सोमवार, 24 नवंबर 2014

भारी भरकम एजेंडे के साथ आएगी सरकार!

लंबित बिलों व मुद्दों की संसद में है भरमार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
मोदी सरकार कल सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में भारी भरकम एजेंडे के साथ आने की तैयारी कर चुकी है, जिसमें नए विधेयक, मसौदों और संशोधनों के अलावा संसद में लंबित बिलों व अन्य सैकड़ो मुदÞदों का निपटान करने का भी प्रयास किया जाएगा।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केवल 22 बैठकें तय की गई हैं, जिसमें सरकार के एजेंडे में कोयला खनन(विशेष प्रावधान) अध्यादेश-2014,टेक्सटाइल अंडरटेकिंग (राष्टÑीयकरण) कानून में संशोधन व वैधता से संबन्धित अध्यादेश को समाप्त करके इनके स्थान पर नए विधेयक पेश किये जाएंगे। पिछले सत्र के बाद केंद्रीय कैबिनेट में पारित मर्चेन्ट शिपिंग (संशोधन) विधेयक-2014 के अलावा स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर विधेयक-2014 भी प्रमुख हैं। वहीं लघु फैक्ट्री (रोजगार का नियमन एवं सेवाओं की दशा) विधेयक-2014, गर्भावस्था के दौरान मेडिकल उपचार (संशोधन) विधेयक-2014,नागरिकता एक्ट 1955 (संशोधन) और सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक-2014 के अलावा नई नागर विमानन नीति से जुड़े विधेयक प्रमुख रूप से नए रूप में पारित कराना सरकार का लक्ष्य है। हालांकि बीमा (कानून) संशोधन विधेयक-2008 को एक बार फिर से सरकार सदन के पटल पर रखेगी, जिसमें बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इनके अलावा सरकार के लक्ष्य पर संसद में पेश करने की कोशिश वाले विधेयकों में विवाह कानून (संशोधन) विधेयक, खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक, वस्तु एवं सेवा कर संविधान संशोधन विधेयक, लोकपाल एवं लोकायुक्त संशोधन विधेयक के अलावा भूमि अधिग्रहण (संशोधन) कानून में बदलाव करने के लिए विधेयक ला सकती है। तो एंटी हाइजैकिंग बिल और राष्ट्रीय महिला आयोग को कानूनी शक्तियां देने सहित जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक भी सरकार के एजेंडे में शामिल हैं।
लंबित विधेयक व मुद्दे
संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक संसद में इस करीब 67 लंबित विधेयकों की सूची सरकार के सामने है, जिसमें 59 विधेयक राज्यसभा और आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं। वहीं 722 महत्वपूर्ण मुद्दे संसद में लंबित पड़े हुए है, जिनमें राज्य सभा में विशेष उल्लेख के 399 मामले और लोकसभा में नियम 377 के तहत 323 मुद्दे लंबित पड़े हुए हैं। जहां तक लंबित विधेयकों का सवाल है उसमें मानसिक स्वास्थ्य सेवा बिल-2013, ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स (संशोधन) विधेयक-2013, एचआईवी (रोकथाम एवं नियंत्रण) विधेयक-2014 समेत 11 बिल तो स्वास्थ्य मंत्रालय के ही लंबित हैं, जबकि कारखाना(संशोधन) विधेयक-2014, दि अप्रेंटिसेंस (संशोधन) विधेयक-2014 के अलावा बाल श्रम (प्रतिषेध एवं नियमन)विधेयक-2012 तथा भवन और अन्य निर्माण कामगार संबन्धित कानून-2013 समेत नौ विधेयक श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबन्धित लंबित हैं। हालांकि अपे्रंटिस बिल को पिछले सत्र में लोकसभा ने पारित कर दिया था जिस पर राज्यसभा की मुहर लगनी है। इसी प्रकार लोकसभा में नियम 377 के तहत लंबित मुद्दों के अंबार में रेलवे के सर्वाधिक 48, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के 38, मानव संसाधन विकास के 25, जल संसाधन के 21, वन एवं पर्यावरण के 19, कृषि मंत्रालय के 18 मामले समेत कई दर्जन मंत्रालयों से जुड़े मामलों पर विचार होना शेष है। वहीं राज्यसभा में विशेष उल्लेख के लिए उठाए जाने वाले लंबित 399 मुद्दों में सर्वाधिक 50 मामले मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े हैं, जबकि रेलवे के 41, स्वास्थ्य मंत्रालय के 38, गृहमंत्रालय के 37, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के 21, सड़क परिवहन मंत्रालय के 20 प्रमुख रूप से लंबित पड़े हुए हैँ।
संसदीय समितियों के समक्ष बिल
सरकार के एजेंडे में ऐसे भी कई महत्वपूर्ण बिल हैं जो अभी विभाग संबन्धी संसदीय स्थायी समितियों के पास हैं और वे सत्र के दौरान सदन में अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती हैं। ऐसे विधेयकों में अशक्त व्यक्तियों के अधिकार संबन्धित विधेयक-2014, जुवेनाइल जस्टिस (बच्चों का संरक्षण एवं सुरक्षा) विधेयक-2014, रेलवे (संशोधन) विधेयक-2014, प्राधिकरण, अपीलीय प्राधिकरण और अन्य प्राधिकरण (सेवाओं की दशा)-2014 प्रमुख रूप से शामिल हैं। समितियों की रिपोर्ट आने पर संसद में इन्हें भी विचार के लिए पेश किये जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
बैठकों का कार्यक्रम
संसद के शीतकालीन सत्र में 24 नवंबर से 23 दिसंबर तक होने वाली 22 बैठकों में हालांकि केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा विधायी कार्य निपटाने का प्रयास करेगी। फिर भी उम्मीद की जा रही है कि इस सत्र सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर 26 एसे विधेयकों को सूचीबद्ध किया है जिन्हें सरकार इस दौरान पारित कराना चाहती है। इन 22 बैठकों में चार दिन तो सांसदों के निजी विधेयकों पर चर्चा के लिए निर्धारित किये गये हैं। हालांकि सरकार इस सत्र में 40 से भी ज्यादा विधेयक पेश करने के इरादे से हिस्सा लेगी।
24Nov-2014

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