-एजेंडे में सात नए
विधेयकों समेत 46 बिल शामिल
-तीन अध्यादेशों को भी कानून
में बदला जाएगा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के
शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार भारी-भरकम एजेंडे के साथ काम करने के इरादे
से आएगी, जिसमें तीन अध्यादेशों को विधेयकों का रूप देने तथा सात नए विधेयक समेत
कुल 46 विधेयक शामिल हैं। केंद्र सरकार का इस सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा
में लंबित पड़े महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पारित कराने का प्रयास किया जाएगा।
संसदीय कार्य मामलों के मंत्रालय के अनुसार शीतकालीन सत्र के लिए
जारी किये गये एजेंडे में केंद्र सरकार मुस्लिम महिला (विवाह संरक्षण अधिकार) अध्यादेश-2018,
भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश तथा कंपनी संशोधन अध्यादेशों को विधयक के
रूप में पारित कराने के लिए पेश करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा राज्यसभा में मुस्लिम
महिलाएं (विवाह अधिकारों संरक्षण) विधेयक-2017 तथा नालंदा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2013
वापस लिया जाना है। वहीं सरकार सत्र के दौरान अनुपूरक अनुदानों की मांग पेश करेगी,
जिसके जरिए वह और अधिक खर्च के लिए संसद की मंजूरी लेगी। सरकार का यह भी प्रयास
होगा कि लोकसभा व राज्य सभा में लंबे समय से अटके महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पारित
कराए।
23 विधेयक लंबित
संसद के दोनों सदनों में लंबित 23 विधेयकों को भी पारित कराने के
इरादे से एजेंडे में शामिल किया गया है। लोकसभा में किशोर न्याय(बच्चों की देखभाल व
संरक्षण) संशोधन विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक,
व्यक्तिगत कानून (संशोधन) विधेयक, सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्ति
(अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, अनियमित जमा योजना विधेयक, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (संशोधन) विधेयक,
लोक परिसर (अनधिकृत कब्जा खाली कराना) संशोधन विधेयक, दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक,
नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक, एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया
(संशोधन) विधेयक, डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और ऐप्पलीकेशन) विनियमन विधेयक, प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, राष्ट्रीय चिकित्सा
आयोग विधेयक और चिट फंड (संशोधन) विधेयक लंबित पड़े हुए हैं, तो उच्च सदन में
भी लोकसभा द्वारा पारित मोटर वाहन (संशोधन)
विधेयक, व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, बच्चों की नि:शुल्क
और अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) विधेयक, शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय परिषद (संशोधन)
विधेयक, जन प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, मध्यस्थता और समझौता (संशोधन) विधेयक के
अलावा ऑटिज़्म, सेरेब्रल पाल्सी मानसिक मंदता और विविध दिव्यांगता के शिकार व्यक्तियों
के कल्याण के लिए राष्ट्रीय ट्रस्ट (संशोधन) विधेयक अटके हुए हैं।
ये हैं सात नए विधेयक
संसद का शीतकालीन सत्र में उन विधेयकों को भी पारित कराने के लिए
शामिल किया गया है, जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पिछले दिनों हुई विभिन्न
बैठकों के दौरान मंजूरी दी गई हैं। इन नए विधेयकों में भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए
राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएम) विधेयक, होम्योपैथी के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनएच) विधेयक,
विमान (संशोधन) विधेयक, जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, सूचना प्रौद्योगिकी
(संशोधन) विधेयक, संबंद्ध तथा स्वास्थ्य देखभाल पेशा विधेयक तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय
(संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
----------------------------
संसद का शीतकालीन सत्र आज से
राफेल व
सीबीआई जैसे मुद्दों पर संसद में हंगामे के आसार
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने जाहिर किये अपने इरादे
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के
कल मंगलवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में
सरकार ने विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा कराने का भरोसा दिया है, लेकिन राफेल,
सीबीआई और आरबीआई जैसे मुद्दों पर लामबंद विपक्ष के तेवरों से संकेत मिल रहे हैं
कि सरकार को घेरने की रणनीति की तैयारी है। हालांकि सरकार भी विपक्ष को माकूल जवाब
देने की रणनीति के साथ संसद में आएगी।
संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर केंद्र सरकार द्वारा संसदीय
पुस्तकालय के सभागार में सोमवार को दोपहर के भोजन पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में
शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर विचार विमर्श किया गया। इस मौके पर विपक्ष द्वारा उठाए
गये कई मुद्दों पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार संसद के दोनों
संदनों में विपक्षी दलों दलों द्वारा उठाये जाने वाले राष्ट्रीय महत्व के सभी मुद्दों
पर विचार विमर्श करने को तैयार हैं। मोदी ने सभी दलों से सत्र में सकारात्मक माहौल
बनाने और लोक कल्याण संबन्धित विषयों का सामूहिक समाधान निकालने के लिए
प्रोत्साहित किया और संसद में देश और जनता के हितों के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका
निभाए। सर्वदलीय बैठक के बाद जिस प्रकार से विपक्षी दल खासकर कांग्रेस नेता गुलाम
नबी आजाद ने राफेल, सीबीआई और आरबीआई जैसे मुद्दों पर एकजुट विपक्ष का हवाला देते
हुए साफ कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त
संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग और रिजर्व बैंक की स्वायत्तता एवं सीबीआई
जैसी जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग समेत जोरशोर से अनेक मुद्दे उठाए जाएंगे। इसलिए
संसद सत्र की शुरूआत हंगामेदार होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसका
कारण यह भी है कि मोदी सरकार की चौतरफा घेराबंदी करने के इरादे से ही संसद सत्र की
पूर्व संध्या पर कांग्रेस समेत करीब डेढ़ दर्जन सियासी दलों ने एकजुटता के लिए भी
बैठक की है।
शीतकालीन सत्र में होंगी 20
बैठकें
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र
सिंह तोमर ने संवाददाताओं को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में केंद्रीय
मंत्री अनंत कुमार के निधन के कारण उन्हें दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
वहीं हालांकि तोमर ने विभिन्न दलों के नेताओं ने बाधारहित ढंग से संसद का कामकाज सुचारूरप
से सुनिश्चत करने तथा संसद के दोनों संदनों में सकारात्मक विचार विमर्श के जरिए गतिरोध
समाप्त करने पर सहमति जताने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर से 8
जनवरी 2019 तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 20 बैठकें होंगी।
पहले दिन नहीं नहीं होगी
कार्यवाही
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद
असरारुल हक कासमी के निधन के कारण लोकसभा की कार्यवाही उन्हें श्रद्धांजलि देने के
बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी। वहीं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकया
नायडू की अध्यक्षता में उच्च सदन में सत्तापक्ष और तमाम विपक्षी दलों के नेताओं के
साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि कल मंगलवार को सदन की कार्यवाही पूर्व प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी
जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें