बुधवार, 5 मई 2021

हरियाणा में कहर बनकर टूट रही है कोरोना महामारी

बच्चों और युवाओं के लिए खतरा बना कोरोना वायरस प्रदेश के कई जिलों में संक्रमितों में 50 फीसदी से ज्यादा युवा शामिल पानीपत में गर्भ में हीं संक्रमित होकर दुनिया में आया नवजात ओ.पी. पाल. रोहतक। प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बच्चों और युवा वर्ग पर जिस प्रकार कहर बनकर टूट रही है, उसे देखते हुए युवा वर्ग को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि उन्हें संक्रमण का असर नहीं होगा और होगा तो ठीक हो जाएगा? अभी तक जहां बुजुर्गो पर कोरोना संक्रमण का प्रभाव देखा गया था, वहीं अब अस्पतालों में आने वाले कोरोना संक्रमितों की 50 फीसदी से ज्यादा बच्चों व युवाओं की है। यही नहीं नवजात शिशुओं पर भी कोरोना संक्रमण हमला कर रहा है। इसके पीछे कोरोना के बचाव के लिए कोरोना महामारी के दिशानिर्देशों को नजरअंदाज करके लापरवाही सबसे बड़ा कारण माना जा रह है। हरियाणा में तेजी के साथ बढ़ते कोरोना वायरस के कहर में फंसे संक्रमितों के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पिछले साल जहां बुजुर्गो पर कोरोना संक्रमण कहर बनकर टूट रहा था, तो वायरस की दूसरी लहर बच्चों और युवाओं को संक्रमण का शिकार बना रही है, जो युवाओं के मुगालते को भी तोड़ रहा है। हाल ही में प्रदेश के रोहतक, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और चरखी दादरी में नए कोरोना संक्रमितरें में बच्चों व युवाओं के ज्यादा आंकडे बेहद चिंताजन माने जा रहे हैं। बच्चों में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण की पुष्टि करते हुए खुद आल इंडिया मेडिकल एवं अनुसंधान दिल्ली यानि एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी की है कि कोरोना की इस दूसरी लहर में बच्चे भी बड़ी संख्या में प्रभिवत हो रहे हैं। देश में बच्चों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बारे में डॉ. गुलेरिया का मानना है कि स्कूल खुल जाने के बाद जाहिर सी बात है कि बच्चे एक-दूसरे से बात करने में सावधानियों पर ध्यान नहीं देते, जिसके कारण कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स उन्हें प्रभावित कर रहा है। ------------------------ किसी को नहीं पहचान रहा है कोरोना-------- कोरोना की दूसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों के उन दावों की पुष्टि प्रदेश में साफ देखी जा रही है, जहां खुद चिकित्सक भी इस कहर से अपने आपको नहीं बचा पा रहे हैं। मसलन राज्य में चिकित्सकों, नर्सो एवं स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा कालेजों के प्रोफेसर, स्कूल अध्यापक, इंजीनियर, सुरक्षा अधिकारी व कर्मचारी, अधिवक्ता, बिजनेसमैन, सेवानिवृत्त अधिकारी, दुकानदार, गृहणी, निजी संस्थानों के कर्मचारी, चालक, ठेकेदार, मेड, बेरोजगार जैसी श्रेणी के लोग संक्रमण की चपेट में नजर आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर बेहद चिंताजनक है, जिसमे कोरोना की पहली लहर में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग अधिक संक्रमित हुए थे, जबकि दूसरी लहर में स्थिति ठीक उलट है। इस बार महज 15 प्रतिशत मरीज 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं, बाकी 85 प्रतिशत मरीजों में बच्चे, युवा और 59 साल से कम उम्र के मरीज शामिल हैं। -------------- बच्चे व महिलाएं भी दूर नहीं--------- हरियाणा में पिछले सप्ताह शनिवार को रोहतक में 70 संक्रमितों में 50 कोरोना मरीज 45 साल से कम आयु वाले सामने आए। जबकि इससे पहले बुधवार 14 अप्रैल को अकेले रोहतक जिले के संक्रमितों में 50 फीसदी से ज्यादा 45 साल से कम आयु वर्ग के युवाओं की संख्या रही, जिनमें आधी संख्या महिलाओं की थी। यही नहीं नवजात शिशु और दो साल की बच्ची भी संक्रमण से दूर नहीं रह सकी। इस दिन रोहतक जिले में इन मरीजों में चार युवा चिकित्सकों समेत नौ संक्रमित तो मेडिकल परिसर से ही सामने आए। जबकि कम से कम 33 छात्र छात्राएं और शिक्षक तक संक्रमण का शिकार हुए। इसी प्रकार कुरुक्षेत्र की बात की जाए तो 15 से 17 अप्रैल यानि तीन दिन में 570 संक्रमितों में 314 मरीज 40 साल से कम आयुवर्ग के सामने आए। इसी प्रकार एक दिन में भिवानी में 13 छात्र छात्राएं, चार शिक्षक, भाजपा नेता, ईएसआई अस्पताल की चिकित्सक भी संक्रमण का शिकार हुए, तो वहीं चरखी दादरी में भी एक छात्रा संक्रमित पाई गई। यह आंकड़ा इस बात की गवाही दे रहा है कि राज्य में युवाओं पर कोरोना का ज्यादा असर है। यही नहीं एक आंकड़ा तो बेहत चिंताजनक है जिसमें हरियाणा में इस साल 15 मार्च से 11 अप्रैल तक यानि 27 दिन के भीतर राज्य में कुल 41,324 संक्रमण के मामलों मे 3,445 बच्चे यानि नवजात से लेकर 15 साल तक की आयुवर्ग के हैं, जो आठ प्रतिशत है। जबकि 45 साल से कम आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या करीब 48 फीसदी रही। ------------- संक्रमण लेकर दुनिया में आया नवजात------- प्रदेश के पानीपत में 13 अप्रैल को एक नवजात कोरोना संक्रमण के साथ ही दुनिया में आया। दरअसल पति के कोरोना संक्रमित होने के बाद संक्रमित पत्नी यानि नवजात को जन्म देने वाली मां के गर्भ में पल रहे बच्चे तक संक्रमण पहुंचने के कारण ऐसा संभव हुआ। बताया जा रहा है कि जिस अस्पताल में महिला का शुरू से इलाज चल रहा था, उन्होंने डिलीवरी कराने से इनकार कर दिया। प्रसव की लास्ट स्टेज पर होने के कारण गर्भवती के परिजनों ने शहरभर के अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन किसी ने डिलीवरी कराने की हां नहीं भरी। आखिर में आयुष्मान भव अस्पताल के डॉक्टरों ने विचार करने के बाद कोरोना पॉजिटिव महिला की डिलीवरी कराई। जन्म के बाद बच्चे का कोरोना टेस्ट किया गया तो उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव मिली है। बच्चे को मां से अलग एनआईसी में रखा गया है। जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। गुजरात में सूरत के बाद हरियाणा का यह ऐसा पहला मामला है। --------------- कुरुक्षेत्र में छात्रों पर संक्रमण की मार-------- हरियाणा के कुरुक्षेत्र में तो 864 संक्रमितों में केवल छात्र है। मसलन युवावर्ग में कोरोना संक्रमण किस कदर घर कर रहा है इसके बावजूद लोग संक्रमण के प्रति गंभीर नहीं हैं। कुरुक्षेत्र में जनवरी, फरवरी, मार्च और 11 अप्रैल तक के कोरोना संक्रमण के आकंडों पर गौर करें तो जिले में जनवरी माह में 238 पाजिटिव केसों में से 39 विद्यार्थी थे। फरवरी में 263 में से 61, मार्च में 1982 में से 392 तथा 11 अप्रैल तक 1570 में 372 छात्रों समेत जनवरी से 11 अप्रैल तक कुल 4053 केसों में से 864 पाजिटिव मामले विद्यार्थियों के है। इस प्रकार 21 प्रतिशत विद्यार्थी कोरोना से संक्रमित हुए है। कुरुक्षेत्र में विदेशों से आए 527 लोगों पर भी नजर रखी जा रही है, जिनमें कई संक्रमित पाए गये हैं। ------------------------ स्वच्छता में भी खतरा---------- हरियाणा में फिलहाल 77 फीसदी कोरोना संक्रमित अपने घरों में आइसोलेट हैं, लेकिन सरकार के मकसद के विपरीत घरों में लापरवाही देखने में आई है। मसलन घर घर कूडा उठाने वाले सफाईकर्मी कोरोना मरीजों के घरों का भी कूड़ा उठा रहे हैं, क्योंकि ऐसे घरों का कूड़ा उठाने की काई अलग से व्यवस्था नहीं है। सबसे चिंताजनक बात यह भी सामने आई है कि सफाईकर्मी ग्लब्स, पीपीई किट या मास्क या साइनेटाइजर का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण का एक घर से दूसरे घर में पहुंचने की संभावना से कतई भी इंकार नहीं किया जा सकता? ------------- हर 20वां मरीज दस साल तक का बच्चा------- देश में किये गये एक सर्वे के अनसार कोरोना की इस भयावह दूसरी लहर में हर 20वां संक्रमित 10 साल का बच्चा है और कुल मरीजों में दस प्रतिशत 11 से 19 साल तक के मरीजों का हिस्सा है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के एक सर्वे के मुताबिक कोरोना के कुल मरीजों में से 4.42 फीसदी मरीज 10 साल से कम वाले हैं यानी बच्चें हैं। 11 साल के बच्चे से लेकर 20 साल के युवकों का कोरोना बीमारों में हिस्सा 9.79 फीसदी है। विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चे पहले एसिम्टोमैटिक थे, लेकिन उनमें कई लक्षण दिख रहे हैं। जैसे नाक बंद, पेट दर्द, दस्त, गले में दर्द, थकान और सिरदर्द। बच्चों की वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। -------------------- सरकार की गाइडलाइन------- हरियाणा में हर दिन जिस प्रकार से कोरोना संक्रमितों की रिकार्ड संख्या सामने आ रही है, उससे चिंतित राज्य सरकार ने रात्रि के कर्फ्यू लागू कर दिया है और राज्य में रात के सभी कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा दी है। मसलन सभी शादियां, धार्मिक और अन्य आयोजन दिन में ही आयोजित किये जाएंगे, वह भी सीमतित संख्या के साथ। सरकार की जारी गाइडलाइन के अनुसार शादी समारोह में इनडोर कैंपस में 50 लोगों से ज्यादा लोगों की अनुमति नहीं होगी। जबकि आउटडोर में होने वाले समारोह में सिर्फ 200 लोगों तक ही शामिल हो सकते हैं। जबकि अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो पाएंगे। ------------- किसान आंदोलन सबसे बड़ी चिंता---------- प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश और सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को खत्म करने की अपील की है, ताकि कोरोना वायरस के फैलाव होने से बचा जा सके। इससे पहले प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर गृह मंत्री अनिल विज ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर को एक पत्र लिखकर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए अनुरोध किया है कि वह केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत फिर शुरू करें, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार मंडरा रहे खतरे से बचा जा सके, क्योंकि आंदोलन कर रहे किसान कोविड संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने में सक्षम नहीं हैं। देश भर में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के साथ हरियाणा में भी संक्रमण की विकराल होती स्थिति का हवाला देते हुए विज ने राज्य के भीतर टोल प्लाजाओं और दिल्ली से लगी राज्य की सीमा पर किसान आंदोलन को लेकर चिंता जताई है। -------------------------------------- पिछले 11 दिन में तीन गुणा से ज्यादा बढ़े मामले------ प्रदेश में पिछले 11 दिन में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच संक्रमण के दैनिक मामलों में तीन गुणा से ज्यादा और संक्रमण की वजह से मौतों में दोगुणा से अधिक बढ़ोतरी देखी गई है। इनमें युवा और महिलाओं की भी हिस्सेदारी है। रोहतक पीजीआई में एक अप्रैल से 12 अप्रैल तक 27 कोरोना मरीजों की हुई मौतों में दस मौतें 45 साल से कम आयु वाले मरीजों की हुई हैं, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। --------------- दिनांक नए मामले मौतें----- 6 अप्रैल 2099 09 7 अप्रैल 2366 11 8 अप्रैल 2872 11 9 अप्रैल 2994 11 10 अप्रैल 2937 12 11 अप्रैल 3440 16 12 अप्रैल 3818 14 13 अप्रैल 3845 16 14 अप्रैल 5398 18 15 अप्रैल 5858 18 16 अप्रैल 6277 20 ------------------ हरियाणा में आयु वर्ग के लोगों की मौत------ आयु वर्ग - 8 अप्रैल 2020 से 1 मार्च 2021 तक - 2 मार्च 2021 से 11 अप्रैल 2021 तक 10 वर्ष से कम 04 (0.36 फीसद) 00 (शून्य फीसद) 11-30 वर्ष 46 (4.22 फीसद) 02 (1.96 फीसद) 31-50 वर्ष 208 (19.08 फीसद) 20 (19.60 फीसद) 51-70 वर्ष 544 (49.90 फीसद) 64 (62.75 फीसद) 70 वर्ष से अधिक 288 (26.42 फीसद) 16 (15.68 फीसद) ------------------------------------------------------------------------------ बेहद खतरनाक दूसरी लहर----- पिछले साल 17 अप्रैल तक कोरोना संक्रमण के कारण केवल दो लोगों की मौत हुई थी, जो एक साल में बढ़कर 3360 से ज्यादा हो चुकी है। जबकि पिछले साल कुल संक्रमित लोगों की संख्या 14 इटालियन मरीज समेत 221 मात्र थी, जो इस साल इसी अवधि में यह संख्या इस साल 17 अप्रैल को 3.41 लाख से अधिक हो गई है। ========= एक साल पहले क्या थी कोरोना की स्थिति------- हरियाणा में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में सबसे बड़ा खतरा युवाओं के लिए बढ़ गया है, जिसकी वजह से बुजुर्गो से ज्यादा कोरोना संक्रमण युवा वर्ग को प्रभावित कर रहा है। यही नहीं सात माह से लेकर 20 साल तक की आयु वर्ग में भी इस बार कोरोना संक्रमण पाये जाने की पुष्टि हो चुकी है। मसलन पिछले साल की तुलना में इस साल हजारों गुणा संक्रमण प्रदेश में फैल रहा है। ----------- बेहद खतरनाक दूसरी लहर------- पिछले साल 17 अप्रैल तक कोरोना संक्रमण के कारण केवल दो लोगों की मौत हुई थी, जो एक साल में बढ़कर 3360 से ज्यादा हो चुकी है। जबकि पिछले साल कुल संक्रमित लोगों की संख्या 14 इटालियन मरीज समेत 221 मात्र थी, जो इस साल इसी अवधि में यह संख्या इस साल 17 अप्रैल को 3.41 लाख से अधिक हो गई है। ------------ तब्लीगी जमात के 22 लोगों पर केस-------- सरकार की लाख गुहार के बावजूद छिपे बैठे 22 तब्लीगियों पर आइपीसी की धारा 307 के तहत केस दर्ज किया गया है। नूंह में तीन और यमुनानगर व पलवल में एक-एक केस दर्ज कर जमातियों पर हत्या के प्रयास की धारा लगाई गई है। कोरोना की आशंका में कुल 1614 तब्लीगी निगरानी में रखे गए थे, जिनमें 110 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ---------- उल्लंघन पर कार्रवाई-------- पिछले अप्रैल में लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में 7227 लोगों के खिलाफ 2746 एफआइआर दर्ज की गई हैं। इनमें 3917 को गिरफ्तार कर लिया गया। कुल 8406 वाहनों को जब्त या चालान कर 12 करोड़ रुपए वसूले गए। शराब तस्करी में 824 केस दर्ज कर 878 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश में अब तक 8796 नमूनों की जांच के लिए भेजा जा चुका है, इनमें 7094 नतीजे नकारात्मक रहे हैं और 1495 नमूनों की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। हरियाणा में सामने आए कुल मामलों में से 10 विदेशी नागरिक हैं जबकि 64 अन्य राज्यों से हैं। 19Apr-2021 ------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें