
संसद का मानसून सत्र आज से शुरू
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
लोकसभा
अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के अलावा केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग बुलाई गई
सर्वदलीय बैठक में संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के
लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने के आश्वासन और अपील के बावजूद विपक्ष लामबंद
होकर दोनों सदनों में सरकार को घेरने की तैयारी में है। हालांकि सरकार भी विपक्ष
को माकूल जवाब देने के मकसद से संसद में रणनीति के साथ आने की तैयारी कर चुका है।
बुधवार
से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही को सुचारू
रूप से चलाने के लिए पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और विपक्ष के
मुद्दों के अलावा सरकार के एजेंडे पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की
अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विपक्ष को आश्वासन दिया गया कि विपक्ष के हरेक
मुद्दे पर सदन में चर्चा कराई जाएगी, जिसके लिए सरकार ने विपक्षी दलों से सहयोग की
अपील की। इसी प्रकार लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्यसभा के सभापति एम.
वेंकैया नायडू ने भी अपने अपने सदन के तमाम दलों के नेताओं की बैठक करके सदन की
कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की अपील की। दोनों सदनों की पीठ ने पार्टी के
नेताओं को नियमों का हवाला देते हुए सदन में व्यवस्था के तहत मुद्दे उठाने का
आग्रह किया, ताकि सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर सार्थक चर्चा कराई जा सके। इन
तीनों बैठकों में राजनीतिक दल के नेताओं ने सत्र के दौरान उठाए जाने वाले अहम मुद्दों
की जानकारी दी। सभी दलों ने बिना किसी व्यवधान या गतिरोध के संसद सत्र को सुचारू रूप
से चलाने और दोनों सदनों में रचनात्मक चर्चा पर सहमति भी जताई।
कांग्रेस
अविश्वास प्रस्ताव लाएगी
सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें
मानसून
सत्र के इन सर्वदली बैठकों के बावजूद कांग्रेस के नेतृत्व में लामबंद विपक्षी दल
आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाने पर कायम हैं। मंगलवार को लोकसभा
में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलाम नबी
आजाद ने एक संवाददता सम्मेलन के विपक्षी दलों की हुई बैठक में बनाई गई रणनीति की
जानकारी दी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कांग्रेस इस सत्र में महिला सुरक्षा, बेरोजगारी,
पीट-पीटकर हत्या किए जाने (लिंचिंग), किसानों की स्थिति, अनुसूचित जाति-जनजाति अत्यचार
विरोधी कानून, महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमत में बढ़ोतरी और स्विस बैंकों में भारतीयों
की ओर से पैसे जमा किये जाने में 50 बढ़ोतरी के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगी। उन्होंने
कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस सभी विपक्षी
दलों के संपर्क में है और लामबंद होकर एकजुटता के साथ इस प्रस्ताव को पेश किया
जाएगा। कांग्रेस के दोनों नेताओं ने मोदी सरकार पर घोषणा पत्र के वादे पूरे न करने
जैसे कई गंभीर आरोप भी लगाते हुए दावा किया कि केंद्र सरकार पर हर मोर्चे पर विफल
रही है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सभी विपक्षी दलों में
यह सहमति बनी है कि ईवीएम मशीन से चुनाव नहीं होना चाहिए और चुनाव की पुरानी विधि की
तरफ लौटना चाहिए। आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही
है और ऐसे में देश को बांटने की कोशिश कर रही है।
17July-2018
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें