शनिवार, 21 सितंबर 2013

श्रीनिवासन के दावे को कम आंकना बेमानी!

बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर फिर लड़ेंगे चुनाव
ओ.पी. पाल

आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले के बाद विवादों में घिरे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के फिर से अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत के दावे को खोखला नहीं माना जाना चाहिए। नियमों के अनुसार वे बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के अधिकारी हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन बोर्ड के अध्यक्ष पद पर बने रहने की अपनी बात पर अड़े हुए हैं और तीसरे वर्ष भी बोर्ड का अध्यक्ष बने रहने की उनकी इच्छा पूरी तरह जायज है। क्रिकेट विशेषज्ञ राजेश राय का कहना है कि उनका कार्यकाल 29 सितंबर को खत्म होने जा रहा है और उन्होंने 29 सितंबर को चेन्नई में होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम सभा के दौरान पुननिर्वाचन में भी इस पद के लिए दावेदारी जताई है, जिसे कम आंकना बोर्ड के सदस्यों के लिए बेमानी होगा। राय कहते हैं कि चेन्नई क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए भी उनके बारे में सभी यह मानकर चल रहे थे कि उनके पास समर्थकों की कमी नहीं है लेकिन उसका परिणाम श्रीनिवासन के पक्ष में आया था। वैसे भी बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए एक और कार्यकाल लेने का दावा नियमानुसार श्रीनिवासन का हक है। वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश थपलियाल का कहना है कि बीसीसीआई की मौजूदा व्यवस्था के अनुसार बीसीसीआई अध्यक्ष का नाम प्रस्तावित और उसका समर्थन करने की बारी दक्षिणी क्षेत्र की है, लेकिन जिस उम्मीदवार का वे प्रस्ताव या समर्थन करेंगे उनमें श्रीनिवासन या फिर दक्षिण क्षेत्र के बाहर का उम्मीदवार भी हो सकता है। हालांकि श्रीनिवासन अपने समर्थन में पर्याप्त संख्या बल होने का दावा कर रहे हैं, जिसे नकारा भी नहीं जा सकता। थपलियाल का मानना है कि दक्षिण क्षेत्र के समर्थकों का समर्थन मिलने पर कोई अतिश्योक्ति भी नहीं होनी चाहिए। क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले में विवादों से घिरे हों, लेकिन बकौल श्रीनिवासन उन्होंने आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी में संलिप्तता के आरोपी अपने दामाद के खिलाफ जांच पूरी होने तक नैतिक आधार पर बोर्ड से स्वत: ही दूरी बनाने का फैसला किया था। इन सबके बावजूद नियमों के मुताबिक बोर्ड में तीसरा कार्यकाल हासिल करने का उनके अधिकार दबाने की कोई व्यवस्था नहीं है।

अल्टीमेटम की तराजू पर सचिन का भविष्य
दुनिया के महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने की अटकलों के बीच उनके देश-विदेश में प्रशंसकों को उनके दो सौ टेस्ट खेलने का रिकार्ड बनने की उम्मीद तो है, लेकिन बीसीसीआई या फिर चयनकर्ताओं की तरफ से उनकी छवि और प्रदर्शन को भविष्य की तराजू में तौलने वाली बात यह संकेत दे रही है कि सचिन को सन्यास लेने का अल्टीमेट दिया जा रहा है। क्रिकेट विशेषज्ञों की राय में सचिन तेंदुलकर के दो सौं टेस्ट मैच खेलने पर किसी को संदेह नहीं है। जैसा कि 198 टेस्ट मैच खेलने वाले सचिन स्वयं कह चुके हैं कि वे सन्यास लेने के बारे में अपने प्रदर्शन को देखने के बाद फैसला लेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया के महान क्रिकेटर को सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़ या अन्य खिलाड़ियों की तरह मैदान से ही सम्मान के साथ सन्यास लेने की घोषणा के लिए यह तय करने की जरूरत है कि चाहे वह वेस्टइंडीज, द. अफ्रीका या फिर अन्य सीरिज ही क्यों न हो। ऐसा करना सचिन के लिए सही नहीं होगा। ऐसा न हो जैसा कि वनडे से सन्यास लेने की घोषणा बीसीसीआई को करनी पड़ी थी और स्वयं छुट्टी बिताने मसूरी चले गये थे। यदि ऐसा होता है तो सचिन तेंदुलकर के दुनियाभर के प्रशंसकों के लिए बड़ा आघात होगा।
21Sep-2013

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