शनिवार, 7 जुलाई 2018

वीजा प्रक्रियाओं को और सरल बनाएगी सरकार


सलाहकार समिति की बैठक में गृहमंत्री ने दिया बल

हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने आईवीएफआरटी की महत्ता को देखते हुए भारतीय नागरिकों तथा विदेशियों के लिए आप्रवासन तथा वीजा की प्रक्रियाओं को और सहज बनाने पर बल दिया है।  
गृहमंत्रालय के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को कोच्ची में आप्रवासन वीजा विदेशी पंजीकरण तथा ट्रैकिंक (आईवीएफआरटी) पर मंत्रालय से संबद्ध सलाहकार समिति की बैठक में यह बात कही और कहा कि गृहमंत्रालय आईवीएफआरटी की परियोजना मिशन मोड में लागू कर रहा है, जिसमें वैध अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को देश में आने के लिए सुगम आगमन व्यवस्था में सहायता देने की जरूरत है। वहीं भारत में ठहरे विदेशी लोगों को तेज और बाधा रहित तरीके से सभी वीजा संबंधी तथा कौनसुलर सेवाएं देने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि आप्रवासन सहायता में हमें सुरक्षा पहलुओं के साथ ही देश में पहले से मौजूद विदेशी लोगों की आवाजाही पर निगरानी व्यवस्था को सुदृढ करना जरूरी है। ई-वीजा योजना को मिल रहे प्रोत्साहन के मुद्दे पर राजनाथ ने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित हुआ है कि विदेशी लोगों को निश्चित स्थान पर आगमन से पहले किसी भारतीय अधिकारी से मुलाकात करने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए गृह मंत्रालय ने इस योजना के दायरे को बढ़ा कर इसमें ई-कांफ्रेंस तथा ई-मेडीकल अटेंडेंट वीजा को शामिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आप्रवासन ब्यूरों को आप्रवासन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मानव संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। वहीं आईवीएफआरटी परियोजना विदेश स्थित 165 मिशनों तथा 91 आप्रवासन चेक पोस्टों पर लागू की गई है और दिए गए समय के अंदर 132 भारतीय मिशनों में बायोमैट्रिक्स सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। गृह मंत्रालय अब सभी हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद और अधिक देशों में ई-वीजा के विस्तार पर काम कर रहा है। समिति की बैठक में गृह राज्य मंत्री हंस राज अहीर, गृह सचिव राजीव गाबा के अलावा समिति में शामिल दोनों सदनों से सांसदों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सेदारी की।
07July-2018


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