बुधवार, 5 मई 2021

आजकल:जल्द दुरस्त होगी ऑक्सीजन की व्यवस्था

--डॉ. वी.के. पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग--- देश में जब से कोरोना की नई लहर शुरू हुई है, तो अचानक कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी के साथ बढ़ोतरी होने लगी। इस नई लहर में किसी भी अन्य लक्षण की तुलना में ज्यादातर मरीजों को सांस की तकलीफ का सामना करना पड़ा है, जिससे ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता पड़ने लगी, तो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होना स्वाभाविक था। हालांकि सरकार की और से कोराना प्रबंधन के तहत इस दिशा में तेजी के साथ कदम उठाए, जिसमें हेल्थ बजट में भारीभरकम बढ़ोतरी की है। सरकार की इसी नीति के तहत कोरोना की नई लहर में सांस लेने में परेशानी जैसे नए लक्षण में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने की दिशा में देश में प्लांटों में ऑक्सीजन के उत्पादन और उसकी आपूर्ति में तेजी लाने के लिए ठोस कदम उठाए। कोरोना प्रबंधन के तहत सरकार ने पिछले साल से ही कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में संक्रमण के बचाव के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिसमें कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को तेजी के साथ चलाया गया। इसी बीच नए स्ट्रेन के साथ कोरोना की नई लहर ने जिस प्रकार संक्रमण के स्वरुप को बदला तो कोरोना मरीजो की संख्या तेजी के साथ बढ़ी और अस्पतालों मे जीवन रक्षक के रूप में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी, तो ऑक्सीजन की ज्यादा जरुरत को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने कई फैसले लिये हैं। राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की कमी को लेकर उठाई जा रही मांग को नियंत्रण में रखना चाहिए, क्योंकि डिमांड-साइड मैनेजमेंट उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना सप्लाई-साइड मैनेजमेंट। ऑक्सीजन के मुद्दे पर सरकार द्वारा जिस प्रकार के कदम उठाए गये हैं उसमें इसके उत्पादन और आपूर्ति में आई तेजी को देखते हुए जल्द ही ऐसे हालातों में सुधार नजर आएगा। इसलिए कोरोना प्रबन्धन या इसके किसी तंत्र में कमी बताना उचित नहीं होगा। हम मरीजों के जीवन बचाने के लिए बेहतर से बेहतर उसी तरह के फैसले ले रहे हैँ, जिस प्रकार से कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए उठाए हैं। कोरोना की इस नई लहर में ही ऑक्सीजन की कमी से पहले इसी तरह कुछ क्षेत्रों से रेमडेसिविर की कमी पड़ने के मद्देनजर इसके निर्यात को प्रतिबंधित किया गया। ऐसा भी नहीं है कि इस दवा की देश में कमी है, बल्कि यह दवा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी को जगजाहिर करना एक प्रकार से गलत संदेश दे रहा है। क्योंकि कोविड-19 के लिए क्लीनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल में अनुसंधानात्मक उपचार के तौर पर इसे कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर रोगियों पर उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया गया है। कोरोना पीडितों में प्रयोगात्मक थेरेपी के लिए रेमडेसिविर नेशनल प्रोटोकॉल का हिस्सा है। मेरा यह भी मानना है कि चिकित्सकों को अस्पताल में भर्ती रोगियों पर वैक्सीन व रेमडेसिविर जैसी दवाईयां अथवा ऑक्सीजन तर्कसंगत, सही और विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करना चाहिए। क्योंकि लगातार तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन और रेमडेसिविर जैसी दवाईयों की मांग काफी बढ़ गई है। दरअसल पिछले साल शुरू हुई कोरोना की पहली लहर के दौरान 30 वर्ष से कम आयु वर्ग के 31 फीसदी मरीज थे, इस बार आई कोरोना की दूसरी लहर में इस आयु वर्ग के 32 फीसदी से ज्यादा लोग पीड़ित हैं और खासतौर से इस साल मार्च-अप्रैल में 47.5 फीसदी मरीजों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, जिसके कारण ऑक्सीजन की मांग तेजी के साथ बढ़ी है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। ------------------------------ ऐसे तैयार होती है ऑक्सीजन----------- ऑक्सीजन को तैयार करने वाले निर्माताओं के अनुसार मानव जीवन में शरीर का रक्त शुद्ध करने में इस्तेमाल एक संजीवनी का काम करती है। इसलिए मरीजों के लिए अस्पितालों में प्रयोग किए जाने वाले ऑक्सीमजन को एक प्लांरट में तैयार किया जाता है। इसकी पूरी एक प्रक्रिया है, इसे क्रायोजेनिक डिस्टिलेशन प्रोसेस कहा जाता है। चूंकि वायुमंडल में सभी गैसों का मिश्रण होता है। इस प्रक्रिया के तहत हवा में मौजूद पानी के कण, कार्बन डाई ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन अलग हो जाते हैं। प्लांीट में हवा से ऑक्सीोजन को अलग किया जाता है। इस प्रक्रिया में यूनिक एयर सेपरेशन की तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसके तहत हवा को कम्प्रे स किया जाता है, ताकि हवा को फिल्टर करके उससे अन्य गैसों को अलग किया जा सके। इस तकनीक के जरिए हवा से सारी अशुद्धिेयां को निकाल दिया जाता है। इसके बाद फ‍िल्ट र की गई हवा को ठंडा किया जाता है। फिर इस हवा को डिस्टिल किया जाता है। ऑक्सीैजन को बाकी गैसों से अलग किया जाता है। इसके बाद ऑक्सीोजन को लिक्विड फॉर्म में एकत्र किया जाता है। मौजूदा समय में इसे एक पोर्टेबल मशीन के द्वारा हवा से ऑक्सीिजन को अलग करके मरीज तक पहुंचाया जाता है। ---------(ओ.पी. पाल से बातचीत पर आधारित)---------- 25Apr-2021

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