गुरुवार, 26 जुलाई 2018

संसद में विपक्ष का हंगामें के बावजूद हुआ कामकाज

दोनों सदनों शोर शराबे के कारण कुछ देर बाधित हुई कार्यवाही
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद में पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद विपक्ष धीरे-धीरे सरकार को घेरने की रणनीति अपनाता नजर आया। दोनों सदनों में सोमवार को आंध्र प्रदेश, मॉब लांचिंग व अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिसके कारण शून्यकाल के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। हालांकि बाकी समय में दोनों सदनों में कामकाज हुआ और बिलों पर चर्चा और कुछ बिल पारित भी कराए गये। 
उच्च सदन की सोमवार को शुरू हुई कार्यवाही के दौरान सीपीआई सांसद डी. राजा ने अलवर लिंचिंग पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर चर्चा की मांग उठाई। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भ्रष्टाचार निवारण बिल का मुद्दा उठाते हुए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे कि सीबीआई, ईडी को संविधान के अंतर्गत कार्य करना चाहिए। वह किसी राजनीतिक पार्टी का प्रतिशोध या वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों पर अत्याचार करने का काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह संस्थाएं डर का माहौल बना रही हैं। अभी सदन की कार्यवाही चलते 20 मिनट ही हुए थे कि तेदेपा सांसद वाईएस चौधरी और सीएम रमेश ने शून्यकाल के दौरान सदन आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा सदन में उठाया, तो सभापति ने उनकी ओर से दिये गये नोटिस को नियम 176 के तहत स्वीकार करने की बात बताई और कहा कि इस नियम के तहत इस मुद्दे पर मंगलवार को अल्पकालिक चर्चा होगी। इसके बावजूद तेदेपा तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर शोरशराबा करते हुए आसन के करीब आ गये, जिसके कारण सभापति को सदन की कार्यवाही को करीब 11.22 बजे दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
सदन नहीं प्रसारण हुआ स्थगित
राज्यसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान जब तेदेपा  व वाईएसआर कांग्रेस के सांसद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए  हंगामा करते हुए आसन के करीब आने लगे, जिनकी मांग की थी कि उनके मुद्दे पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम 168 के तहत चर्चा तत्काल चर्चा कराई जाए, जिसे अस्वीकार करते हुए सभापति एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण ही स्थगित यानि बंद करा दिया, जिसके कारण जारी प्रश्नकाल की कार्यवाही करीब 15 मिनट तक प्रसारित नहीं हो सकी।
लोकसभा में भी हंगामा
लोकसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान दौरान कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कठुआ-उन्नाव मामला उठाते हुए एनसीआरबी रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि देश में लगातार बलात्कार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बीच में ही उनकी बात काटते हुए कहा लात्कार को राजनीतिक रंग मत दीजिए, वह भी एक महिला हैं। लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजस्थान पुलिस की कार्रवाई मेरे लिए आश्चर्यजनक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान पुलिस गाय के नाम पर हिंसा करने वालों का साथ दे रही है। यह गौ रक्षक और पुलिस इसमें साथ है। वहीं सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ऑफिसर गैलरी में एक अधिकारी पर विपक्षी दलों की निगरानी करने का आरोप लगाया। खड़गे ने कहा कि वह चुपचाप हमारे सांसदों की गिनती कर रहा है जबकि उसे उस गैलरी में बैठने का हक नहीं है। भाजपा सांसदों ने कांग्रेस की इस आपत्ति को खारिज कर दिया।
संसद परिसर में प्रदर्शन
संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने टीडीपी सांसदों ने सोमवार को आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। वह आंध्र के पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
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अब माननीय ऑनलाइन भी दे सकेंगे नोटिस
राज्यसभा: लिखित नोटिस की व्यवस्था भी रहेगी जारी
अब राज्यसभा के सदस्य शून्य काल कार्य में प्रश्न उठाने तथा स्थगन प्रस्ताव एवं अल्पकालिक चर्चा की मांग को लेकर अपनी नोटिस ऑनलाइन भी दे सकेंगे।  सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज राज्यसभा में सदस्यों को बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए अब सदस्य अपनी नोटिस ऑन लाइन भी भेज सकते हैं लेकिन कोई सदस्य यदि लिखित तौर पर यह नोटिस भेजना चाहता है तो यह व्यवस्था भी जारी रहेगी।
नायडू ने की सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील
नायडू ने यह भी कहा कि कई बार सदस्य उनसे अपनी नोटिस के बारे में व्यक्तिगत तौर पर पूछताछ भी करते रहते हैं इसलिए वह उन्हें यह सलाह देते हैं कि बेहतर होगा कि वे इस बारे में अपनी पूछताछ राज्यसभा सचिवालय से करें लेकिन अगर वे उनसे ही जानना चाहते हैं तो कार्यालय में मिलकर अपनी नोटिस के संबंध में जानकारी हासिल कर सकते हैं। नायडू ने आशा व्यक्त की कि सदस्यों को सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने और ऑन लाइन नोटिस भेजने से उन्हें ही सुविधा होगी। उन्होंने सदस्यों को सदन में विलंब से आने और कार्यवाही के दौरान सदन से बाहर जाने के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की।
24July-2018

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