शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

भारी भरकम एजेंडे के साथ संसद में आएगी सरकार!


डेढ़ दर्जन नए बिलों के साथ प्राथमिकता पर होंगे लंबित विधेयक
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार कल बुधवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में भारी भरकम एजेंडे के साथ आएगी। मसलन 18 नए विधेयकों के अलावा दोनों सदनों में लंबित 25 विधेयकों में तीन तलाक, मोटर वाहन और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए पिछड़ा वर्ग (दोहराव) विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक सरकार की प्राथमिकता में होंगे।
संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार के सामने राष्ट्रहित के मुद्दों से जुड़े कई विधेयक महत्वपूर्ण हैं, जिनमें छह अध्यादेशों को विधेयकों में बदलने की भी सरकार के सामने चुनौती होगी। संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार मानसून सत्र में 18 नए विधेयक पेश किये जाएंगे, जबकि लोकसभा में लंबित 15 और राज्यसभा में लंबित 10 विधेयकों में तीन तलाक और नया मोटर वाहन जैसे आधा दर्जन से अधिक विधेयक सरकार की प्राथमिकता में हैं, जिन्हें पारित कराने का प्रयास किया जाएगा। इन लंबित विधेयकों में राज्यसभा में लंबित तीन तलाक से जुड़ा मुस्लिम महिलाएं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक, पिछड़ा वर्ग (दोहराव) विधेयक, व्हिस्ल ब्लॉवर्स प्रोटेक्शन (संशोधन) विधेयक, अचल संपत्ति (संशोधन) विधेयक के अलावा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण विधेयक जैसे विधायी कार्य को अंजाम तक पहुंचना सरकार की प्राथमिकता होगी। इनके अलावा भगौड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश, आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश, न्यायालयों की कमर्शियल अदालतें, कमर्शियल डिविजन्स और कमर्शियल अपीलीय डिविजन्स (संशोधन) अध्यादेश, होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश तथा इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता (संशोधन) अध्यादेश के स्थान पर विधेयक के रूप में पारित करना भी सरकार की बड़ी चुनौती है।
18 बैठकों में 48 विधेयक
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार के अनुसार 18 जुलाई से 10 अगस्त तक मानसून सत्र के दौरान कुल 18 बैठकें होंगी, जिसमें 48 महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जाएंगे, जिनमें दोनों सदनों में लंबित 25 विधेयकों के अलावा 18 नए विधेयक भी पेश करके पारित कराने का प्रयास किया जाएगा। नए विधेयकों में अध्यादेश वाले छह विधेयकों के अलावा दिवालियापन और दिवालियापन संहिता संशोधन विधेयक, बांध सुरक्षा विधेयक, व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया(संशोधन)विधेयक, मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता (संशोधन) विधेयक, मध्यस्थता और समझौता (संशोधन) विधेयक, केंद्रीय सामान और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, एकीकृत सामान और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, संघ शासित प्रदेश सामान और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, सामान और सेवा कर (राज्यों के लिए मुआवजा) संशोधन) विधेयक, माइक्रो लघु और मध्यम उद्यम विकास (संशोधन) विधेयक, डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और आवेदन) विनियमन विधेयक भी शामिल हैं।
लोकसभा में लंबित बिल
लोकसभा में लंबित 15 विधेयकों में संविधान (एक सौ और बीसवां संशोधन) विधेयक, लोक परिसर (अनधिकृत व्यवसायियों का निष्कासन) संशोधन विधेयक, दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक, लोगों का प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, शिक्षक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक, वार्तालाप उपकरण (संशोधन) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, मेजर पोर्ट प्राधिकरण विधेयक, नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल, बच्चों के अधिकार मुक्त और अनिवार्य शिक्षा (द्वितीय संशोधन) विधेयक भी सरकार पारित कराने का प्रयास करेगी।
18July-2018

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