शुक्रवार, 6 जुलाई 2018

हाईस्पीड ब्रॉडब्रैंड से जुड़ेगी छग की ग्राम पंचायतें

एक साल में पूरा होगी भारत नेट फेज-2 परियोजना
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार की डिजीटल इंडिया पहल के तहत चलाई जा रही भारत नेट परियोजना में छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण की प्रस्तावित परियोजना के जल्द शुरू होने के संकेत हैं, जिसमें राज्य के सभी 27 जिलों में 5987 ग्राम पंचायतों को हाईस्पीड ब्राडबैंड से जोड़ा जाएगा।
देश की नामी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स लि. के प्रबंध निदेशक विनायक देशपांडे ने यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया पहल के तहत भारत नेट जैसी प्रतिष्ठित परियोजना को पूरा करने का काम उनकी कंपनी को सौंपा गया है। देशपांडे ने ऐलान किया कि कंपनी की ‘स्मार्ट सिटीज बिजनेस यूनिट’ छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण की प्रस्तावित नेटवर्क आर्किटेक्चर के लिए 3,057 करोड़ रुपये की इस परियोजना के तहत इंटरनेट प्रोटोकॉल-मल्टी प्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग (आईपी-एमपीएलएस) तकनीक के साथ ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का काम पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भारतनेट फेज-2 परियोजना के कार्यान्वयन हेतु छत्तीसगढ़ इंफोनेट प्रमोशन सोसाइटी (सीएचआईपीएस) प्राथमिक निकाय होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इस परियोजना के पूरा होने पर नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय निवासी खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी रोजाना की जिंदगी मे इंटरनेट की सुविधा का लाभ उठाने में समक्ष होंगे।
क्या है परियोजना
छत्तीसगढ़ राज्य में इस परियोजना के तहत अंडरग्राउंड ओएफसी लगाने के अलावा, टाटा प्रोजेक्ट्स आईपी-एमपीएलएस कोर नेटवर्क, रेडियो नेटवर्क भी बनाएगा और स्टेट नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर (एस-एनओसी) स्थापित होगा। इस प्रस्तावित ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को घरों, संस्थानों और उद्यमों को मापनीय बैंडविथ देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा इस नेटवर्क के अगले 8 साल के लिए ऑपरेशंस, संचालन, रखरखाव और सेवा प्रावधान किया जाएगा। राज्य के 27 जिलों में हाईस्पीड ब्रॉडबैंड और मोबाइल फोन कनेक्टिविटी मुहैया कराकर 85 ब्लॉकों और 5,987 ग्राम पंचायतों को लिंक करने के लिए 3,24,666 किमी की दूरी में 48 कोर ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएएफसी) नेटवर्क बिछाया जाना है, जिसके बाद 1 जीबीपीएस से 10 जीबीपीएस के बीच हाई स्पीड ब्रॉडबैंड वाईफाई के जरिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों को मुफ्त में संचार सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य काम शुरू होने से 12 माह का होगा। कंपनी के अनुसार चूंकि छत्तीसगढ़ में भारत का मोबाइल नेटवर्क का दायरे का सबसे कम 29 फीसदी है, इसलिए भारत सरकार का मकसद डिजिटल इंडिया पहल के तहत इस मेगा परियोजना का लाभ राज्य के 2.6 करोड़ से ज्यादा लोगों को देना है।
बुनियादी सुविधाओं का बढ़ेगा दायरा
छत्तीसगढ़ में इस परियोजना के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर पीडीएस, 102 (फ्री एम्बुलेंस सेवा) और 108 (आपातकालीन सेवा) समेत महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावपूर्ण ढंग से लोगों को मुहैया कराई जाएंगी। वहीं लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के साथ लोगों की बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच होने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। इसी प्रकार इंटरनेट नेटवर्क दुरस्त होने से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र की सभी पहलों को भी मदद मिलेगी। ऐसे जनरल सर्विस सेंटर्स की पहुंच बढ़ने से सरकार जी2सी (गवर्नमेंट टु सिटिजन) सर्विस और इसकी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों का प्रबंधन करने में सक्षम होगी।
06July-2018

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