आज
होगी सीवेज व जलशोधन परियोजनाओं की शुरूआत
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे मिशन के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली
में यमुना नदी के प्रदूषण और उसके जल को निर्मल बनाने की कवायद में जिन 11
परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, उनकी शुरूआत कल गुरुवार को होगी, जिसमें दिल्ली
में आठ सीवेज तथा तीन जल शोधन संयंत्र की परियोजनाएं शामिल हैं।
केंद्रीय
जल संसाधन मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नमामि गंगे मिशन
के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा दिल्ली में यमुना नदी के संरक्षण
के लिए परियोजनाएं यमुना कार्य योजना-3 के रूप में 11 परियोजनाओं को लागू करने का
दायित्व लिया है, जिसमें ज्यादातर परियोजनाएं सीवेज की बुनियादी सुविधाओं को
विभिन्न चरणों में दुरस्त किया जाएगा। जबकि दिल्ली के तीन ड्रैनेज जोन्स कोंडली, रिठाला
और ओखला में जल शोधन संयंत्रों का विकेन्द्रीकरण को भी कार्यान्वित किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार दिल्ली शहर में इस समय प्रतिदिन 327 करोड़ लीटर सीवेज उत्पन्न
होता है, जबकि उसके पास प्रतिदिन 276 करोड़ लीटर की जल शोधन क्षमता है। दिल्ली में
यमुना कार्य योजना-1 1993-2003 संचालित किया गया था और दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा को कवर करने के लिए यमुना कार्य
योजना-2 का विस्तार 2003 में किया गया था। इन दोनों चरणों की सफलता और इनसे मिले सबक
के आधार पर केंद्र सरकार ने जेआईसीए की सहायता से दिल्ली में 1656 करोड़ रुपये की
अनुमानित लागत से यमुना कार्य योजना-3 शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसे नमामि गंगे
मिशन के घटक के तौर पर कार्यान्वित किया जा रहा है। इन परियोजनाओं की कार्यान्वयन
एजेंसी के रूप में दिल्ली जल बोर्ड के सहयोग से होगा।
राजधानी में बढ़ेगी जल शोधन
क्षमता
राष्ट्रीय
राजधानी दिल्ली की लगभग 2 करोड़ की आबादी वाले महानगर में बढ़ती आबादी और क्षेत्र
के विस्तार के कारण यमुना नदी में गिरने वाले अशोधित सीवेज की मात्रा लगातार बढ़
रही है। दिल्ली में परियोजना-III के तहत कुल आठ सीवेज अवसंरचना परियोजनाओं में ओखला
में प्रतिदिन 56.4 करोड़ लीटर की एसटीपी क्षमता में प्रतिदिन 38.6 करोड़ लीटर क्षमता
की बहाली और सुधार होगा, तो वहीं कोंडली और रिठाला जोन में 35 किलोमीटर लंबाई वाले
ट्रंक सीवर और राइजिंग मेन की बहाली की जाएगी। कोंडली के लिए चार पैकेज, रिठाला के
लिए तीन पैकेज तथा ओखला जोन के लिए एक पैकेज को दुरस्त किया जाएगा। इसके अलावा जल
शोधन क्षमता बढ़ाने की दिशा में 580 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली दो परियोजनाओं
के तहत 515.07 करोड़ रुपये की लागत से प्रतिदिन 31.8 करोड़ लीटर क्षमता वाला अशोधित
जल उपचारित संयंत्र स्थापित करने तथा छतरपुर में 65.24 करोड़ रुपये की लागत पर प्रतिदिन
2.25 करोड़ लीटर क्षमता वाली 9 विकेन्द्रीकृत एसटीपी को मंजूरी दी गई है।
नितिन गडकरी करेंगे शिलान्यास
गुरुवार को यहां विज्ञान भवन में एक समारोह में नमामि
गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत यमुना संरक्षण की इन 11 परियोजनाओं का शिलान्यास केंद्रीय
जल संसाधन नितिन गडकरी करेंगे, जिसमें केंद्रगीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन
तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहेंगे।
27Dec-2018
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें