बुधवार, 5 मई 2021

हरियाणा:ऐसे कैसे मिलेगा गरीबों आशियाना!

वर्ष 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ मिशन की कछुआ चाल ओ.पी. पाल,रोहतक।--- प्रदेश में वर्ष 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ मिशन के तहत गरीबों के लिए आवासों के निर्माण और उनके आंवटन को कछुआ चाल कहा जाए, तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। वैसे भी प्रदेश में पीएमएवाई के तहत जितने आवासों के निर्माण की मंजूरी है, वह प्रदेश में गरीब परिवारों के हिसाब से एक तिहाई भी नहीं है। मसलन प्रदेश के शहरी व ग्रामीण अंचलों में गरीबों को मकानों का आवंटन हुआ भी है, तो ज्यादातर पात्र गरीब लोगों को तीन किस्तों में जारी होने वाली सहायता राशि के विलंब के कारण आशियाना मिलने का सपना अधूरा है। इसके विपरीत खासकर शहरी क्षेत्र में आवंटित हो चुके आवासों में खुद रहने के बजाए मालिक बन चुके लोगों ने उन्हें किराये पर देकर आमदनी का साधन भी बना लिया है। अंबाला में तो बीपीएल परिवारों के लिए बनाए गये डेढ़ हजार से ज्यादा फ्लैटों का आवंटन न होने के कारण उनकी खस्ताहाल है और वे खंडहर में बदल चुके हैं। हरियाणा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए वर्ष 2022 तक 2.80 लाख से ज्यादा आवास बनाए जाने हैं। अभी तक 36,829 आवासों के निर्माण पूरा हुआ है और 72,831 आवासों के निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 51841 परिवार बेघर हैं, जिनमें 45.9 प्रतिशत शहरी और 54.1 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में हैं। जबकि पिछली जनगणना के मुताबिक झुग्गियों में रहने वाले परिवारों की संख्या करीब 3.32 लाख से ज्यादा है। जबकि वर्ष 2007 के सर्वे के अनुसार हरियाणा में 7,86,862 परिवार ऐसे थे, जिनके पास न तो अपनी जमीन थी और न ही मकान। पीएमएवाई योजना में प्रदेश में 2.81 आवासों को मंजूरी दी गई है। ऐसे में यह योजना भी ऊंट के मुहं में जीरा वाली साबित होती नजर आ रही है। वह भी योजना की कछुआ चाल के चलते गरीबों यानि बीपीएल परिवारों के लिए अगले साल यानि 2022 तक सभी को आशियाना देने का सपना कैसे पूरा होने पर सवालिया निशान लगाता नजर आ रहा है? हालांकि राज्य सरकार ने अंत्योदय-सरल योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मकान मुहैया कराने हेतु हाउसिंग बोर्ड हरियाणा के फ्लैट और प्लाट देने की योजना चलाई है, जिसमें गरीबो के सिर पर छत का इंतजाम करने का लक्ष्य है। वहीं हाल ही में डा. बीआर अंबेडकर आवास नवीनीकरण योजना का लाभ अब सभी बीपीएल परिवारों को देने का ऐलान करते हुए मकानों की मरम्मत के लिए दी जाने वली वित्तीय सहायता को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 80 हजार रुपये करने का ऐलान किया है। अभी तक यह सहायता केवल अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों को दी जा रही थी। वहीं पीएमएवाई के तहत बनाए जा रहे आवासों के निर्माण में तेजी लाने पर बल दिया गया है, ताकि गरीबों के मकानों का सपना पूरा किया जा सके। ------------------- पौने नौ लाख बीपीएल परिवार-------- हरियाणा के वर्ष 2021 के बीपीएल परिवारों के जारी आंकड़ो पर गौर करें तो ऐसे गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की संख्या 8,73,309 है। इनमें सबसे ज्यादा 61,480 परिवार हिसार जिले में हैं, जिसके बाद करनाल में 58,556 अंबाला में 57,036 और यमुनानगर में 53,989 परिवार हैं। इसके अलावा भिवानी में 48,853 जींद में 48,250 सोनीपत में 47,386, सिरसा मे 43,087, कैथल में 42,379, नूहं में 40615, पानीपत में 40586, कुरुक्षेत्र में 40168 परिवार हैं। सबसे कम 8,528 बीपीएल परिवार पंचकूला जिले में हैं। ---------------------------- प्रदेश में बनेंगे 2,80,898 आवास--------- हरियाणा में एक अप्रैल 2017 से अब तक 2,80,898 आवासों की मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें 8951 आवासों की मंजूरी बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में ही दी गई है। इस मंजूरी के तहत अब तक 36,829 आवासों के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और 72,831 आवास निर्माणधीन चरण में है। इस योजना के तहत बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना महामामरी के बावजूद सर्वाधिक 13,557 आवासों का निर्माण किया गया है। जबकि इससे पहले तीन वर्ष के दौरान यानि वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2,093, वर्ष 2018-19 में 10,535 तथा वर्ष 2019-20 के दौरान 10,644 आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया गया। --------------------------- प्रदेश में हुआ 52 फीसदी राशि का इस्तेमाल--------- पीएमएवाई-यू मिशन के तहत गरीबों के आवासों के निर्माण के लिए हरियाणा को पिछले पांच साल 2015-20 के दौरान केंद्रीय सहायता के रूप में 886.23 करोड़ रुपये की राशि मिली, लेकिन राज्य ने अभी तक इसमें से आवास निर्माण के लिए 461.45 करोड़ की राशि का ही उपयोग किया है। इससे पहले 2017-18 से 2019-20 तक केंद्रीय सहायता के रूप में हरियाणा को केंद्रीय सहायता के रूप में 766.84 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी गई थी, जिसमें 23272 आवासों के लिए 414.31 करोड़ की राशि का ही उपयोग किया गया था। ------------------------- किस जिले में कितने आवासों मंजूर--------- हरियाणा के 22 जिलों में फरीदाबाद जिले में सर्वाधिक 33608 तथा गुरुग्राम में 33537 आवासों के निर्माण की मंजूरी है। इसके अलावा अंबाला में 17,370, भिवानी में 8,452, चरखी दादरी में 1,912, फतेहाबाद में 6,803, हिसार में 20,286, झज्जर में 9,207, जींद में 9,732, कैथल में 10,817, करनाल में 16,873, कुरुक्षेत्र में 10,527, महेन्द्रगढ़ में 4,398, नूंह में 2,798, पलवल में 3,968, पंचकूला में 5,845, पानीपत में 14,743, रेवाडी में 6,102, रोहतक में 10,784, सिरसा में 8,792, सोनीपत में 13,764 और यमुनानगर में 14,510 आवासों के निर्माण की स्वीकृति है। इसके अलावा हरियाणा के छह शहरों में पीएमएवाई-यू मिशन के तहत स्लम पुनर्विकास घटक के तहत 3,593 आवास स्वीकृत किये गये हैं। -------------------------- हरियाणा में बेघर जनसंख्य------------ा हरियाणा में 51,841 परिवार बेघर यानि खुले आसमान के नीचे जीवन यापन कर रही है। इसमें 28,082 यानि 54.1 प्रतिशत ग्रामीण तथा 23,789 यानि 45.9 प्रतिशत शहरी परिवार है। भारत की जनगणना 2011 के अनुसार हरियाणा में झुग्गियों मे रहने वाले 3,32,697 स्लम परिवारों की 16,62,305 स्लम आबादी है। यह भी जाहिर है कि एक दशक में परिवारों में बढ़ोतरी के साथ आबादी का बढ़ना भी स्वाभाविक है। --------------------------------------- प्रदेश में बेघरों के लिए 50 आश्रय गृह सक्रीय------------- शहरी बेघरों समेत लोगों को आश्रय उपलब्ध कराने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। तथापि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के माध्यम से शहरी बेघरों के लिए आश्रय उपलब्ध कराने में उनके प्रयास को सफल बनाने के मकस से दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन यानि डीएवाई-एनयूएलएम योजना के अंतर्गत शहरी बेघरों के लिए आश्रय(एसयूएच) योजना को प्रशासित कर रहा है। इस योजना में सर्वेक्षण के मुताबिक हरिया के 19,015 शहरी बेघरों के लिए आधारभूत सुविधाओं वाले 50 आश्रयगृह सक्रीय हैं। ------------------------ एससी/एसटी के लिए निर्मित आवास------------- हरियाणा में पीएमएवाई-यू मिशन के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए पिछले पांच साल से 24,030 आवास निर्मित किये जा रहे हैं, जिनमें गुरुग्राम में सर्वाधिक 6317 आवास स्वीकृत है। इसके बाद फरीदाबाद में 4205 तथा रोहतक में 1458 आवास बनाए जा रहे है। इसी प्रकार करनाल में 1315, हिसार में 1276, यमुनानगर में 1221, अंबाला में 1147, सोनीपत में 1101, कुरुक्षेत्र में 1027, रेवाडी में 947, पंचकूला में 789, जींद में 783, कैथल में 637, झज्जर में 602, पानीपत में 470, सिरसा में 179, भिवानी में 174, पलवल में 158, फतेहाबाद में 116, महेन्द्रगढ़ में 56, नूंह में 40 तथा चरखी दादरी में 12 आवास स्वीकृत हैं। ----------------------- क्या है केंद्र सरकार की योजन--------ा केंद्र सरकार के वर्ष 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ के लक्ष्य के अनुसरण तक सभी पात्र शहरी परिवारों को सभी मौसम के अनुकूल पक्के आवास प्रदान करने हेतु राज्यों को केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए 25 जून, 2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) मिशन का कार्यान्वयन कर रहा है। देशभर के 1.12 करोड़ आवास की वैध मांग की तुलना में पीएमएवाई-यू मिशन के चार संघटक के अंतर्गत अब तक 1,10,86,682 करोड़ आवासों की मंजूरी दी गई है। अब तक मंजूर किये गये आवासों में से 75,78,280 आवास निर्माण के विभिन्न चरणों में है और 43,54,855 आवास पूरे कर लिए गये हैं। जिनमें 1,78,082 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है। इसमें से 90,782 करोड़ रुपये की राशि राज्यों व नोडल एजेंसियों को जारी किये जा चुके हैं। 05Apr-2021

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