सोमवार, 31 दिसंबर 2018

राज्यसभा: संचार उपकरणों की निगरानी पर हंगामा

राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में होगी निगरानी: जेटली
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सरकार के कंप्यूटर और संचार उपकरणों की निगरानी के आदेशों पर बिफरे विपक्ष ने हंगामा किया। इस मुद्दे पर सत्ता व विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद 27 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में शुक्रवार को भी कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन में शून्यकाल व प्रश्नकाल नहीं हो सकता। सुबह आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद जैसे ही सभापति वेंकैया नायडू ने शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया तो राफेल, आंध्र व कावेरी के अलावा अन्य मुद्दों पर हंगामा शुरू हो गया। इसके कारण सदन की कार्यवाही ढाई बजे तक स्थगित कर दी गई। दोपहर बाद शुरू हुई सदन की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने पर सवाल उठाए और इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की। वहीं गृह मंत्रालय द्वारा दस केंद्रीय एजेंसियों को कंप्यूटर एवं अन्य संचार उपकरणों की निगरानी करने वाले आदेश का विरोध करते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निजता पर हमला करार दिया और मामले को लेकर हंगामा शुरू हो गया। पीठ पर मौजूद उपसभापति हरबंश ने सदन में शांति बनाए रखने की अपील की। विपक्ष के आरोपों पर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय मंत्री एवं सदन के नेता साफ किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर यह आदेश कोई नया नहीं है। इससे पहले यूपीए समेत पूर्ववती सरकारे भी इन एजेंसियों को ऐसी निगरानी की जिम्मेदारी देती रही हैं। सदन में बोलते हुए जेटली ने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राई के बिना ही पहाड़ बना रही है। जेटली ने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद एवं कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा को नसीहत देते हुए कहा कि यह मुद्दा उठाने से पहले बेहतर होता कि विपक्ष इस बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेता। जेटली ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के उस आरोप को भी खारिज किया है कि इस आदेश के तहत हर कंप्यूटर एवं टेलीफोन की निगरानी की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि आतंकवादी गतिविधि, कानून व्यवस्था, देश की अखंडता से जब जुड़ा मामला हो तो अधिसूचित एजेंसियां संबंधित व्यक्ति के उपकरणों की निगरानी कर सकती हैं।
क्रिसमस के उपलक्ष्य में नहीं चलेगी संसद
संसद के दोनों सदनों में क्रिसमस के अवसर पर तीन दिन का अवकाश रहेगा। मसलन 24 से 26 दिसंबर तक संसद के दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं होगा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को इस अवकाश का ऐलान किया, जबकि उच्च सदन में पहले ही इन तीन दिन के लिए क्रिसमस के अवकाश की घोषणा की जा चुकी है।
22Dec-2018

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