मंगलवार, 28 मई 2024

पंजाब: इंडी गठबंधन के कांग्रेस व आप के बीच चुनावी दंगल

भाजपा और शिअद भी इस बार अलग अलग वर्चस्व के संघर्ष को मजबूर 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। पंजाब में 13 लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान होगा। पंजाब के लोकसभा चुनाव पर सबकी नजरें होगी, जहां किसानों की नाराजगी झेलते हुए भाजपा, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी अकेले दम पर चुनावी जंग में कूदे हैं। कांग्रेस और आप विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावूजद अलग थलग होकर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं पिछले चुनाव में भाजपा और अकाली दल राजग गठबंधन में चुनाव लड़े थे, लेकिन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान किसानों का पक्ष लेते हुए अकाली दल राजग से अलग हो गया था, लेकिन केंद्र में भाजपा के साथ किसानों की नाराजगी उसके लिए भी कम नहीं है। किसानों के आंदोलन जमीन पर अब इन सभी सियासी दलों ने किसानों की मांगों पर फोकस को रखकर चुनावी मैदान में कदम रखा है। पंजाब में ऐसा पहली बार है जब भाजपा अकेले दम पर सभी सीटों पर चुनाव मैदान में हैं। अब देखना है कि इन चारों दलों के 52 प्रत्याशियों के बीच चुनावी जंग चतुष्कोणीय मुकाबले में किस-किस दल के 13 सांसद चुनावी जंग जीतकर लोकसभा में दाखिल होते है, यह चुनावी नतीजे ही तय करेंगे। 
देश की लोकसभा के लिए पंजाब में लोकसभा की सियासी जंग अन्य राज्यों से एकदम अलग देखी जा रही है। भाजपा की केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन के बाद तीनों कृषि कानूनों को स्थगित करके एमएसपी की कानूनी गारंटी पर समिति गठित करने तक की प्रक्रिया अपना चुकी है, लेकिन राजग से अलग हुई पंजाब के प्रमुख दल शिरोमणि अकाली दल के साथ पंजाब में सत्तारूढ़ रही कांग्रेस और मौजूदा आप सरकार भी किसानों की 23 फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी के सब्जबाग दिखा चुकी है। मसलन अभी तक ये चारो प्रमुख दल किसानों की कसौटी पर खरे नहीं उतर सके, तो जाहिर सी बात है इन लोकसभा चुनाव में इनके सामने किसानों को साधने की सबसे बड़ी चुनौती होगी। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में एक जून को होने वाले चुनाव में पंजाब में वैसे तो 328 प्रत्याशी हैं, लेकिन सभी सीटों पर चुनावी मुकाबला सत्तारूढ़ आप, कांग्रेस, भाजपा और शिअद के बीच यानी चतुष्कोणीय होना तय है, हालांकि कुछ सीटों पर त्रिकोणीय तो कुछ पर बहुकोणीय मुकाबला भी हो सकता है। इन प्रमुख दलों ने पंजाब में अपना अस्तित्व कायम करने के लिए जिस तरह की रणनीतियां तय की है, उनमें एक दूसरे दल के कद्दावर नेताओं में जोड़तोड़ की सियासत भी जमकर की है, लेकिन यहां की सियासत में किसानों की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया सकेगा। 
इन दिग्गजों की दांव पर होगी प्रतिष्ठा 
पंजाब में लोकसभा के लिए हो रहे 13 सीटों पर चुनाव में सभी दलों ने मजबूत रणनीति के साथ प्रत्याशियों को चुनाव मैंदान में उतारा है। भाजपा ने जालंधर से आप के इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को चुनाव मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर दांव खेला। पटियाला से भाजपा कांग्रेस से चार बार सांसद रह चुकी पूर्व सीएम अमरिन्दर सिंह की धर्मपत्नी परणीत कौर इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में है। बंठिंडा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर शिअद की प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में है। भाजपा ने उत्तर पश्चिम दिल्ली के मौजूदा सांसद एवं सूफी गायक हंसराज हंस को फरीदकोट से प्रत्याशी बनाया है, तो आप ने भी हास्य अभिनेता करमजीत अनमोल पर दांव खेला है। इस चुनाव में गुरदासपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनावी जंग में उतरे पर्वू उप मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह रंधावा की भी प्रतिष्ठा दांव पर होगी। 
पहली बार वोटिंग करेंगे 5.39 लाख युवा मतदाता 
पजांब की 13 लोकसभा सीटों पर 2,14,61,741 मतदाता अधिकृत होंगे, जिनमें 1,12,86,727 पुरुष, 1,01,74,241 महिला एवं 773 थर्डजेंडर मतदाता शामिल हैं। पंजाब में 18-19 साल की आयु वर्ग के 5,38,715 नए युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। जबकि राज्य में 1,58,718 दिव्यांग और 1,89,855 बुजुर्ग मतदाता 85 साल से ज्यादा आयु वर्ग कें पंजीकृत हैं। वहीं 3,151 महिलाओं समेत 1,05,455 सर्विस मतदाता भी पंजीकृत हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा 18,06,424 मतदाता पटियाला लोकसभा सीट पर पंजीकृत हैं। जबकि सबसे कम 15,52,567 मतदाता फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट पर मतदान करेंगे। 
पटियाला में सर्वाधिक पोलिंग स्टेशन 
पंजाब में कुल 24,451 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जिनमें 16517 ग्रामीण क्षेत्रों और 7934 शहरी क्षेत्रों में स्थापित किये गये हैं। इसमें गुरदासपुर में 1895, अमृतसर 1684, खडूर साहिब 1974, जालंधर 1951, होशियारपुर 1963, आनंदपुर साहिब 2068, लुधियाना 1843, फतेहगढ़ साहिब 1821, फरीदकोट 1688, फिरोजपुर 1903, बठिंडा 1814, संगरूर 1765 और पटियाला में 2082 पोलिंग स्टेशन बनाए गये हैं। 
जातीय समीकरण 
पंजाब में जाट सिख के बाद मालवा व माझा में मजहबी सिख आबादी सबसे बड़ी है। वहीं 32 फीसदी से अधिक दलितों की 39 जातियों में रामदासिया, रविदास समाज, मजहबी व मजहबी सिख, वाल्मीकि समाज, भगत अथवा कबीरपंथी प्रमुख हैं, वहीं इनमें निहाल सिंह वाला, जैतों भी शामिल। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में यह 37 फीसदी तक मानी जाती है। वहीं हिंदू आबादी की संख्या 39 फीसदी के करीब है। खास बात ये है कि पंजाब में वाल्मीकि खुद को हिंदू मानते हैं, जबकि मजहबी समुदाय खुद को सिख मानता रहा है। 
28May-2024

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