राज्यसभा में नहीं चल सका शून्यकाल व प्रश्नकाल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही भी राम मंदिर, राफेल,
आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग और कावेरी मुद्दों पर विपक्षी
दलों के हंगामे के भेंट चढ़ गई। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जोरदार हंगामे
के कारण दोपहर से पहले ही कार्यवाही को बारी-बारी से पूरे दिन के लिए स्थगित कर
दिया गया।

राज्यसभा की कार्यवाही भी ठप
राज्यसभा की कार्यवाही भी गुरुवार को शुरू होने के कुछ देर बार
ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने पर संसद पर
हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक
कागजात सदन के पटल पर रखवाये और शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया तो कावेरी नदी पर
बांध बनाए जाने के विरोध करते हुए अन्नाद्रमुक, द्रमुक सदस्यों के साथ ही अन्य विभिन्न
दलों के सदस्यों ने अपने अपने मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा थमता न
देख सभापति ने बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही पूरे दिन के
लिए स्थगित कर दी। इस कारण उच्च सदन में आज भी शून्यकाल तक नहीं हो पाया। इससे
पहले नायडू ने अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की मांग के लिए दिये गये चार नोटिसों को
मंजूर नहीं किया।
संसद में आतंकवादी हमले की बरसी
पर शहीदों को श्रद्धांजलि
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद परिसर में उप-राष्ट्रपति
और राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और लोक सभा
अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन के नेतृत्व में संसद सदस्यों और संसदीय अधिकारियों
व कर्मचारियों ने 13 दिसम्बर 2001 को आतंकवादी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
संसद पर आतंकी हमले में शहीदों को उनकी प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित करने वालों में
राज्यसभा में उप सभापति हरिवंश, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली,
विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, राज्य सभा
में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा की आचार समिति के सभापति एल.के.आडवाणी,
कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के अलावा लोकसभा महासचिव श्रीमती
स्नेहलता श्रीवास्तव और राज्यसभा महासचिव देश दीपक वर्मा भी शामिल रहे। इनके अलावा
इस मौके पर अन्य केंद्रीय मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों सांसदों व पूर्व सांसदों के
साथ संसदीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित
की। इस मौके पर संसद भवन में भारतीय रेडक्रास सोसायटी द्वारा आयोजित एक रक्तदान शिविर में रक्तदान भी किया गया।
14Dec-2018
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