शनिवार, 8 नवंबर 2014

कांग्रेस ने गठित की ‘शैडो कैबिनेट’

मोदी सरकार के मंत्रियों की होगी निगरानी
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
जब मोदी अपने केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार कर रहे हैं तो उससे पहले ही कांग्रेस ने अपनी सात शैडो कैबिनेट कमेटियां गठित कर दी हैं, जो केंद्र सरकार के कामकाज के मद्देनजर उनके मंत्रियों और ज्यादातर मंत्रालयों के कामकाज पर नजर रखेंगी।
लोकसभा में प्रतिपक्ष का पद हासिल करने में नाकाम रही कांग्रेस ने एक सशक्त विपक्षी दल की भूमिका निभाने की दिशा में समानांतर समितियों का गठन किया है, जिसमें गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई दलों के महामोर्चा बनाने के दावे को भी ध्वस्त करने के कांग्रेस ने संकेत दिये हैं, जो संसद में सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने का दावा कर कांग्रेस को चुनौती देने के प्रयास में हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस की यह रणनीति महामोर्चा बनाने का ऐलान करने के बाद सामने आई है। दरअसल कांग्रेस नहीं चाहती कि दूसरे स्थान की कांग्रेस के अलावा संसद में कोई तीसरी ताकत विपक्ष की भूमिका में उन्हें चुनौती दे। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निगरानी रखने की दिशा में मोदी सरकार के मंत्रियों एवं मंत्रालयों की नीतियों और निर्णयों के साथ कामकाज पर नजर रखने के लिए शैडो कैबिनेट का गठन कर उनका समितियों के रूप में विभाजन किया है। कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया है कि समितियों का गठन विभिन्न मुद्दों को देखने के लिए किया गया है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कांग्रेस रचनात्मक और कारगर विपक्ष की भूमिका निभा सके। वहीं कांग्रेस का मकसद मोदी सरकार पर दबाव बनाए रखना भी है।
किसकी नजर कहां होगी?
कांग्रेस हाईकमान ने समितियों का गठन इस प्रकार किया है कि कांग्रेस के नेता अपनी सरकार के अनुभव के आधार पर संबन्धित विभागों की निगरानी तकनीकी रूप से भी कर सकें। मसलन केंद्रीय वित्त, वाणिज्य, सूचना एवं प्रसारण तथा विदेशी मंत्रालयों की निगरानी का जिम्मे वाली समिति में वीरप्पा मोइली, आनंद शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल है। जबकि गृह, रक्षा और कानून मंत्रालय के लिए बनाई गई समिति में ऐके एंटनी, अश्विनी कुमार और राजीव सातव को शामिल किया गया है। इसी प्रकार दिग्विजय सिंह, अशोक चव्हाण और निनांग इरिंग की नजरें कृषि, पेयजल और स्वच्छता पर रहेंगी। कांग्रेस हाईकमान ने आॅस्कर फर्नांडिस एवं रंजीत रंजन के साथ मलिकार्जुन खड़गे को रेलवे और श्रम मंत्रालयों की समिति का जिम्मा सौंपा है। इसी प्रकार स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास संबंधी समिति में गुलाम नबी आजाद, जेडी सलीम और के. सुरेश को रखा गया है। जबकि मानव संसाधन विकास, पंचायती राज और पूर्वोत्तर मामलों पर समिति में मणिशंकर अय्यर, भालचन्द मुंगेकर और सुष्मिता देव की नजरें रहेंगी। ग्रामीण विकास एवं पर्यावरण पर समिति में केवी थामस, जयराम रमेश और गौरव गोगई को शामिल करके समिति का गठन किया गया है।
08Nov-2014

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