क परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की बात होती रही है, लेकिन यूपीए सरकार सड़क परियोजनाओं में लगातार पिछड़ती नजर आई है, जिसे स्वयं यूपीए सरकार भी स्वीकार कर चुकी थी।
24July-2014
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