मंगलवार, 31 जुलाई 2018

स्विस बैंक में जमा भारतीय रकम में आई कमी

राज्यसभा में उठे सवाल पर बोली सरकार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दावा किया कि विदेशों में जमा काले धन पर रोक लगाने के‍ लिए उठाए गये कदमों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इन्हीं कदमों का परिणाम है कि वर्ष 2013 से 2017 के बीच भारतीयों के स्विस गैर बैंक ऋणों और जमा राशि में 80.2 प्रतिशत की कमी आयी है।
यह बात मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान हरियाणा से इनेलो सांसद राम कुमार कश्यप और अन्य पूरक प्रश्नों के जवाब देते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कही है। गोयल ने उन खबरों को भ्रामक बताते हुए खारिज किया, जिसमें स्विस बैंक में जमा भारतीय राशि में 50 फीसदी बढ़ोतरी बताई जा रही है। वित्त मंत्री गोयल ने ने सदन में जानकारी दी कि वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में स्विस बैंक में भारतीयों के पैसों में 34 प्रतिशत की गिरावट आई है, यही नहीं वर्ष 2013 से 2017 तक यानि मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान स्विस बैंक में भारतीयों की तरफ से नॉन बैंकिंग लोन और डिपॉजिट में 80.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह जानकारी गोयल ने बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट के आंकड़ों का हवाला देते हुए दी है। उनका कहना है कि स्विस बैंक में भारतीयों का जितना काला धन होता था, उसका लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा नॉन बैंकिंग लोन और डिपॉजिट के जरिए ही जमा किया जाता था।
सरकार ने क्या किये उपाय
वित्त मंत्री ने कहा कि कालेधन पर लगाम कसने की दिशा में मोदी सरकार द्वारा उठाए गये कदमों के तहत वित्तीय सूचनाओं को साझा करने के लिए एक बहुपक्षीय व्‍यवस्‍था बनाने के प्रयासों में भारत अग्रणी रहा है। इसके तहत सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्‍यवस्‍था (एईओआई) की गई है। सामान्य रिपोर्टिंग मानक (सीआरएस) पर आधारित यह व्‍यवस्‍था कर चोरी के मामलों से निपटने के वैश्विक प्रयासों में बहुत मददगार साबित हुई है। जिसमें सरकार को अन्य देशों में बसे भारतीयों के वि‍त्‍तीय खातों की जानकारी मिलती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने कई विदेशी सरकारों के साथ दोहरी कराधान निवारण संधि, कर सूचनाओं के आदान-प्रदान से जुड़ी संधि करों से जुड़े मामलों में प्रशासनिक सहयोग से जुड़े बहुपक्षीय समझौतों तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन से जुड़े बहुस्‍तरीय समझौते करने के मामलों में पहल की है। ऐसी ही संधि भारत और स्विजरलैंड के बीच दोहरा कराधान निवारण संधि के रूप में की गई है। इसके तहत भारत सरकार स्विजरलैंड के बैंकों में खाता रखने वालों के बारे में जानकारी हासिल कर सकती है। वहीं भारत ने विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (फाटका) के तहत अमरीका के साथ वित्‍तीय जानकारी साझा करने का समझौता किया है।
सत्ता संभालते ही बनाया जांच दल
राज्यसभा में रामकुमार कश्यप के सवाल के लिखित जवाब में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि काले धन का पता लगाने के लिए भारत सरकार की ओर से मई 2014 में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। यह दल काले धन और कर चोरी के मामलों की सख्त निगरानी कर रहा है। वहीं काले धन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने 2015 में काला धन (अघोषित विदेशी आय और परिसंपत्तियां) तथा कराधान कानून गत एक जुलाई 2015से प्रभावी है। उन्होंने दावा किया कि विदेशों में जमा काले धन से जुड़े किसी भी मामले में प्रामाणिक जानकारी मिलने पर सरकार द्वारा तुरंत कार्रवाई की जा रही है। 
25July-2018

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