नई दिल्ली।
केंद्रीय सड़क
परिवहन मंत्रालय ने मानक संचालन प्रक्रिया यानि एसओपी जारी की है। इस प्रक्रिया के
तहत वाहन मालिकों को अब पंजीकरण प्रमाण-पत्र, बीमा, फिटनेस एवं परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस,
प्रदूषण प्रमाण-पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों को साथ रखने की जरूरत नहीं
पड़ेगी, बल्कि जरूत पड़ने पर दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत किये जा
सकेंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार वाहन मालिकों
को अब इन दस्तावेजों को कागजी रूप में लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। जारी की गई
मानक संचालन प्रक्रिया के तहत अब दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत किये जा
सकेंगे। मसलन मैग्नेटिक, ऑप्टिकल, कम्प्यूटर मेमोरी, माइक्रो फिल्म, माइक्रोफिच
और ऐसे ही अन्य उपकरणों में दस्तावेज भेजने, ग्रहण करने या जमा करने की अनुमति दी
जा रही है। इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को एसओपी
संबन्धी भेजे पत्र में आग्रह किया है कि केन्द्रीय मोटर वाहन नियम-1989 के प्रावधान
नियम 139 के तहत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अपनाया जा सकता है।
एप के जरिए हो सकेगी
दस्तावेजों की जांच
इस प्रक्रिया के तहत वाहन मालिक अब डिजीलॉकर एप या एम-परिवहन एप के
जरिए कोई दस्तावेज या अन्य सूचना प्रस्तुत कर सकते हैं। वे इन एप के जरिए ड्राइविंग
लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर अपने मोबाइल में रख सकते हैं। वाहन मालिक
इंटरनेट कनेक्टिविटी के जरिए मोबाइल पर एम-परिवहन एप के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस या
वाहन से जुड़ी सूचनाएं दिखा सकते हैं। प्रवर्तन एजेंसिया ई-चालान एप से उसी समय इन
जानकारियों की जांच कर सकती हैं। इसमें ऑफलाइन जांच के लिए एम-परिवहन क्यूआर कोड भी
उपलब्ध है।
यह होगा लाभ
मंत्रालय की इस पहल से प्रवर्तन एजेंसियों को दस्तावेजों की जांच
और उनके रख-रखाव की झंझटों से जहां मुक्ति मिलेगी, वहीं आम लोगों को भी दस्तावेज लेकर
चलने की मजबूरी से छूट मिल जाएगी। इस तीव्र, पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था से नियमों
के उल्लंघन की वास्तविक स्थिति की उपलब्धता परिवहन, यातायात अधिकारियों और नागरिकों
को मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। इस संदर्भ में केन्द्रीय मोटर वाहन नियम-1989 में संशोधन
की अधिसूचना पिछले महीने जारी की गई थी।
19Dec-2018
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