लोकसभा में हंगामे के बीच पास हुए दो विधेयक
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन भी दोनों सदनों में राफेल,
कावेरी व आंध्र प्रदेश व अन्य मुद्दों पर जारी हंगामा नहीं थमा, जिसके कारण
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनटों बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर
दी गई। वहीं लोकसभा की कार्यवाही भी हंगामे के कारण बार-बार बाधित हुई, जहां
हंगामे के बीच ही दो विधेयक भी पारित किये गये।

दिव्यांगों के राष्ट्रीय न्यास
के गठन का रास्ता साफ
राज्यसभा में पिछले सप्ताह पारित किये गये यह विधेयक राष्ट्रीय
स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क घात,, मानसिक मंदता और बहु-निशक्तताग्रस्त कल्याण न्यास
(संशोधन) विधेयक को गुरुवार का लोकसभा में हंगामे के बीच ही पारित करा लिया गया।
इस प्रकार इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के कारण अब ऑटिज्म पीड़ित दिव्यांगों
के लिये राष्ट्रीय न्यास के गठन में नियमों की बाधाओं को दूर किया जा सकेगा।
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लोकसभा में भी हंगामा जारी
लोकसभा में भी गुरुवार को कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट
बाद ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई। इससे पहले
कांग्रेस सदस्य राफेल विमान सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग को लेकर
स्पीकर के आसन के करीब आ गए। वहीं तेदेपा सदस्य भी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का
दर्जा देने और अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी पर बांध का निर्माण रोकने की मांग को
लेकर आसन के करीब आ गये थे। दूसरी ओर लोकसभा में भाजपा के कुछ सदस्यों ने भी अपनी
सीटों पर खड़े होकर राफेल पर राहुल गांधी माफी मांगने के लिए नारेबाजी करना शुरू
कर दी। इसके बाद 12 बजे शुरू हुई कार्यवाही के दौरान हंगामे के बीच ही सदन में
वित्तमंत्री अरुण जेटली कंपनी विधेयक पेश किया, लेकिन हंगामे ने सदन की कार्यवाही
फिर दो बजे तक स्थगित करा दिया। दो बजे फिर शुरू हुई कार्यवाही के दौरान भी हंगामा
होता रहा, लेकिन इसी हंगामे के बीच लोकसभा ने पहले उपभोक्ता संरक्षण विधेयक और
इसके बाद राज्यसभा से पारित राष्ट्रीय स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क घात, मानसिक मंदता
और बहु-निशक्तताग्रस्त कल्याण न्यास (संशोधन) विधेयक करा लिया गया। इसके बाद
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
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संसद भवन परिसर में प्रदर्शन
अन्नाद्रमुक, तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने विभिन्न
मुद्दों पर संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया। अन्नाद्रमुक
सदस्यों ने कावेरी पर बांध के विरोध में गांधी प्रतिमा के समक्ष तख्तियां लेकर
प्रदर्शन किया। जबकि तेदेपा सदस्यों ने आंध्र प्रदेश की विभिन्न मांगों को लेकर
गांधी की प्रतिमा के समक्ष एकत्र होकर प्रदर्शन किया। तेदेपा सदस्य आंध्र प्रदेश
की प्रस्तावित राजधानी अमरावती के लिये विशेष वित्तीय मदद दिये जाने और कडपा में
इस्पात सयंत्र लगाने की मांग करते भी नजर आए। आंध्र प्रदेश का विशेष राज्य का
दर्जा देने की मांग को लेकर वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य भी इस प्रदर्शन में शामिल
हुए।
21Dec-2018
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