शनिवार, 8 दिसंबर 2018

वाराणसी में जल्द शुरू होगा फ्रेट विलेज का काम!

केंद्र से 156 करोड़ की लागत के प्रस्ताव को मंजूरी                

हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लॉजिस्टिक्स उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में प्रस्तावित देश के पहले फ्रेट विलेज विकसित करने की योजना को सिरे चढ़ा दिया गया है। मसलन जहाजरानी मंत्रालय ने वाराणसी में गंगा नदी पर बनाए जा रहे अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल के समीप ही 156 करोड़ रुपये की लागत से एक फ्रेट विलेज विकसित करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है।
जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार गुरु वार को मंत्रालय द्वारा मंजूर किये गये इस प्रस्ताव के तहत इसके विकसित करने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। मंत्रालय के अनुसार भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा विकसित होने वाला वाराणसी फ्रेट विलेज एक कार्गो हब के रूप में काम करेगा और यह माल एकत्रित करने एवं उसमें मूल्यवर्धन का भी एक केंद्र होगा। मंत्रालय का मानना है कि वाराणसी में यह एक पेशेवर लॉजिस्टिक्स उद्योग के विकास को भी प्रोत्साहित करेगा। गौरतलब है कि जहाजरानी मंत्रालय ने गंगा नदी में वाराणसी से हल्दिया तक विकसित की जा रही राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 परियोजना के तहत बनाए जा रहे मल्टी मॉडल टर्मिनल के निकट फ्रेट विलेज विकसित करने के लिए पिछले साल दिसंबर में ही खाका तैयार किया था। मंत्रालय के अनुसार वाराणसी फ्रेट विलेज को लगभग 100 एकड़ भूमि पर विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण दो चरणों में- पहले चरण में 70 एकड़ और दूसरे चरण में 30 एकड़ किया जाएगा, जिसकी कुल अनुमानित लागत 120 करोड़ रुपये है। इसके अलावा परामर्श सेवा एवं परियोजना प्रबंधन इकाई के परिचालन जैसे अन्य मदों में 45 करोड़ रुपये की निवेश पूर्व लागत होने का अनुमान है।
लॉजिस्टक विकल्प बनेगा
जहाजरानी मंत्रालय का दावा है कि देश में फ्रेट विलेज विकसित करने के लिए विश्व बैंक के एक पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन में भी वाराणसी का एक उपयुक्त जगह घोषित किया गया है, जो ईस्‍टर्न ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की लॉजिस्टिक्स श्रृंखला का मध्य बिंदु है। मसलन यहां से राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1, ईस्‍टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी), राष्‍ट्रीय राजमार्ग-7 और राष्ट्रीय राजमार्ग-2 गुजरते हैं। वहीं जलमार्ग परियोजना के तहत बन रहे मल्‍टी मॉडल टर्मिलन के चालू होने पर वाराणसी के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग पर यातायात में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह फ्रेट विलेज एक ऐसे निर्दिष्ट क्षेत्र में होगा, जहां परिवहन के विभिन्न साधन, माल वितरण और अन्य लॉजिस्टिक्स सुविधाएं सिंक्रनाइज तरीके से बड़े पैमाने पर उपलब्ध होंगी। यह फ्रेट विलेज बुनियादी तौर पर एक कार्गो एग्रीगेटर होगा, जो शिपर/कार्गो मालिक को रेल-सड़क, रेल-जलमार्ग, सड़क-जलमार्ग आदि विभिन्न लॉजिस्टिक विकल्प प्रदान करेगा।
यातायात क्षमता में होगी
मंत्रालय का अनुमान है कि जलमार्ग परियोजना के तहत बन रहे मल्‍टी मॉडल टर्मिलन के चालू होने पर वाराणसी के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग पर यातायात में वृद्धि होने की उम्मीद है। वाराणसी मल्‍टी मॉडल टर्मिनल के लिए यातायात की अनुमानित मात्रा 2020 तक 3.55 एमएमटी, 2025 तक 3.82 एमएमटी, 2035 तक 10.12 एमएमटी और 2045 तक 10.32 एमएमटी होगी। 
08Dec-2018


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