सोमवार, 31 दिसंबर 2018

देश में सभी मानव रहिल रेलवे क्रासिंग बंद



रेल संरक्षा पर किये उपायों से आई रेल हादसों में कमी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में हो रहे रेल हादसों में मानव रहित फाटकों पर भी हर साल हजारों जाने चली जाती हैं। जबकि मानव रहित फाटकों पर होने वाले हादसों को लेकर सुरक्षा के उपायों के मुद्दे पर कैग और संसदीय समितियां भी अपनी रिपोर्टो में लगातार सरकार पर सवालिया निशान लगाती रही हैं, जिसमें यहां तक टिप्पणी की गई हैं कि सरकार दावों के बावजूद मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर सुरक्षा उपाय करने के प्रति गंभीर नहीं हैं?
दरअसल यूपी के कुशीनगर में गुरुवार की सुबह एक मानव रहित फाटक पर ट्रेन की टक्कर से वैन के फरकच्चे उड गये, जिसमें सवार एक दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई। इस हादसे को लेकर रेलवे की रेल संरक्षा और सुरक्षा के मुद्दे पर सियासत तो शुरू हो गई है, लेकिन पिछले एक दशक में मानव रहित फाटकों पर हुए हादसों में हो रही मौतों के लिए कैग ने भी रेल मंत्रालय के प्रति जिस तरह से टिप्पणियों के साथ सुरक्षा इंतजामों को लेकर सिफारिशें की थी, जिसमें पूर्ववर्ती सरकार ने 2015 तक तमाम मानवरहित फाटकों को बंद करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब मौजूदा केंद्र सरकार ने 2020 तक ऐसे मानवरित फाटकों को बंद करने का लक्ष्य तय करके योजना तैयार की है। इसी माह समाप्त हुए संसद के बजट सत्र में मानवरहित समपरों पर सुरक्षा प्रावधान संबन्धी लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली संसदीय रेल अभिसमय समिति ने एक रिपोर्ट संसद में पेश करते हुए रेल मंत्रालय पर सवाल खड़े किये और रेल मंत्रालय के मानवरहित फाटकों पर सुरक्षा के उपायों के जवाबों पर असंतुष्टि जाहिर की है। गौरतलब है कि रेल संरक्षा और मानव रहित रेलवे फाटकों को पूरी तरह बंद करने के लक्ष्य को लेकर पिछले दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देशभर के रेल मंडल स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक करने व्यापक स्तर पर योजना को लागू करने के निर्देश दिये थे।
वर्ष 2020 तक बंद करने का लक्ष्य
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने हरिभूमि को देश में मानव रहित फाटकों पर सुरक्षा के उपाय और हादसों को रोकने की योजना के बारे में बताया कि रेलवे 2014-2015 में 1148 और 2015-16 में 1253 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग्स समाप्त कर चुका है। देश में फिलहाल ब्रॉड गेज पर 4943 मानव रहित समपारों यानि क्रासिंग को वर्ष 2020 तक पूरी तरह बंद करने की योजना चलाई जा रही है, जिसमें हर वर्ष 1500 ऐसे फाटकों को समाप्त करने हेतु निगरानी हो रही है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जब तक इन फाटकों को समाप्त नहीं किया जाता, तब तक पिछले साल एक अप्रैल से रेलवे ने विभिन्न जोनल रेलवे के जरिए 3941 गेट मित्रों को तैनात करने की प्रक्रिया शुरू की है, जो मानव रहित फाटकों की निगरानी करने और सड़क वाहन उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित मानकों का पालन करने का परामर्श देने के साथ उन्हें अलर्ट भी करते आ रहे हैं। रेलवे का यह भी दावा है कि गेट मित्रों और परामर्शियों की तैनाती के बाद मानव रहित फाटकों पर हादसों में लगातार कमी आई है।
रेलवे सुरक्षा के उपाय
रेल मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि रेलवे ने मानव रहित समपारों को खत्म करने तक कई तकनीकी उपाय भी किये हैं। इनमें ट्रेन वाहन इकाई वाले मानव रहित समपारों को पूर्णतः बंद करने का निर्णय लिया गया है, तो कुछ विलय-मानव रहित क्रासिंग फाटक को मानवयुक्त बनाने तथा ऐसे फाटकों पर सडक मार्ग के लिए अंडर पास व ओवर ब्रिज बनाकर किया जा रहा है।
इसके अलावा सड़क का उपयोग करने वालों को अलर्ट करने के लिए कुछ तकनीकी उपाय भी किये गये हैं। इनमें जीपीएस आधारित अलार्म का पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया जा चुका है, ताकि अलर्ट प्रणाली के जरिए रेलवे क्रॉसिंग पर वाहन चालकों व अन्य लोगों को सचेत किया जा सके।
23Dec-2018

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