
कोलकाता से पटना तक सात दिन में पूरी होगी यात्रा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में
विकसित किये जा रहे राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजना के तहत हल्दिया(कोलकाता) से
वाराणसी के बीच गंगा नदी में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर कंटेनरयुक्त कार्गो यानि
जलयान को कोलकाता से पटना टर्मिनल के लिए रवाना किया है, जिसमें खाद्य क्षेत्र की बड़ी
कंपनियां, पेप्सिको इंडिया और इमामी एग्रोटेक लिमिटेड का 16 ट्रकों के वजन के
समतुल्य उत्पाद यानि सामान लादा गया है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए
बताया कि बृहस्पतिवार को कोलकाता के गार्डन रीच जेट्टी से रवाना हुए मालवाक जहाज
815 किमी लंबी यात्रा पूरी करते हुए एक सप्ताह में बिहार की राजधानी पटना में गंगा
नदी पर बने अन्तर्देशीय जल परिवहन (अजप) टर्मिनल तक पहुंचेगा। मंत्रालय के अनुसार
इस कंटेनर कार्गो में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण काजलयान एमवी आरएन टैगोरकोआज
पेप्सिको और इमामी एग्रोटेक उत्पाद लादे गये हैं। पटना स्थित गाय घाट में प्राधिकरण
के इंटर-मॉडल टर्मिनल पर इस कार्गो को उतारा जाएगा, जहां इसे आगे लोड किया जाएगा। गौरतलब
है कि इससे पहले 12 नवंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता से चलकर वाराणसी
पहुंचने वाले देश के पहले कंटेनरयुक्त कार्गो को रिसीव किया था। भारत के राष्ट्रीय
जलमार्ग-1 पर कोलकाता-पटना आईडब्ल्यूटी के कंटेनरयुक्त कार्गो संचालन की दृष्टि से
मुख्य मूल एवं गंतव्य शहरों की जोड़ी की तरह विकसित हो गए है, जबकि राष्ट्रीय जलमार्ग-1
पर स्थित पटना-वाराणसी क्षेत्र के बीच कंटेनर कार्गो ढुलाई नियमित रुप से संचालित करने
की योजनाएं लगभग पूरी होने वाली है। केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय, विश्व बैंक की तकनीकी
और वित्तीय सहायता से 5369 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर हल्दिया से वाराणसी तक
1390 किलोमीटर लंबा जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-1
(गंगा नदी) को विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना से 1500-2,000 डीडब्ल्यूटी की क्षमता
वाले जलयानों का वाणिज्यिक नौचालन संभव होने की उम्मीद जताई जा रही है।
जलमार्ग से फायदे अनेक
मंत्रालय के अनुसार जलमार्ग द्वारा कंटेनर कार्गो यातायात के प्रयोग
के कई फायदे होंगे। जिसके उपयोग करने से जहां कार्गों की ढुलाई लागत कम आएगी, वहीं
मॉडल शिफ्ट करना भी आसान होगा। इसके अलावा जलमार्ग द्वारा कंटेनर कार्गों के ढुलाई
में चोरी और क्षति होने की संभावना भी कम होती है तथा साथ ही कार्गो मालिक अपने कार्बन
फुटप्रिंट को भी कम कर सकेंगे। कंटेनर कार्गों द्वारा ढुलाई से क्षेत्र के विकास और
रोजगार में भी वृद्धि हो सकेगी। विश्व बैंक के आर्थिक विश्लेषण के अनुसार जेएमवीपी
के प्रयासों के कारण 1.5 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की
संभावना है,जिनमें से 50 हजार रोजगार केवल बिहार मेंही सृजित होंगे।
07Dec-2018
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