शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

कॉमर्शियल वाहनों में फास्टैग व ट्रेकिंग सिस्टम जरूरी

केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में लागू हुआ संशोधन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन का मसौदा अधिसूचित कर दिया है, जिसमें राष्ट्रीय परमिट प्राप्त करने वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिए फास्टैग और वाहन ट्रेकिंग सिस्टम उपकरण को अनिवार्य किया गया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी इस अधिसूचना के तहत वाहनो की विंड स्क्रीन पर फास्टैग वाला स्टीकर लगाना अनिवार्य किया गया है। वहीं नियमों के संशोधन वाले मसौदे में राष्ट्रीय परमिट प्राप्त करने वाले वाहनों के आगे और पीछे बोल्ड अक्षरों में ‘राष्ट्रीय परमिट या एन/पी’ शब्द लिखा जाना जरूरी होगा। इसके लिए श्रेणीवार यानि वाहनों को खींच कर ले जाने वाली गाड़ियों पर ‘एन/पी’ शब्द वाहन के पीछे या बाई तरफ लिखा जाएगा, तो खतरनाक और ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले टैंकर का रंग सफेद होगा और टैंकर के आगे तथा पीछे दोनों तरफ निर्धारित सूचक अंकित होगा। इस नए नियम के तहत वाहन के सामने और पीछे प्रतिबंधित टेप लगाना भी अनिवार्य किया गया है। इस प्रस्तावित मसौदे में यह भी कहा गया है कि नए परिवहन वाहनों के लिए किसी तरह के फिटनेस प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं होगी। इस तरह के वाहनों के लिए पंजीकरण के 2 साल बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र की जरूरत होगी। मसौदे में यह भी प्रस्तावित है कि 8 साल तक पुराने वाहनों के फिटनेस प्रमाण-पत्र की नवीनीकरण अवधि 2 साल तथा 8 साल से अधिक वाले वाहनों के लिए नवीनीकरण की अवधि 1 वर्ष होगी। वहीं मसौदे में यह भी बताया गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र डिजिटल प्रारूप में दिया जा सकता है।
बंद गाडी में जाएगा माल
मसौदे के अनुसार सभी माल वाहक वाहनों के लिए जरूरी होगा कि सामान को बंद गाड़ी या कंटेनर में ले जाना होगा। यदि सामान को खुले वाहन में ले जाना जरूरी हुआ तो उसे तिरपाल या अन्य सुविधाजनक सामग्री से ढककर ले जाया जाएगा। यदि सामान अभाज्य प्रकृति का है और बंद वाहन या ढककर नहीं ले जाया जा सकता है तो ऐसी स्थिति में उसे बिना ढके भी ले जाया जा सकता है।
18July-2018

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