शनिवार, 8 दिसंबर 2018

संसद में नया मोटर वाहन बिल पास होने की संभावना



सरकार व राजनीतिक दलों पर बढ़ा विभिन्न संस्थाओं का दबाव
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। 
देश में लगातार बढ़ते सड़क हादसों पर लगाम लगाने की चिंता में डूबे उन संगठनों ने सभी संसद में लंबित सख्त प्रावधान वाले नए मोटर वाहन विधेयक को समर्थन देकर पारित कराने के लिए राजनीतिक दलों को पत्र भेजने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार सरकार का प्रयास है कि संसद के 11 दिसंबर से आरंभ होने वाले शीतकालीन सत्र में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक-2017 को पारित कराने का प्रयास होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की भी इस विधेयक पर राज्यसभा में सहमति बनाकर मुहर लगवाने की प्राथमिकता है। मंत्रालय के अनुसार गडकरी इसके लिए तमाम विपक्षी दलों के साथ बातचीत करके आम राय बनाने का प्रयास करेंगे, क्योंकि लोकसभा में पारित होने के बाद इस विधेयक को राज्यसभा में विपक्ष की मांग पर ही प्रवर समिति के हवाले किया गया था, जिसमें सभी दलों के सांसद शामिल थे, इसके बावजूद सदन में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कुछ सांसदों द्वारा संशोधन पेश करने के कारण चर्चा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। मंत्रालय के अनुसार सरकार का प्रयास होगा कि संशोधनों को वापस लेने के लिए ऐसे सांसदो के साथ बातचीत करके आम सहमति बनाने का प्रयास होगा। मंत्रालय को उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र के दौरान इस विधेयक को पारित करा लिया जाएगा।
सड़क सुरक्षा पर राजनीति न हो
संसद का शीतकालीन सत्र के मद्देनजर देश में सड़क सुरक्षा पर कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं ने सड़क सुरक्षा संबन्धी नये मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने के लिए विपक्षी दलों से इसका समर्थन कर फिर से अपील करने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि भारत में बढ़ते सड़क हादसों में जनहानि को कम किया जा सके। इस संबन्ध में हरिभूमि से बातचीत करते हुए स्वयं सेवी संस्था कंज्यूमर वॉयस के मुख्य परिचालन अधिकारी आशिम सान्याल ने कहा कि इस विधेयक को पारित करने में हो रही देरी के कारण देश में सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सान्याल ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए कार्य कर रही देशभर की संस्थाओं परिसर, कट्स, आईआरटीई के अलावा इंटरनेशनल रोड फेडरेशन जैसी संस्थाओं ने इसी साल बजट सत्र के दौरान राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा तमाम राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर इस विधेयक को पारित कराने की मांग की थी। सान्याल ने बताया कि सड़क सुरक्षा पर भारत सरकार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव को अपनाने की जरूरत है। संगठन प्रमुख का मानना है कि सड़क सुरक्षा पर संयुक्तराष्ट्र महासभा में ‘विश्व में सड़क सुरक्षा में सुधार’ पर इसी साल के शुरूआत में पारित प्रस्ताव में ‘सुड़क सुरक्षा को वैश्विक विकास का एक मुख्य घटक माना गया है। संयुक्तराष्ट्र के स्वस्थ विकास के लक्ष्यों में विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में 2020 तक मौत में 50 प्रतिशत तक की कमी लाने और लोगों को सुरक्षित, सस्ती और स्वस्थ परिवहन व्यवस्था सुलभ कराना शामिल है। यही नहीं केंद्र की मोदी सरकार का भी यही लक्ष्य है, जिसे आगामी संसद सत्र में इस विधेयक को पारित कराने से ही हासिल करना संभव है।
नया कानून लागू होना जरूरी
दूसरी ओर वैश्विक स्तर पर सड़क सुरक्षा पर कार्य कर रही इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के प्रमुख के.के. कपिला भारत में सड़क सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार को सहयोग कर रहे हैं, जिसके लिए समय समय पर सेमीनार आयोजित करके विश्व स्तर के सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञ और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ चर्चा कराते आ रहे हैं। के.के. कपिला का कहना है कि फेडरेशन को संसद में लंबित विधेयक के पारित होने का इंतजार है, जिसके बाद सरकार के साथ मिलकर उनकी संस्था देश में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने पर तकनीकी रूप से भी वैश्विक मदद करने को तैयार है। फेडरेशन का मानना है कि संसद में बिल पारित होने के बाद सख्त प्रावधान वाले नए मोटर कानून लागू होने से ही सड़क हादसों पर लगाम लग सकेगी।
05Dec-2018 


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