मंगलवार, 8 जुलाई 2014

संसद में गतिरोध खत्म करने आगे आए मोदी!

सुबह के नाश्ते की मेज पर पीएम ने की सर्वदलीय चर्चा
कुछ नेताओं ने मोदी के कामकाज के तरीके पर कसीदे भी पढ़े
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र में सरकार के कामकाज को गति देने में मोदी सरकार के सामने महंगाई जैसे मुद्दो पर अड़चन बने विपक्षी दलों के गतिरोध को खत्म करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे आ गये हैं, जिन्होंने सुबह नाश्ते की मेज पर अपने ही अंदाज में कुछ दलों को ऐसे प्रभावित किया कि वे मोदी सरकार के काम के तरीके के कसीदे पढ़ते नजर आए। वहीं प्रधानमंत्री ने सभी दलों से संसद के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग की अपेक्षा भी की।
दरअसल संसद के बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए महंगाई जैसे कई मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने के लिए लामबंद हुए विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ही संकेत दे दिये थे। विपक्षी दलों के रूख को देखते हुए सरकार और विपक्षी दलों के बीच पनपे गतिरोध को खत्म करने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री को आगे आना पड़ा। संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले सरकार की ओर से नाश्ते की मेज पर सर्वदलीय बैठक आयोजित की, जिसमें स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार की ओर से नेतृत्व करते हुए सभी नेताओं से संसद में सहयोग की अपील की। इस दौरान मोदी के अपने अंदाज ने कई दलों के नेताओं को ऐसा प्रभावित किया कि वे मोदी से मुलाकात के दौरान उनकी सरकार के कामकाज के तरीको को सराहने से नहीं रोक पाए। सूत्रों की माने तो कुछ नेताओं ने तो मंत्रालयों में नौकरशाही पर शिकंजा कसकर कामकाज में तेजी लाने के तौरतरीकों को उचित ठहराया, तो कुछ ने माना कि एक दम हथेली पर सरसों नहीं उगाई जा सकती। केरल के नेताओं ने इराक से नर्सों को वापस लाने में त्वरित और कारगर कार्यवाही करने में की गई कार्यवाही की जमकर तारीफ की, जिसके लिए अभी तक दूसरे देशों का सहारा लेना पड़ता रहा है। इस बैठक में नाश्ते के साथ प्रधानमंत्री सभी विपक्षी दलों के नेताओं से मिले और बातचीत करते हुए मोदी ने संसद में कामकाज को सुचारू रूप से करने के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने सदन और सदन से बाहर सभी दलों में आपसी समन्वय और सहयोग बनाने की नीति को उजागर करते हुए यहां तक कहा कि उनकी सरकार के हर निर्णयों में सभी दलों की भागीदारी होनी चाहिए। इस बैठक में मुख्य रूप से सभी दलों के नेताओं को संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सरकार की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि सरकार जनता के व्यापक हित में संसद के दोनों सदनों के व्यावहारिक तौर-तरीकों की सीमा में किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है। उन्होंने आम आदमी से संबंध रखने वाले मुद्दों पर समुचित रूप से विचार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। जनता के सामने संसद का उचित लेखा प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए नायडू ने विभिन्न दलों के नेताओं को आश्वासन दिया कि सरकार इस बारे में आवश्यक कार्यवाही करने और नेताओं के किसी भी सुझाव पर विचार करने में भी कोई परहेज नहीं करेगी। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से सहयोग करने की अपील की।
सरकार के सामने आए सुझाव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में नाश्ते की मेज पर विभिन्न दलों के अनेक नेताओं ने संसद की बड़े और छोटे सभी दलों के नेताओं की इस प्रकार की बैठक बुलाने के लिए सराहना की और इस प्रकार की बैठकें नियमित आधार पर आयोजित करने का सुझाव भी दिया। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के दौरान दस से अधिक दलों के नेताओं ने तमिलनाडु के मछुआरों की समस्याएं, नदियों को आपस में जोड़ना, महिलाओं के लिए आरक्षण बिल, पदोन्नति में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण, रेलों के किराए में वृद्धि, मूल्य वृद्धि, महिलाओं का उत्पीड़न जैसे उन मुद्दों पर संसद में विचार करने का सुझाव दिया। वहीं आंध्र प्रदेश राज्य के विभाजन से संबंधी मामले, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री की पड़ोसी देशों की यात्रा के सिलसिले में क्षेत्रीय स्थिति, दिल्ली में विद्युत शुल्क में संशोधन और संसद की महत्वपूर्ण समितियों में छोटे दलों के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने पर भी बल दिया गया।
मोदी से चर्चा में शामिल रहे नेता
प्रधानमंत्री मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल (एस) के नेता एचडी देवेगौडा, कांग्रेस पार्टी के गुलाम नबी आजाद व मल्लिकार्जुन खडगे, अन्नाद्रमुक के तंबी दुराई, तृणमूल कांग्रेस के डा. रंतना डे और डेरक ओब्रिअन, बीजद के भर्तृहरि मेहताब, राकांपा के शरद पवार व तारिक अनवर, शिवसेना के अनंत गीते व संजय राउत, समाजवाद पार्टी के रामगोपाल यादव, जदयू के शरद यादव, बसपा के सतीशचंद्र मिश्रा, सीपीएम के सीताराम येचुरी शामिल हुए। वहीं तेदेपा के टी देवेंद्र गौड व टी नरसिंहम, टीआरएस के ए.पी. जितेंद्र रेड्डी व के. केशव राव, वाईएसआरसीपी के एम.राजमोहन रेड्डी, शिरोमणि अकाली दल के एस.एस. ढींढसा, आप के धरमवीर गांधी, द्रमुक की सुश्री कनीमोझी, एनपीपी के पी.ए. संगमा, एनपीएफ के नेफियो रिओ, पीएमके के डा. अम्बुमणि रामदौस, एसडीएफ के हिश्ले लचुंगपा और एआईयूडीएफ के सिराजुद्दीन अजमल आदि नेताओं ने शिरकत की। जबकि सरकार की ओर से प्रधानमंत्री के अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्य राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार और प्रकाश जावडेकर की भागीदारी रही।
08July-2014

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें