शनिवार, 1 नवंबर 2014

ईटीसी प्रणाली से जुडेेंगे 350 टोल प्लाजा!

हरियाणा समेत पांच राज्यों में 55 टोल प्लाजा पर लागू प्रणाली
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो पर टोल वसूली को आसान बनाने की कवायद में केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया विजन को पंख लगाते हुए दिल्ली-मुंबई राजमार्ग के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली को शुरू कर दिया है। इस प्रणाली से हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के रास्ते दिल्ली से मुंबई तक के 55 टोल प्लाजा पर यह प्रणाली लागू हो गई है। सरकार ने एक साल के भीतर देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो के 350 टोल प्लाजा को ईटीसी प्रणाल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के रास्ते दिल्ली-मुंबई राजमार्ग के लिए ईटीसी प्रणाली का उद्घाटन करने के बाद कहा कि इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया विजन को मूर्त रूप देने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस प्रणाली में नई तकनीकों और सुविधाओं जैसे टच-कार्ड, डेबिट कार्ड इत्यादि को समाहित किया जाएगा। उन्होंने इस प्रणाली को राष्ट्र को समर्पित किया, जो सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मना रहा है। उन्होंने कहा कि फास्टैग को निकट भविष्य में राज्यों की सीमा पर स्थित चेक पोस्ट पर ईंधन तथा प्रवेश शुल्क के भुगतान के लिए भी सुलभ कराया जाएगा। कुछ खास बैंक शाखाओं में स्थापित किए गए विक्रय केंद्रों पर फास्टैग उपलब्ध है। मौजूदा समय में आईसीआईसीआई बैंक फास्टैग की पेशकश कर रहा है। जल्द ही एक्सिस बैंक की ओर से भी फास्टैग उपलब्ध हो जाएगा। निकट भविष्य में टोल प्लाजा पर भी इस तरह के विक्रय केन्द्र स्थापित किए जायेंगे। गडकरी ने बताया कि ईटीसी को अब तक 55 टोल प्लाजा पर स्थापित किया जा चुका है और सेन्ट्रल क्लीयरिंग हाउस (सीसीएच) आॅपरेटरों के साथ इनका एकीकरण भी लगभग पूरा हो गया है। दिसंबर 2015 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर 350 इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली लागू करने की योजना है। मुंबई (चरौती) और अहमदाबाद के बीच 10 टोल प्लाजा की अंत: प्रचालनीय ईटीसी प्रणाली के लिए शुरू की गई पॉयलट परियोजना का भी परीक्षण कर लिया गया है। इस मार्ग पर समेकित ईटीसी प्रणाली सफलतापूर्वक काम कर रही है। इस मौके पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर,एनएचएआई के चेयरमैन आर.पी.सिंह, एनएचबीएफ के अध्यक्ष वी.सी. वर्मा तथा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इस नई ईटीसी प्रणाली से न केवल वाहन चालकों के समय, ईंधन और पैसे की बचत होगी, बल्कि प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी। यही नहीं, जब इस प्रणाली को देश भर में स्थित सड़कों पर भी सुलभ करा दिया जाएगा तो यह प्रणाली राष्ट्र को विकास के पथ पर आगे ले जाने में भी मददगार साबित होगी।
क्या है ईटीसी प्रणाली
मंत्रालय के अनुसार देश भर में ईटीसी लागू करने के लिए कंपनी अधिनियम-1956 के तहत एक नई कंपनी ‘भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड’बनाई गई है। जहां तक ईटीयी प्रणाली का सवाल है इसके लिए इस्तेमाल होने वाला फास्टैग दरअसल एक आरएफआईडी लेबल है जिसे वायुरोधी ग्लास के बीच में चिपकाया गया है। आपको सिर्फ अपने टैग खाते को रिचार्ज करना है और टोल प्लाजा पर स्थित तेज लेन से होकर गुजर जाना है। उपयुक्त टोल स्वत: ही आपके खाते की राशि में से कट जाएगा। इसके साथ ही वाहन चालक द्वारा पंजीकृत किए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस अलर्ट आएगा, जिसमें काटे गए टोल शुल्क और खाते में शेष बची राशि का जिक्र होगा। दिल्ली से मुंबई तक 55 टोल प्लाजा पर लागू हुई ईटीसी प्रणाली में से मौजूदा समय में पांच राज्यों में इस मार्ग पर स्थित 24 टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा उपलब्ध हैं।
राजस्व की बचत
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार पथ कर संग्रह की ईटीसी प्रणाली से फिलहाल दिल्ली-मुंबई मार्ग पर 1200 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी और पूरे देश में यह प्रणाली शुरू होते ही हर साल 34 हजार करोड़ रुपये के राजस्व की बचत होने का अनुमान है। वहीं टोल के कारण होने वाली देरी की वजह से 27 हजार करोड़़ रुपए की बचत में मदद मिलेगी और सात हजार करोड़ रुपये का ईंधन भी बचेगा। मसलन दिल्ली-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर 18 टोल प्लाजा हैं और वाहनों को इन ठिकानों पर शुल्क अदा करने में करीब 10 मिनट का समय लगता हैं जिससे कुल यात्रा में करीब 180 मिनट या तीन घंटे बर्बाद होते हैं। इस प्रणाली के लागू होने से जहां समय की बचत होगी, वहीं आर्थिक लाभ भी होगा।
01Nov-2014

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