मंगलवार, 17 सितंबर 2013

बेनामी चंदा लेने में कांग्रेस सबसे आगे!

राजनीतिक दलों की कुल आय का तीन चौथाई चंदे का स्रोत?
ओ.पी. पाल

चुनावी मौसम में वैसे तो सभी राजनीतिक दल उद्योग घरानों या अन्य स्रोतों से चंदा लेते हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में वेदांता जैसी विदेशी कंपनियों से करोड़ो का चंदा लेने का मामला पहले ही उजागर हो चुका है। इसके बावजूद पिछले सात सालों में सभी राष्ट्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से तीन चौथाई यानि 75 प्रतिशत से ज्यादा चंदा हासिल किया है, जिसमें सबसे ज्यादा 82.5 प्रतिशत कांग्रेस ने हासिल किया है।
स्टाकहोम आधारित एक संस्था इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्ट्रोरल असिस्टैंन्स यानि आईडीईए के सर्वेक्षण से यह खुलासा सामने आया है। इस खुलासे के आधार पर देश में चुनाव एवं प्रशासनिक सुधार के लिए जुटी गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच ने देश की सभी छह राष्ट्रीय दलों के अज्ञात स्रोतों से आने वाले चंदे को सार्वजनिक करने का प्रयास किया। सूत्रों के अनुसार एक विश्लेषण में कांग्रेस, भाजपा, बसपा, राकांपा, सीपीआई व सीपीएम जैसे राष्ट्रीय दलों ने वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 तक 4895.96 करोड़ की आय सार्वजनिक की है, लेकिन विभिन्न कंपनियों के चुनाव ट्रस्टों द्वारा इस दौरान हुई कुल आय राजनीतिक दलों की कुल आय का 105.96 करोड़ यानि 2.16 प्रतिशत ही है। संस्था ने इन राजनीतिक दलों द्वारा आयकर रिटर्न और चुनाव आयोग को दी जानकारी में गहरे अंतर का खुलासा करते हुए कहा कि इसमें इन दलों ने अज्ञात स्रोतों से मिलने वाले चंदे का उल्लेख नहीं किया है, जो सभी छह दलों को इन सात सालों में 3677.97 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ है। यह राशि कुल आय की 75.05 प्रतिशत है। अज्ञात स्रोतों से चंदे के रूप में राष्ट्रीय दलों के पास आई इस राशि में सबसे ज्यादा कांग्रेस को 1951.07 करोड़ रुपये यानि 82.5 प्रतिशत हिस्सा मिला है, जबकि भाजपा को करीब 952.58 करोड़ यानि 73 प्रतिशत की राशि मिली है। इसके अलावा बसपा को 307.31 करोड़ रुपये, राकांपा को 181.48 करोड़ रुपये, सीपीआई को 1.47 करोड़ रुपये व सीपीएम को 280.59 करोड़ का अज्ञात स्रोतों से चंदा मिला है।
चुनाव आयोग में मात्र छह चुनाव ट्रस्ट
राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को दाखिल विवरण में केवल छह चुनाव ट्रस्ट की जानकारी दी गई है, जिन्होंने वर्ष वर्ष 2004 से 2012 के बीच दान दिया है, इसमें आदित्य बिरला गु्रप का जनरल चुनाव ट्रस्ट, के अलावा टाटा संस, भारती इंटरप्राइजेज, सत्या ग्रुप, हारमोनी के चुनाव ट्रस्ट के साथ कॉरपोरेट चुनाव ट्रस्ट शामिल है। इसके विपरीत अज्ञात स्रोतों से मिलने वाले करोड़ो के चंदे का चुनाव आयोग में कोई जानकारी नहीं दी गई। चुनावी ट्रस्टों से सबसे ज्यादा 47.93 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2009-10 में केवल कांग्रेस, भाजपा व एनसीपी को ही चंदे के रूप में दिया गया है।
तीन कंपनी वेदांता ग्रुप की
संस्था के इस खुलासे से यह भी तथ्य सामने आए हैं कि ब्रिटेन की वेदांता ग्रुप की भारत में तीन कंपनियां काम कर रही है, जहां से इन दलों को चंदा मिलता है, इनमें स्टेरलाइट एनर्जी लि. सेसा गोवा लि. व मेल्को लि. शामिल है। भारतीय कानून में विदेशी कंपनियों से चंदा नहीं लिया जा सकता, लेकिन देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के वेदांता कंपनी से चंदा लेने का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
14Sept-2013

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