शनिवार, 22 नवंबर 2014

शीतकालीन सत्र में नियत सीट पर बैठेंगे माननीय!


विपक्षी दलों के प्रमुखों को एक साथ दी गई जगह

लोकसभा में मंत्रियों व सांसदों की सीटों के नंबर हुए आबंटित
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।

लोकसभा सचिवालय ने आखिर माथापच्ची के बाद लोकसभा में केंद्र सरकार के मंत्रियों और विभिन्न दलों के सांसदों की सीटों का आबंटन करने की व्यवस्था को पूरा कर लिया है। मसलन संसद के शीतकालीन सत्र में सदन में नियत की गई सीटों से कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। सदन में इन माननीयों के सीटों पर बैठने की इस व्यवस्था में नौ सीटों को खाली रखा गया है।

संसद का शीतकालीन सत्र के 24 नवंबर से शुरू हो रहा है, जिसके लिए 545 सदस्यीय सदन में पार्टी स्तर पर निर्वाचित सांसदों के बैठने की व्यवस्था में हरेक सांसद की सीट का नंबर आवंटित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। हालांकि सदन में 550 सीटों की व्यवस्था है, फिर भी लोकसभा सचिवालय में तैयार किये गये रोडमैप के अनुसार सांसदों के लिए सदन में बैठने की व्यवस्था को अंजाम देने में करीब छह माह लग गये। सूत्रों के अनुसार सीटों के नंबर आबंटित होने में विलंब का कारण विपक्षी दलों के नेताओं का अग्रिम पंक्तियों में बैठने पर विवाद रहा है, हालांकि इस विवाद को देखते हुए सांसदों के लिए आबंटित सीटों में फिलहाल आठ सीटें ऐसी हैं जिन्हें किसी भी सांसद के लिए निर्धारित न करके उन्हें रिक्त रखा गया है। लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं है और विपक्षी खेमे में 44 सांसदों के साथ सबसे बड़ा समूह कांग्रेस का है। सदन के भीतर सामने की कतार यानि अग्रिम पंक्तियों में बैठने की सभी नेताओं को प्रतिष्ठा की खातिर बैठने आस रहती है। सदन में सत्तापक्ष के अलावा विपक्षी दलों के सदस्यों की स्थिति देखें तो कांग्रेस के 44, अन्नाद्रमुक के 37, तृणमूल कांग्रेस के 34 और बीजद के 20 सांसद हैं। तृणमूल के एक सांसद का पिछले महीने निधन हो गया, जिसके बाद उसके 33 सांसद रह गये हैं। इन दलों के सदन में नेताओं को अग्रिम पंक्ति में स्थान दिया गया है।
अग्रिम पंक्तियों की सीटों का आबंटन
सत्तापक्ष में अग्रिम पंक्ति की पहले नंबर की सीट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए निर्धारित है, जिसमें छह सीटें हैं। इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वरिष्ठ भाजपा सांसद एलके आडवाणी और पांच नंबर की सीट खाली रखी गई है, जबकि इस पंक्ति में छठे नंबर की सीट सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी को आबंटित की गई है। जहां तक सदन में अग्रिम पंक्ति की सीटों का सवाल उसमें दूसरे वर्ग में 98 व 99 नंबर की सीटें हैं जो क्रमश: विधि मंत्री डीवी सदानंद गौडा व सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी को दी गई है। तीसरे वर्ग में अग्रिम पंक्ति की दो सीटों 187 व 188 को क्रमश:उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते को दी गई है। चौथे वर्ग की अग्रिम पंक्ति में 273 से 277 तक छह सीटें हैं, जिन्हें क्रमश: सांसद रोडमल नागर, सुभाष पटेल, सुधीर गुप्ता, नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू तथा उपभोक्ता एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान के लिए तय की गई हैं। इसके बाद पांचवे वर्ग में अग्रिम दो सीटों 365 व 366 क्रमश: बीजद के सांसद भृतुहरि महताब व तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को आबंटित की गई है। सदन में लोकसभा अध्यक्ष के बाएं यानि विपक्षी खेमे के अंतिम वर्ग की पहली छह सीटों के आबंटन में कई दलों के नेताओं को स्थान दिया गया है। मसलन सीट संख्या 454 से लेकर 459 तक क्रमश: अन्नाद्रमुक के सदन में नेता पी.वेणुगोपाल, जद-एस प्रमुख एचडी देवगौडा, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस प्रमुख श्रीमती सोनिया गांधी, सदन में कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खडगे और लोकसभा उपाध्यक्ष डा. एम.थंबीदुरई के लिए निर्धारित की गई है।
रिक्त सीटे रहेंगी रहस्य
सूत्रों के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष के दायीं और पहली सीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांयी ओर यानि ठीक पीएम के सामने वाली सीट लोकसभा उपाध्यक्ष के लिए निर्धारित होती है। सदन में सीटों के निर्धारण में रिक्त रखी गई सीट संख्या 5 जो पीएम वाली सीट में शामिल है को परंपरागत रूप से बजट के दौरान बजट भाषण करने के दौरान प्रयोग में लाई जाती है, जहां से रेल या वित्त मंत्री बजट भाषण देते हैं। जबकि उससे पीछे की दूसरी पंक्ति में सीट संख्या सात को भी रिक्त रखा गया है। इसके अलावा रिक्त सीटों की संख्या क्रमश: 20, 304, 314, 346, 347, 361 तथा 404 किसी के लिए आबंटित नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार इन रिक्त सीटों के रिक्त रखने के पीछे का रहस्य अभी रहस्य बना हुआ है। हालांकि माना जा रहा है कि सीटों के आबंटन पर कुछ दलों के नेताओं की प्रतिष्ठा सामने आने पर उन्हें आबंटित जा सकती है।
विपक्षी खेमे में थी खींचतान
सोलहवीं लोकसभा के पहले दो सत्रों में सदन में सीटों की व्यवस्था के मुद्दे को विभिन्न राजनीतिक दल के नेता लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन के समक्ष उठा भी चुके थे और सुमित्रा महाजन इस मुद्दे पर पहले भी बैठक कर चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर पिछले दिनों से ही राजनीतिक दलों के बीच खींचतान और दबाव से निपटने के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय के सुझाव के साथ लोकसभा सचिवालय ने अपने आपको प्रमुख विपक्ष के रूप में देखने वाले कांग्रेस, अन्नाद्रमुक व टीएमसी के अलावा सपा, जद-एस, बीजद व अन्य विपक्षी दलों को अग्रिम पंक्तियों में स्थान देकर इस मुद्दे का समाधान करने का प्रयास किया गया है। सत्ता पक्ष भाजपा के बाद कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और तृणमूल कांग्रेस व बीजद के करीब 90 सांसद हैं, तो प्रमुख विपक्षी दल की अग्रिम पंक्ति में इन दलों के नेताओं के बैठने का मुद्दा बेहद फंसा हुआ था, जो लगभग दूर हो गया है। 
22Nov-2014 

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