गुरुवार, 3 जुलाई 2014

पेट्रोलियम उत्पाद के दामों को नियंत्रित करेगी सरकार!


मोदी सरकार ने ओएमसीज के संशोधन प्रक्रिया को रोका
रसोई गैस व मिट्टी तेल उपभोक्ताओं को मिलेगी फोरी राहत
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के दामों को नियंत्रित करने की दिशा में उपायों को तलाशकर उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले अतिरिक्त आर्थिक बोझ को कम करने की योजना तैयार की है। सरकार पहले इन उपायों को घरेलू रसोई गैस और पीडीएस मिट्टी तेल उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए लागू करेगी।
केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के दामों को नियंत्रित करने की दिशा में निर्णय लिया गया है कि उपभोक्ताओं के लिए घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल के खुदरा बिक्री मूल्य में इसी माह होने वाला संशोधन राज्यसरकारों के साथ राज्य विशिष्ट लागत योजना के संबंध में विचार-विमर्श पूरा होने तक नहीं होगा। सरकार की मंशा साफ है कि इस संशोधन के बाद घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल के दामों में बढ़ोतरी को रोकना है। सरकार की इस योजना से घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल उपभोक्ताओं खुदरा बिक्री मूल्यों में कमी का लाभ मिलेगा। सरकार की यह योजना एसएससी योजना की समीक्षा होने तक लागू रहेगी। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार सरकार की योजना में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां यानि ओएमसीज को मिलने वाले प्रवेश कर, चुंगी, वैट पर इनपुट कर जैसे करों को खत्म करने के तरीकों को तलाशना भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार कुछ राज्यों के विशिष्ट लागतों को भी कम करने की योजना को अंजाम देने के लिए ऐसे करो की वसूली करने वाले राज्यों से बातचीत करेगी। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ऐसे अतिरिक्त कर ओएमसज के लिए वसूली योग्य नहीं होते, इसलिए इन्हें खत्म करके उपभोक्ताओं को राहत देना संभव है। गौरतलब है कि पिछली सरकार ने ऐसे गैर वसूली योग्य उगाहियों की भरपाई के लिए पिछली सरकार ने राज्यों की इन विशिष्ट लागतों की वसूली की योजना दो साल पहले शुरू की थी। मंत्रालय के अनुसार दो साल पहले बनी योजना के तहत ओएमसीज उन 12 राज्यों के संबंध में पीडीएस मिट्टी तेल और घरेलू एलपीजी सहित संवेदनशील पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा बिक्री मूल्यू में तिमाही आधार पर संशोधन इसी माह करने जा रही थी, जिसके कारण उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ना तय था, लेकिन केंद्र में आई मोदी सरकार ने रसोई गैस और मिट्टी तेल उपभोक्ताओं के हित को सर्वोपरि मानते हुए उन्हें राहत देने पर विचार किया है। इसलिए एसएससी के संशोधन के कारण घरेलू एलपीजी और पीडीएस मिट्टी तेल के खुदरा बिक्री मूल्य में हुई वृद्धि के किसी भी प्रभाव से उपभोक्ताओं को बचाने का निर्णय लिया है।
कुछ राज्यों को होगा नुकसान 
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां यदि पिछली सरकार की योजना के अनुसार रसोई गैस मिट्टी तेल के गैर वसूली करों में संशोधन करती तो कुछ राज्यों में घरेलू एलपीजी के खुदरा बिक्री मूल्य में वृद्धि होना तय थी। सूत्रों के अनुसार इन संशोधनों के कारण रसोई गैस सिलेंडर पर केरल में 4.50 रूपए,कर्नाटक में 3.0 रूपए, मध्य प्रदेश में 5.50 रूपए, और उत्तर प्रदेश में कम से कम एक रुपये प्रति सिलेंडर दाम बढ़ जाते और वहीं एसएससी योजना से पीडीएस मिट्टी तेल के खुदरा बिक्री मूल्य में हरियाणा और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 2 पैसे और 8 पैसे की मामूली वृद्धि हो सकती थी। पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार इस संशोधन योजना के अनुसार जहां इन राज्यों में दाम बढ़तो तो दूसरी ओर कुछ राज्यों असम में 9.50 रूपए, बिहार में 1.50 रूपए तथा महाराष्ट्र में रसोई गैस पर तीन रुपये प्रति सिलेंडर दाम गिर भी जाते।
03July-2014

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