शनिवार, 25 मई 2024

हॉट सीट उत्तर पूर्वी दिल्ली: भाजपा के खिलाफ आसान नहीं कांग्रेस की चुनावी राह!

दो पूर्वांचली मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार के बीच दिलचस्प चुनावी जंग के आसार 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा, जिनमें से उत्तर पूर्वी लोकसभा सीट पर सबकी नजरें लगी हैं। लोकसभा चुनाव में इस बार यहां भाजपा और कांग्रेस के दो पूर्वांचली प्रत्याशियों के बीच बेहद दिलचस्प चुनावी मुकाबला होना तय है। इस सीट से लगातार दो बार से मौजूदा सांसद मनोज तिवारी पर भाजपा ने लगातार बढ़ते पार्टी के वोटग्राफ को देखते हुए तीसरी बार भी भरोसा जताया है। भाजपा को चुनौती देने और मनोज तिवारी की जीत की हैट्रिक के खिलाफ इंडिया गठबंधन की ओर से विवादित बयानों के लिए चर्चित कन्हैया कुमार कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि हाईप्रोफाइल बनी इस सीट पर भाजपा को चुनौती देने उतरे कन्हैया कुमार के लिए चुनावी वैतरणी को पार करने की पतवार खे लेना आसान नहीं लगता। फिर भी इस दिलचस्प चुनावी जंग में किसकी जीत और किसकी हार होगी, इसका पटाक्षेप तो चुनावी नतीजे से ही होगा। 
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकससभा सीट पर पर भाजपा प्रत्याशी एवं भोजपुरी गायक मनोज कुमार ने लगतार दो चुनाव जीत कर अपना अच्छा खासा दबदबा बनाया रखा है। यही कारण रहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने यहां से दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित को हराने मनोज तिवारी को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने तीसरी बार भरोसा जताया है। जबकि भाजपा ने राजधानी की बाकी छह सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। लेकिन इस सीट पर इंडिया गठबंधन के तहत आप के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही कांग्रेस ने भाजपा को चुनौती देने के लिए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में प्रत्याशी बनाया है। कन्हैया कुमार भाजपा के खिलाफ जहर उगलने और देश विरोधी नारों के लिए चर्चित रहे हैं। उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र के दायरे में आने वली विधानसभा की 10 सीटों में बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी, रोहतास नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर, मुस्तफाबाद और करावल नगर विधानसभा शामिल है, जिनमें अधिकांश सीटो पर आम आदमी पार्टी के विधायक है। इस लोकसभा सीट पर भाजपा के मनोज तिवारी, कांग्रेस के कन्हैया कुमार, बसपा के अशोक कुमार समेत 28 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 
ये है चुनावी इतिहास 
दरअसल परिसीमन आयोग द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में कराए गये परिसीमन के तहत उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र साल 2008 में अस्तित्व में आया। यहां पहला चुनाव साल 2009 में हुआ, जिसमें कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल ने 59.03 फीसदी वोट लेकर जीत दर्ज की थी और भाजपा के बीएल शर्मा को 33.71 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन साल 2014 के चुनाव में भाजपा के मनोज तिवारी ने 45.25 फीसदी वोट लेकर कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश अग्रवाल को पराजित कियायय, जिन्हे इस चुनाव में महज 16.31 फीसदी वोट मिल सके। जबकि पिछले 2019 के चुनाव में भाजपा के मनोज तिवारी ने दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित को हराकर सबको चौंका दिया था, और भाजपा को वोट बैंक बढ़कर 53.90 फीसदी तक पहुंच गया। इस चुनाव कांग्रेस की शीला दीक्षित को 28.83 फीसदी वोट मिले थे। 
  मतदाताओं का चक्रव्यूह 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर कुल 24,63,159 मतदाता हैं, जिनमें 13,26,940 पुरुष, 11,36,970 महिला और 149 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इस सीट पर 18-19 साल के 41,744 नए युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। यहां 85 साल से अधिक आयु वाले 12,030 मतदाता हैं, तो वहीं दिव्यांग मतदाताओं संख्या 14394 है। वहीं इस सीट पर 1346 सर्विस और 12 प्रवासी भारतीय मतदाता भी पंजीकृत हैं। 
क्या है जातीय समीकण 
उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र हैं, जहां बिहार और पूर्वी यूपी के सबसे ज्यादा करीब 28 फीसदी मतदाता हैं। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटी इस लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है, जहां मुस्लिम 23 फीसदी, ओबीसी 20 फीसदी, दलित 16 फीसदी, ब्राह्मण 11 फीसदी, गुर्जर 7.50 फीसदी, वैश्य (बनिया) 4.50 फीसदी, पंजाबी 4 फीसदी और बाकी अन्य मतदाता हैं। 
कौन हैं भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी 
भाजपा के प्रत्याशी मनोज कुमार ने भोजपुरी गायकी के अलावा कई फिल्मों में भी कार्य किया है। वह साल 2011 में बाबा रामदेव द्वारा रामलीला मैदान पर शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और अन्ना आंदोलन में सक्रिय रहे। इससे पहले उनकी सियासी पारी 2009 में समाजवादी पार्टी से शुरु की और गोरखपुर लोकसभा सीट से भाजपा के योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गये तो उस्रके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा, जहां उनकी राजनीति का सितारा बुलंद हो चुका है और पिछले दस साल से सांसद हैं। इस सीट से भाजपा को चुनौती देने चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के प्रत्याशी कन्हैया कुमार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(जेएनयू) से अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में आए थे, जिन्होंने अपनी छवि को राजनीतिक तौर पर निखारने के लिए पिछला लोकसभा चुनाव बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई(एम) के टिकट पर लड़ा था, लेकिन वह भाजपा के गिरीराज सिंह से हार गये। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए तो पार्टी ने इस बार उन्हें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाकर भाजपा प्रत्याशी एवं दो बार से मौजूदा सांसद मनोज तिवारी के सामने खड़ा किया है। देश विरोध नारों से चर्चा में आए कन्हैया लाल को जेल भी जाना पड़ा था। 
25May-2024

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