शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

राज्यों पर निर्भर है विमानन उद्योगों की आर्थिक सेहत!

राज्यों से विमान र्इंधन पर वैट घटाने का आग्रह
ओ.पी.पाल

आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही भारत की विमान कंपनियों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए राज्य सरकारें सहायक सिद्ध हो सकती हैं, जिसके लिए राज्य सरकारों को छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर विमान र्इंधन पर लगने वाले अधिभार व कराधान में कटौती करने पर केंद्र के आग्रह को स्वीकार कर लें।
हालांकि सरकार ने उम्मीद जताई है कि राज्य विमान र्इंधन पर वैट जैसे टैक्स को घटाएंगे। नागर विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि राज्य की सरकारो से केंद्रीय नागर विमानन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने गत दस सितंबर को नई दिल्ली के हुए राज्य के संबन्धित मंत्रियों एवं सचिवों व अन्य अधिकारियों के आयोजित सम्मेलन में ऐसा आग्रह किया था कि वे विमान र्इंधन पर लगने वाले वैट जैसे करों में कटौती करने पर विचार करें। मंत्रालय को उम्मीद है कि विमान र्इंधनों की कीमतों को नियंत्रित करके राज्य की सरकारें जहां विमान कंपनियों को हो रहे घाटे को पाटने में सहायक सिद्ध होंगी, वहीं हवाई यात्रा करने वालें लोगों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। संयुक्त सचिव अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि देश में विमानन उद्योग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती ईंधन के मूल्यों को लेकर ही है। इस दिशा में केंद्र ने राज्य सरकारों के साथ समय समय पर चर्चा भी की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से विमान ईंधन पर अधिभार व कराधान में कमी करने की अपील की है, जिस पर कुछ राज्यों ने केंद्र के अनुरोध पर इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने शुरू भी कर दिये हैं। श्रीवास्तव का कहना है कि भारतीय मुद्रा विनिमय दर में गिरावट भी ईंधन मूल्य में तेजी लाने का कारण बन रही है। जब केंद्र सरकार छोटे शहरों में भी हवाई अड्डों का निर्माण करने की संभावना तलाश रही हो तो इसके लिए इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी हो जाएगा। केंद्र सरकार के विमानन क्षेत्र में विकास के लिए राज्यों की सरकारों का सहयोग जरूरी है। इसका कारण बताते हुए नागर विमानन मंत्रालय का कहना है कि विमानन कंपनियों को हो रहे घाटे की मुख्य वजह ईंधन की ऊंची लागत ही है, जिसके कारण विमानों की परिचालन लागत में ईंधन लागत का योगदान 40-50 प्रतिशत है। गौरतलब है कि आधार मूल्य बढ़ने एवं राज्य सरकारों द्वारा बहुत अधिक वैट लगाने की वजह से एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतें काफी ऊंची बनी हुई हैं।
छत्तीसगढ़ का मॉडल एक मिसाल
छत्तीसगढ़ की डा. रमन सरकार ने विमान ईंधनों पर लगने वाले वैट को घटाकर 25 प्रतिशत से चार प्रतिशत पहले से ही किया हुआ है। चौधरी अजित सिंह ने राज्यों के विमानन संबन्धी राज्यों के सचिवों एवं अधिकारियों के सम्मेलन में सभी राज्यों को छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाने की दलील भी दी थी। झारखंड और पश्चिम बंगाल ने भी वैट को कम किया हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा वैट को छत्तीसगढ़ राज्य ने ही घटाकर मिसाल पेश की है। मौजूदा समय में विमान ईंधन पर 4 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक वैट लगाया जा रहा है।
27Sept-2013

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