सोमवार, 31 दिसंबर 2018

प्रयागराज कुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा केंद्र


199.65 करोड़ की परियोजनाओं का आज पीएम करेंगे उद्घाटन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल 15 जनवरी से शुरू हो रहे कुंभ मेले तीर्थयात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। यूपी सरकार की व्यवस्था के साथ केंद्र सरकार ने तीर्थयात्रियों के मेले में आवागमन की सुविधाओं को आसान बनाने की दिशा में रेल, सड़क और जल परिवहन व्यवस्था के लिए करोड़ों रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को पूरा किया और कुछ परियोजनाएं अंतिम चरणों में हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन, जहाजरानी और जल संसाधन मंत्रालय ने हाल ही में प्रयागराज कुंभ मेले के मद्देनजर करोड़ो रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को अंजाम तक पहुंचाया है। जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार नमामि गंगे मिशन के तहत प्रयागराज के लिए 199.65 करोड़ रुपये की लागत वाली सीवर परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैँ, जिनका उद्घाटन कल रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इन परियोजनाओं के जरिए गंगा में गंगा में प्रतिदिन 7.8 करोड़ लीटर सीवर का गंदा पानी गिरने से रोका गया है। जबकि इस दौरान मोदी प्रयागराज शहर के लिए 1671.59 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘एक शहर एक संचालक’ नामक सीवर योजना की भी आधारशिला रखेंगे, जिनके पूरा होने पर गंगा में प्रतिदिन 7.2 करोड़ लीटर ओर सीवर का गंदा पानी गिरने से रुकेगा।
जलमार्ग से भी श्रद्धालुओं को कराई जाएगी तीर्थयात्रा                          
जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार प्रयागराज कुंभ मेले की दृष्टि से राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजना के तहत तीर्थयात्रियों को जलमार्ग से कुंभ मेले तक आवागमन की व्यवस्था को अंजाम देने का निर्णय लिया है। दरअसल राष्ट्रीय जलमार्ग परिवहन के तहत विकसित किये गये इलाहाबाद से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के तहत गंगा नदी के इलाहाबाद-वाराणसी गंगा क्षेत्र को नौपरिवहन योग्य बनाने की दिशा में नाव जल पथ प्रयागराज (इलाहाबाद) और वाराणसी के बीच कम से कम 1.0 मीटर की उपलब्ध गहराई (एलएडी) वाले पानी के स्तर को तैयार करने का काम किया जा रहा है। आगामी 15 जनवरी से 15 मार्च तक प्रयागराज कुंभ मेले को देखते हुए वाराणसी से इलाहाबाद संगम तक के जलमार्ग को तीर्थ यात्रियों की आवाजाही हेतु चटनाग, सिरसा, सीतामढ़ी, विंध्याचल और चुनार में पांच अस्थायी पोत घाट स्थापित किए गए हैं। जबकि तीर्थ यात्रियों को जलमार्ग से यात्रा कराने के मकसद से ही भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने किलाघाट, सरस्वती घाट, नैनी ब्रिज और सुजवान घाट पर एक-एक अस्‍थाई टर्मिनलों की स्थापना भी की है। इस जल परिवहन की सुविधा मुहैया कराने के लिए इस जलमार्ग पर दो पोतों सी.एल.कस्तूरबा और एस.एल. कमला को तैनात किया जाएगा।
सड़क व रेल यात्रा भी होगी सुगम
गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पहले ही वाराणसी और इलाहाबाद समेत यूपी के प्रमुख शहरों में करोड़ों रुपये की परियोजनाओं को पूरा किया है, जिसमें इलाहाबाद से फाफामऊ जाने वाले नदी के पुल का चौडीकरण करने के अलावा प्रयागराज की सड़कों की सूरत भी बदली गई है। इसी प्रकार भारतीय रेलवे ने भी 700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के जरिए तीर्थयात्रियों की रेल यात्रा को सुगम बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें रेलवे स्टेशनों पर सुविधाएं देने और यात्रियों के ठहरने के लिए आश्रयगृह तथा अन्य सुविधाएं देने का निर्णय लिया है। वहीं देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रयागराज तक आवागमन के लिए डेढ़ दर्जन से ज्यादा विशेष ट्रेने चलाने का ऐलान किया है।
16Dec-2018

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